TOC NEWS // 30 APRIL 2017
साध्वी चाहें तो राष्ट्रवाद, देशभक्ति, हिंदुत्व और भगवा आतंकवाद पर कांग्रेस से खुली बहस कर लें : के.के. मिश्रा
भोपाल । प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता के.के. मिश्रा ने मालेगांव बम विस्फोट मामले में मुम्बई हाईकोर्ट से जमानत होने के बाद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर द्वारा गुरुवार को कांग्रेस पर लगाये गए गंभीर आरोपों पर जोरदार हमला करते हुए उनके आरोपों को कुंठा व हताशा का प्रतीक बताते हुए उन्हें खुली चुनौती दे डाली है कि वे जब चाहें कांग्रेस, किसी भी फोरम पर राष्ट्रवाद, देशभक्ति, हिंदुत्व और भगवा आतंकवाद पर खुली बहस के लिए तैयार है। ‘‘हालाँकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कांग्रेस किसी भी धर्म, समाज और वर्ग विशेष के कट्टरवाद की पूर्ण विरोधी है।’’
श्री मिश्रा ने कहा कि अभी साध्वी की सिर्फ जमानत ही हुई है, वे आरोपों से बरी नहीं हुई हैं, बावजूद इसके यदि वे विस्फोटों से जुड़े हर मामले में पाक-साफ हैं तो वे ही बताएं कि 29 दिसम्बर, 07 को संघ प्रचारक, अजमेर विस्फोट के आरोपी व साध्वी के करीबी सुनील जोशी की हत्या किसने की? कुछ महीनों बाद इस प्रकरण का पुलिस द्वारा खात्मा कर दिए जाने के बाद प्रकरण की फाइल क्या कांग्रेस सरकार ने खोली? इस बहुचर्चित प्रकरण का खात्मा पुलिस ने किसके दबाव में किया, क्या तब कांग्रेस की सरकार थी? उन्हें लेकर सुनील जोशी की भतीजी द्वारा दिए गए सार्वजनिक बयान पर साध्वी का क्या कहना है?
जिस मालेगांव विस्फोट में उन्हें स्वास्थ्य कारणों से जमानत मिली है, इसी मामले में कर्नल पुरोहित को जमानत क्यों नहीं मिली? भगवा आतंकवाद यदि उनकी निगाह में आपत्तिजनक है, तो वे बताएं कि बाबरी विध्वंस, गुजरात के दंगे, मालेगांव, मक्की मस्जिद, अजमेर, समझौता एक्सप्रेस, पूर्णा, परभणी, जालना, नांदेड और इंदौर जिले के महू में हुए बम विस्फोटों को लेकर उनके सहित गिरफ्तार संघ प्रचारकों के रूप में सामने आये नाम स्वामी दयानंद, असीमानंद, हर्षद भाई सोलंकी, लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीकांत पुरोहित, मेजर रमेश उपाध्याय, समीर कुलकर्णी, रामजी कलसांगरा, दिलीप पाटीदार, श्याम साहू, संदीप डांगे, देवेंद्र गुप्ता, लोकेश शर्मा, शिवम् धाकड़, चंद्रशेखर लेवे आदि कौन हैं? यह सब नाम सामने आने के बाद संघ प्रमुख मोहन भागवत को 10 जनवरी, 2011 को यह क्यों कहना पड़ा था कि संघ में कुछ कट्टरवादी घुस आये थे, जिन्हें हमने निकाल दिया है?
श्री मिश्रा ने साध्वी से यह भी पूछा है कि अजमेर विस्फोट प्रकरण में जिन दो संघ प्रचारकों को (जिसमें सुनील जोशी की हत्या हो गई है) भी शामिल है, जयपुर की जिला न्यायालय ने उम्र कैद की सजा सुनाई है, वहीं म.प्र.में आईएसआई के लिए जासूसी के आरोप में पकड़ाए भाजयुमो के पदाधिकारी धु्रव सक्सेना को क्या वे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, राष्ट्रवादी व सच्चा देशभक्त मानती हैं? श्री मिश्रा ने साध्वी से आग्रह किया है कि बेहतर तो यही होगा कि वे अपने ही उन कायर साथियों और संगठनों को अपने कोप का शिकार बनायें, जिन्होंने उनका साथ नहीं दिया, हालांकि उसकी लिस्ट बहुत लंबी है।