जब मरीज को जानवरों को लगाई जाने वाली
ग्लूकोस की बॉटल चढ़ा दी गई, तो उसकी तबियत बिगड़ने लगी। बाद में डाक्टरों ने उसका इलाज किया। इस शिकायत के बाद प्रारंभिक जांच में एक नर्स को दोषी पाए जाने पर निलंबित कर दिया गया है।
रायसेन के वार्ड क्रमांक 7 गवोईपुरा निवासी 65 वर्षीय अजीज उल्लाह उर्फ मुन्ने खां टायर वाले को शुक्रवार की सुबह पेट दर्द और घबराहट होने पर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां नर्स दुर्गा धुर्वे ने उन्हें ग्लूकोस की बॉटल चढ़ाई। 10-15 मिनट बाद मरीज को खुजली चलने के साथ ही घबराहट होने लगी। जब मरीज के पुत्र नसीम उल्लाह ने बॉटल को देखा, तो उनके होश उड़ गए। दरअसल, जानवरों की ग्लूकोस मरीज को चढ़ा दी गई थी।इसकी जानकारी मिलते ही एसडीएम उमराव सिंह मरावी, डिप्टी कलेक्टर बूटा सिंह इवने जांच करने लिए अस्पताल पहुंच गए थे। एडीएम शशिभूषण सिंह ने भी अस्पताल पहुंचकर मरीज का हाल-चाल जाना। जांच पड़ताल के दौरान पैक कार्टून से जानवरों को लगाई जाने वाली ग्लूकोस की एक और बॉटल निकली। इसके बाद स्टोर में रखे सभी कार्टूनों को सील करने के बाद इनके उपयोग पर रोक लगा दी।
इस मामले में लापरवाही बतरने वाली नर्सको निलंबित कर दिया गया। कार्टून में 24 बॉटल होती हैं, उनके बीच में यह एक बॉटल निकली है। डेनिस कंपनी, गांधीनगर (गुजरात) द्वारा यह दवा रायसेन के साथ ही पूरे प्रदेश में सप्लाई की गई है।.
डॉ. एसी अग्रवाल, सिविल सर्जन जिला अस्पताल रायसेन
मरीज को पशुओं के उपयोग में आने वाली ग्लूकोस लगाने की जानकारी मिलने के बाद संयुक्त रूप से जांच पड़ताल की गई है। जिस कंपनी के कार्टून में यह दवा निकली है, उसके सभी कार्टूनों को सील करवा दिया गया है। साथ ही दवा के उपयोग पर भी रोक लगवा दी गई है।उमराव सिंह मरावी, एसडीएम रायसेन