Toc News @ Vinay David
भोपाल. राज्य शासन द्वारा कक्षा 9वीं में प्रवेश करने पर नि:शुल्क साइकिल वितरित करने की योजना का क्रियान्वयन समग्र शिक्षा पोर्टल द्वारा करवाने का निर्णय लिया गया है। इसके लिये सबसे पहले सभी शालाओं को अपने सही ग्राम से मेप करवाने की कार्यवाही की गई है। राज्य शासन ने 9वीं कक्षा के विद्यार्थियों को दी जाने वाली नि:शुल्क साइकिलों के वितरण का कार्य 31 अगस्त तक पूरा करवाने के निर्देश जिलों को दिये हैं। यह भी सुनिश्चित करने को कहा गया है कि नि:शुल्क साइकिल के लिये राशि का भुगतान हो गया हो तथा संबंधित द्वारा साइकिल खरीद ली गई हो। इसकी प्रविष्टि अनिवार्य रूप से एजुकेशन पोर्टल पर दर्ज करवाने को कहा गया है।
योजना में हितग्राही के बेंक खाते में 2400 रुपये की राशि जमा करवाई जायेंगी। एक बेंक खाता एक परिवार के लिये यूनिक होगा। प्रवेश के समय समग्र डॉटाबेस में विद्यार्थी का जो पता होगा उसी को उसका गृह-ग्राम माना जायेगा, जो पता बदलने पर पात्र नहीं होगा। शासन ने योजना के ऑनलाइन क्रियान्वयन के संबंध में सभी डीईओ को निर्देश जारी कर प्राचार्यों से कक्षा 9वीं में प्रवेशित विद्यार्थियों की प्रविष्टि निर्धारित प्रपत्र में करवाने को कहा है। प्रवेश के बाद साफ्टवेयर द्वारा विद्यार्थियों की पात्रता की जाँच कर प्राचार्य के लॉग-इन में संभावित विद्यार्थियों की सूची प्राप्त की जायेगी। प्राचार्यों को पोर्टल पर यूनिक आईडी पासवर्ड पहले से दिये जा चुके हैं। यह आवश्यक होगा कि प्राचार्य का पदनाम सही रूप में दर्ज हो। यदि किसी विद्यालय में प्राचार्य का प्रभार किसी अन्य शिक्षक के पास है तो डीईओ उसके यूनिक आईडी पर प्राचार्य की भूमिका को निर्धारित करेंगें।
संबंधित प्राचार्य द्वारा पात्रता-सूची का सत्यापन, बेंक खाता एवं मोबाइल/आधार नम्बर की जाँच तथा विद्यार्थी के गाँव में स्कूल नहीं होने की पुष्टि कर लॉक करने की कार्यवाही करेंगें। किसी विद्यार्थी को स्वीकृत और अस्वीकृत करने का अधिकार प्राचार्य को होगा तथा पात्रता निर्धारण के लिये वह पूरी तरह जिम्मेदार रहेगा। पात्रता को लॉक करने के बाद प्राचार्य द्वारा संकुल केन्द्र प्राचार्य/डीडीओ को भुगतान करने के लिये प्रस्ताव भेजा जायेगा। संकुल प्राचार्य को कोई सुधार या स्वीकृत/अस्वीकृत करने का अधिकार नहीं होगा। उनके द्वारा सीधे समग्र शिक्षा पोर्टल पर लॉग-इन कर साइकिल में जाकर मॉड्यूल देयक जनरेट किया जायेगा। देयक को कोषालय में भेजकर विद्यार्थी के खाते में राशि जमा करवाने की कार्यवाही की जायेगी। भुगतान के बाद देयक के व्हाउचर नम्बर की प्रविष्टि प्राचार्य द्वारा पोर्टल पर अनिवार्य रूप से करने पर भुगतान मान्य होगा।
योजना में ग्रामीण क्षेत्र के कक्षा 9वीं में पढ़ने वाले विद्यार्थी को अन्य ग्राम/शहर के स्कूल में जाने के लिये नि:शुल्क साइकिल दी जाती है। योजना का लाभ विद्यार्थी को एक ही बार मिलता है। उसे 9वीं कक्षा में पुन: प्रवेश लेने पर साइकिल की पात्रता नहीं होती।
भोपाल. राज्य शासन द्वारा कक्षा 9वीं में प्रवेश करने पर नि:शुल्क साइकिल वितरित करने की योजना का क्रियान्वयन समग्र शिक्षा पोर्टल द्वारा करवाने का निर्णय लिया गया है। इसके लिये सबसे पहले सभी शालाओं को अपने सही ग्राम से मेप करवाने की कार्यवाही की गई है। राज्य शासन ने 9वीं कक्षा के विद्यार्थियों को दी जाने वाली नि:शुल्क साइकिलों के वितरण का कार्य 31 अगस्त तक पूरा करवाने के निर्देश जिलों को दिये हैं। यह भी सुनिश्चित करने को कहा गया है कि नि:शुल्क साइकिल के लिये राशि का भुगतान हो गया हो तथा संबंधित द्वारा साइकिल खरीद ली गई हो। इसकी प्रविष्टि अनिवार्य रूप से एजुकेशन पोर्टल पर दर्ज करवाने को कहा गया है।
योजना में हितग्राही के बेंक खाते में 2400 रुपये की राशि जमा करवाई जायेंगी। एक बेंक खाता एक परिवार के लिये यूनिक होगा। प्रवेश के समय समग्र डॉटाबेस में विद्यार्थी का जो पता होगा उसी को उसका गृह-ग्राम माना जायेगा, जो पता बदलने पर पात्र नहीं होगा। शासन ने योजना के ऑनलाइन क्रियान्वयन के संबंध में सभी डीईओ को निर्देश जारी कर प्राचार्यों से कक्षा 9वीं में प्रवेशित विद्यार्थियों की प्रविष्टि निर्धारित प्रपत्र में करवाने को कहा है। प्रवेश के बाद साफ्टवेयर द्वारा विद्यार्थियों की पात्रता की जाँच कर प्राचार्य के लॉग-इन में संभावित विद्यार्थियों की सूची प्राप्त की जायेगी। प्राचार्यों को पोर्टल पर यूनिक आईडी पासवर्ड पहले से दिये जा चुके हैं। यह आवश्यक होगा कि प्राचार्य का पदनाम सही रूप में दर्ज हो। यदि किसी विद्यालय में प्राचार्य का प्रभार किसी अन्य शिक्षक के पास है तो डीईओ उसके यूनिक आईडी पर प्राचार्य की भूमिका को निर्धारित करेंगें।
संबंधित प्राचार्य द्वारा पात्रता-सूची का सत्यापन, बेंक खाता एवं मोबाइल/आधार नम्बर की जाँच तथा विद्यार्थी के गाँव में स्कूल नहीं होने की पुष्टि कर लॉक करने की कार्यवाही करेंगें। किसी विद्यार्थी को स्वीकृत और अस्वीकृत करने का अधिकार प्राचार्य को होगा तथा पात्रता निर्धारण के लिये वह पूरी तरह जिम्मेदार रहेगा। पात्रता को लॉक करने के बाद प्राचार्य द्वारा संकुल केन्द्र प्राचार्य/डीडीओ को भुगतान करने के लिये प्रस्ताव भेजा जायेगा। संकुल प्राचार्य को कोई सुधार या स्वीकृत/अस्वीकृत करने का अधिकार नहीं होगा। उनके द्वारा सीधे समग्र शिक्षा पोर्टल पर लॉग-इन कर साइकिल में जाकर मॉड्यूल देयक जनरेट किया जायेगा। देयक को कोषालय में भेजकर विद्यार्थी के खाते में राशि जमा करवाने की कार्यवाही की जायेगी। भुगतान के बाद देयक के व्हाउचर नम्बर की प्रविष्टि प्राचार्य द्वारा पोर्टल पर अनिवार्य रूप से करने पर भुगतान मान्य होगा।
योजना में ग्रामीण क्षेत्र के कक्षा 9वीं में पढ़ने वाले विद्यार्थी को अन्य ग्राम/शहर के स्कूल में जाने के लिये नि:शुल्क साइकिल दी जाती है। योजना का लाभ विद्यार्थी को एक ही बार मिलता है। उसे 9वीं कक्षा में पुन: प्रवेश लेने पर साइकिल की पात्रता नहीं होती।