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बिहार सरकार ने सूबे में पिछड़ा अति पिछड़ा,अनुसूचित जाति व जनजाति को 50 फीसदी तक नौकरियों में आरक्षण देने का ऐलान किया है। राजनीतिक नजरिए से यहीं नीतीश कुमार का बड़ा वोट बैंक भी है और तो वहीं नीतीश ने उन्हें आरक्षण के रूप में बड़ा तोहफा भी दिया है।
वहीं बिहार सरकार का कहना है कि आरक्षण का मकसद केवल सूबे में पिछड़ा अति पिछड़ा,अनुसूचित जाति व जनजाति को बढ़ावा देना है।
बता दें कि मंगलवार को हुई राज्य कैबिनेट बैठक में इस अहम प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी।नौकरियों में मिले इस आरक्षण का प्रावधान बिहार उच्च न्यायिक सेवा(एडेजी) और बिहार असैनिक सेवा,न्याय(जूडिशियल मजिस्ट्रेट) में लागू होगा।
इस प्रस्ताव को लेकर कैबिनेट में हुए फैसले के मुताबिक अब बिहार न्यायिक सेवा और उच्च न्यायिक सेवा में अति पिछड़ा को 21 प्रतिशत,तो अनुसूचित जाति को 16 प्रतिशत ,इसके साथ साथ पिछड़ा वर्ग को 12 प्रतिशत और अनुसूचित जाति को एक प्रतिशत आरक्षण का लाभ मिलेगा,जो कि कुल मिलाकर 50 प्रतिशत होगा।