क्राइम रिपोर्टर// लखनलाल (कटनी// टाइम्स ऑफ क्राइम)
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इन दबंगों को अच्छे से मालूम है कि हमारे देश की कानून व्यवस्था कितनी कमजोर और लचर है की आये दिन दबंग लोग ऐसे कमजोर कानून की सरे आम धज्जियों उड़ाते नजर आते हैं। जबकि जब हमारे देश में कानून व्यवस्था जब लागू की जा रही थी उस वक्त कानून का अर्थ सिर्फ लोगों की सुरक्षा और हिंसक गतिविधियों की रोक थाम के लिये निरधारित की गई थी जिससे हमारे देश की आबो हवा अच्छी बनी रहे, किन्तु अब तो काननू के खद्दावर कहे जाने वाले चंद नेताओं की चाकारी करने से फुर्सत ही नहीं है तो उन गरीबों के साथ क्या हो जिनके ये राजनेताओं से को शहर के वरिष्ठ और दबंग लोगों को पूरी तरह हरम खोरी करने की छुट दे रखें हैं। कानून के नुमाइंदे तो जैसे कसम खा रखा है या फिर इनके रग-रग में इन दबंगों के सरपरस्ती देना समा चूकी है।
यही वजह है की गरीबों का विश्वास कानून व्यवस्था से उठता जा रहा है। तथा कानून का साथ देना कोई गरीब पसंद नहीं करता है। तब कानून से तंग आकर कोई सिर फिरा गरीब काई ऐसी हरकत कर बैठता है जिससे कानून के गलियारे एवं राजनीती में खलबली मंच जाती है। उसके बाद कानून अपने गिरेहबान को बचाने के लिये एक दूसरे पर दोष मढऩा चालू कर दिये जाते हैं किन्तु कोई ये नहीं कहता की आखिर ऐसा हुआ क्यों जवाब देते तो बनता नहीं हैं। और हमारे कानून की व्यवस्था बहुत अच्छी है की गरीब और लाचारों पर आरोप मढ़ के जेल की हवा खाने के लिये भेज दिया जाता है किन्तु उन दबंग और रईस व्यक्ति का भरपूर साथ देना ये तो प्रशासन का पुराना काम है। एक ऐसा ही कानून का सताया हुआ व्यक्ति जिसकी जमीन दबंगों ने लचर कानून का फायदा उठाते हुये एवं कुछ लालची एवं रिश्वतखोर पटवारियों से मिल कर ग्राम कारीतलाई निवासी राजाराम पटेल तहसील विजयराघवगढ़ जिला कटनी के साथ घटी है। दबंगों का साथ पटवारियों ने पूरी ईमानदारी के साथ निभाया और उस गरीब व्यक्ति को भूमि से बेदखल कर दिया और तो और उस गरीब को खाने के लाले भी पडऩे लग गये। और ये करिशमा पटवारियों ने एक जैसा नाम का फायदा उठाया और लाखों रूपये हजम कर गये और डकार तक नहीं लिया।
भटक रहा गरीब न्याय के लिए अधिकारी बने गूगें बहरे
राजाराम पटेल अपनी बेबसी और लाचारी में ऑंसू बहाते हुये न्याय के लिए गुहार लगा रहा है। इन जैसे गरीबों की सुननें वाला कोई नहीं क्योकि इन गरीबों से एक पैसा अधिकारियों को मिलता नहीं है। तो अधिकारी ऐसे गरीबों की कहॉ सुन पायेगें। इन गरीबों को अधिकारियों से फटकार के अलावा कुछ नहीं मिलता और जब ऐसा किसी गरीब का मामला होता है तो अधिकारी बहरे और गूगे हो जाते है। गरीब राजाराम पटेल इन आफिस एव अधिकारियों के चक्कर लगा रहा है।
गरीब लाचार कलेक्टर साहब के शरण में गया है
राजाराम पटेल सारे विभागों में आवेदन लगा लगा के थक गया तब थकहार के कलेक्टर अशोक सिंह की शरण में जाना पढ़ा। क्योंकि सारे अधिकारियों से विश्वास उठ चूका है। इसलिए कलेक्टर जाना पढ़ा। गरीब राजाराम पटेल का कहना है कि सारे अधिकारी तो घूस खाकर इतना घाग हो गये। कि इनसे चलतें नहीं बनता है। इसलिए मुझ गरीब को जिले के राजा से न्याय की गुहार लगाया हू। अब तो राजा का न्याय देखना बाकी रह गया है।
मिलती है धमकियॉ
ये गरीब अगर किसी अधिकारी के पास अपना आवेदन लगाने जाता है तो उसके पहले दंबग एॅव पटवारी अधिकारी के पास पहुच जातें है। और गरीब राजाराम को पटवारी एवं दबंग जो उस गरीब राजाराम की जमीन पर जबरजस्ती कब्जा कर बेदखल कर दिया है वही लोग धमकी देने से भी नहीं चूकते और अधिकारी भी रटा-रटाया डायलॉग के तरह बोलते है। कैमोर के महाकौशल ग्रामीण क्षेत्रीय बैंक मैनेजर तो खुली तरह से धमकाता है और कहता मेरा कोई क्या कर लेगा अभी तो भूमि हीन किये गये हो खाने के लाले पड़े हैं अगर आवेदन देना बंद नहीं किया तो आगे क्या होगा भगवान ही मालिक है।