आइये आपको समझाते हैं अम्बानी और मोदी मिल कर कैसे देश को चूना लगा रहे हैं। थोडा लम्बा है पर ये आपकी आँखें खोल देगा
अम्बांनी की रिलायंस को 7 साल के अंतराल के बाद रेलवे को डीजल सप्लाई करने का ठेका मिला है।
m.thehindubusinessline.com/companies/reliance-ind-beats-ioc-in-race-to-supply-diesel-to-railways/article6831084.ece/
ये ठेका इस आधार पर दिया गया है के रिलायंस IOC (सरकारी कम्पनी) के मुकाबले डीजल पर प्रति लीटर 1.50 रुपये का डिस्काउंट देगी।
अब आप पूछोगे के इसमें गलत क्या है?
मैं समझाता हूँ के क्या गलत है। गलत इस बात में है के क्यों रिलायंस तो 1.50 रुपये का डिस्काउंट दे सकती है और सरकारी कंपनी क्यों नहीं?
देखिये कैसे:
● सरकारी कंपनियां अधिकतर कच्चा तेल बाहर से आयात करती हैं जिस पर बाकी टैक्स के साथ साथ एक्साइज ड्यूटी भी लगती है। रिलायंस अधिकतर कच्चा तेल अपने देश में ही पैदा करती है जिस पर एक्साइज ड्यूटी नहीं लगती।
● ये सारा फर्जीवाड़ा एक्साइज ड्यूटी के जरिये ही किया गया है। समझिये कैसे।
जब सारे विश्व में कच्चे तेल के दाम कम हो रहे थे तब मोदी जी ने बाजार के हिसाब से दाम कम नहीं किये परन्तु कुछ दाम कम किये और बाकी की एक्साइज ड्यूटी बढ़ा दी।
रिलायंस को ये ठेका 28 जनवरी को दिया गया। लेकिन उसकी रूप रेखा 2 महीने पहले ही तैयार होनी शुरू हो गयी थी।
अक्टूबर तक डीजल पर एक्साइज थी करीब 1.46 रुपये प्रति लीटर।
●● 14 नवम्बर 2014 को एक्साइज ड्यूटी बढाई गयी 1.50 ₹
wap.business-standard.com/article/economy-policy/government-hikes-excise-duty-on-diesel-and-petrol-114111301000_1.html
●● 2 दिसम्बर 2014 को एक्साइज बढाई गयी 1 रुपये
m.ndtv.com/profit/government-hikes-excise-duty-on-diesel-petrol-707175
●● 2 जनवरी 2015 को एक्साइज बढ़ाई गयी 2 रुपये
wap.business-standard.com/article/economy-policy/petrol-and-diesel-excise-duties-hiked-third-time-in-seven-weeks-115010100735_1.html
●● 16 जनवरी 2015 को एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई गयी 2 रुपये।
m.moneycontrol.com/news/business/govt-hikes-excise-dutydiesel-petrol-by-rs-2litre_1276455.html
इस तरह कुल 6.50 रुपये एक्साइज ड्यूटी बढ़ा दी गयी।
1.46 रुपये प्रति लीटर से बढ़ा कर 7.96 रुपये प्रति लीटर कर दी गयी।
इस कारण से सरकारी कंपनियों को कच्चा तेल रिलायंस से महंगा पड़ने लगा। और मोदी द्वारा लगायी गयी अत्यधिक एक्साइज ड्यूटी लगाने के कारण और इसी कारण कच्चा तेल महंगा पड़ने के कारण सरकारी कंपनियां वो डिस्काउंट नहीं दे सकती।
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इस से आपको कैसे नुक्सान होता है??
1) अपने पर्सनल इस्तेमाल के लिए भी जो डीजल आपको 7 रुपये सस्ता मिलना चाहिए वो आपको महंगा मिलता है।
2) डीजल से ही अधिकतर ट्रक और ट्रांसपोर्टेशन होती है। डीजल महंगा होने से फल, सब्जियां, गेहूं, खाना, कपडे, सब कुछ महंगा मिलता है। अम्बानी के कारण आपके पेट पर लात पड़ती है
3) जो मुनाफा सरकारी कंपनी के पास जाना चाहिए वो अम्बानी की जेब में जाता है। अगर मुनाफा सरकार के पास आता तो सरकार आपके लिए सडकें बनाती, हस्पताल बनाती, स्कूल बनाती। लेकिन अब उन पैसों से अम्बानी की प्रॉपर्टी बनेगी।
तो सब लोग, जिन्होंने अच्छे दिन के लालच में वोट किया उनको ये जानकारी दो। क्योंकि ये बात आपको मीडिया कभी नहीं दिखायेगा। क्योंकि 1 साल पहले अम्बानी ने 4000 करोड़ खर्च करके कई सारे चैनल्स को भी खरीद लिया है।
अम्बांनी की रिलायंस को 7 साल के अंतराल के बाद रेलवे को डीजल सप्लाई करने का ठेका मिला है।
m.thehindubusinessline.com/companies/reliance-ind-beats-ioc-in-race-to-supply-diesel-to-railways/article6831084.ece/
ये ठेका इस आधार पर दिया गया है के रिलायंस IOC (सरकारी कम्पनी) के मुकाबले डीजल पर प्रति लीटर 1.50 रुपये का डिस्काउंट देगी।
अब आप पूछोगे के इसमें गलत क्या है?
मैं समझाता हूँ के क्या गलत है। गलत इस बात में है के क्यों रिलायंस तो 1.50 रुपये का डिस्काउंट दे सकती है और सरकारी कंपनी क्यों नहीं?
देखिये कैसे:
● सरकारी कंपनियां अधिकतर कच्चा तेल बाहर से आयात करती हैं जिस पर बाकी टैक्स के साथ साथ एक्साइज ड्यूटी भी लगती है। रिलायंस अधिकतर कच्चा तेल अपने देश में ही पैदा करती है जिस पर एक्साइज ड्यूटी नहीं लगती।
● ये सारा फर्जीवाड़ा एक्साइज ड्यूटी के जरिये ही किया गया है। समझिये कैसे।
जब सारे विश्व में कच्चे तेल के दाम कम हो रहे थे तब मोदी जी ने बाजार के हिसाब से दाम कम नहीं किये परन्तु कुछ दाम कम किये और बाकी की एक्साइज ड्यूटी बढ़ा दी।
रिलायंस को ये ठेका 28 जनवरी को दिया गया। लेकिन उसकी रूप रेखा 2 महीने पहले ही तैयार होनी शुरू हो गयी थी।
अक्टूबर तक डीजल पर एक्साइज थी करीब 1.46 रुपये प्रति लीटर।
●● 14 नवम्बर 2014 को एक्साइज ड्यूटी बढाई गयी 1.50 ₹
wap.business-standard.com/article/economy-policy/government-hikes-excise-duty-on-diesel-and-petrol-114111301000_1.html
●● 2 दिसम्बर 2014 को एक्साइज बढाई गयी 1 रुपये
m.ndtv.com/profit/government-hikes-excise-duty-on-diesel-petrol-707175
●● 2 जनवरी 2015 को एक्साइज बढ़ाई गयी 2 रुपये
wap.business-standard.com/article/economy-policy/petrol-and-diesel-excise-duties-hiked-third-time-in-seven-weeks-115010100735_1.html
●● 16 जनवरी 2015 को एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई गयी 2 रुपये।
m.moneycontrol.com/news/business/govt-hikes-excise-dutydiesel-petrol-by-rs-2litre_1276455.html
इस तरह कुल 6.50 रुपये एक्साइज ड्यूटी बढ़ा दी गयी।
1.46 रुपये प्रति लीटर से बढ़ा कर 7.96 रुपये प्रति लीटर कर दी गयी।
इस कारण से सरकारी कंपनियों को कच्चा तेल रिलायंस से महंगा पड़ने लगा। और मोदी द्वारा लगायी गयी अत्यधिक एक्साइज ड्यूटी लगाने के कारण और इसी कारण कच्चा तेल महंगा पड़ने के कारण सरकारी कंपनियां वो डिस्काउंट नहीं दे सकती।
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इस से आपको कैसे नुक्सान होता है??
1) अपने पर्सनल इस्तेमाल के लिए भी जो डीजल आपको 7 रुपये सस्ता मिलना चाहिए वो आपको महंगा मिलता है।
2) डीजल से ही अधिकतर ट्रक और ट्रांसपोर्टेशन होती है। डीजल महंगा होने से फल, सब्जियां, गेहूं, खाना, कपडे, सब कुछ महंगा मिलता है। अम्बानी के कारण आपके पेट पर लात पड़ती है
3) जो मुनाफा सरकारी कंपनी के पास जाना चाहिए वो अम्बानी की जेब में जाता है। अगर मुनाफा सरकार के पास आता तो सरकार आपके लिए सडकें बनाती, हस्पताल बनाती, स्कूल बनाती। लेकिन अब उन पैसों से अम्बानी की प्रॉपर्टी बनेगी।
तो सब लोग, जिन्होंने अच्छे दिन के लालच में वोट किया उनको ये जानकारी दो। क्योंकि ये बात आपको मीडिया कभी नहीं दिखायेगा। क्योंकि 1 साल पहले अम्बानी ने 4000 करोड़ खर्च करके कई सारे चैनल्स को भी खरीद लिया है।