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राजनैतिक भ्रष्टाचार के प्रामाणिक आरोपी राज्यमंत्री को मुख्यमंत्री का संरक्षण है प्राप्त
भोपाल, 02 अगस्त। प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता श्री के.के. मिश्रा ने उद्यानिकी और खाद्य प्रसंस्करण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री सूर्यप्रकाश मीना द्वारा उद्यानिकी की खेती करने वाले किसानों को इसका रकबा बढ़ाने, नवीन तकनीक सीखने और कोल्ड चेन सिस्टम से फसल को लंबे समय तक सुरक्षित रखने का तरीका सिखाने के लिए इजराइल, हॉलेंड, नीदरलैंड भ्रमण हेतु भेजने के लिए....
केंद्र सरकार की संचालित योजना में नियम विरूद्व राज्य मंत्री के पुत्र देवेश मीना व भतीजे कृष्णा मीना सहित मंत्रीजी के ही अन्य करीबियों को विदेश यात्रा कराये जाने को प्रामाणिक राजनैतिक भ्रष्टाचार निरूपित करते हुए राज्यपाल से उन्हें बर्खास्त किये जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि राज्यमंत्री जी ने मंत्रिपद का दुरूपयोग करते हुए सरकारी खजाने में भी राजनैतिक डाका डाला है, जो अक्षम्य अपराध की श्रेणी में आता है!
श्री मिश्रा ने कहा कि मप्र में भ्रष्टाचार को लेकर ‘‘जीरो टॉलरेंस’’ का बहुप्रचारित दावा करने वाले मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान अपने द्वारा संरक्षित अपने चहेते राज्यमंत्री श्री मीना के इस प्रामाणिक राजनैतिक भ्रष्टाचार को किस अपराध की श्रेणी में ले रहे हैं, सार्वजनिक होना चाहिए? श्री मिश्रा ने यह भी कहा कि राज्यमंत्री जी का सीधे तौर पर अपने बचाव को लेकर कहा गया वह कथन स्वागत योग्य है,
जिसमें उन्होंने कहा है कि ‘‘यदि मुख्यमंत्री चाहें तो मुझे हटा दें।’’ लिहाजा, यह भी स्पष्ट होना चाहिए कि राज्यमंत्री जी की यह राजनैतिक सदाशयता है या मुख्यमंत्री जी को दी गई चुनौती, यदि यह चुनौती है तो मुख्यमंत्री जी उन्हें किन मजबूरियों के तहत उन्हें पद से नहीं हटा पा रहे हैं?
श्री मिश्रा ने विवादास्पद राज्यमंत्री जी से विनम्रतापूर्वक यह भी पूछा है कि वे अपने पुत्र को मंत्री पिता के स्थान पर किस अधिकार के तहत जनसुनवाई करने की अनुमति दे रहे हैं? अपने पुत्र, भतीजे और अन्य परिचितों को सरकारी खर्च से करायी गई विदेश यात्रा को लेकर यदि उनके इस तर्क पर विश्वास कर लिया जाये कि ‘उनका पुत्र भी एक किसान है’
तो यह उन्हें यह भी स्पष्ट करना चाहिए कि केन्द्र सरकार की उक्त उल्लेखित गाईड लाईन को दरकिनार कर उन्होंने गेहूं और सोयाबीन की खेती करने वाले पुत्र-भतीजे व अन्य परिचितों को उद्यानिकी खेती का किसान कैसे बना दिया? यही नहीं राज्यमंत्री जी की अनुशंसा पर लालाराम पिता रामसिंह मीना, संतोष पिता रामराज मीना, मानसिंह पिता निर्भयसिंह रावत का नाम अलग से क्यों जोड़ा गया?