TOC NEWS @ www.tocnews.org
मध्य प्रदेश के मंदसौर में 7 साल की मासूम के साथ हुई हैवानियत को लेकर पूरा देश उबाल पर है। लोग आरोपियों को सख्त से सख्त सजा देने की मांग कर रहे हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी शुक्रवार को अस्पताल में फोन कर डॉक्टरों से बच्ची का हालचाल जाना। उन्होंने आरोपियों को फांसी की सजा देने की भी मांग की है। लेकिन उन्ही के विधायक इस मामले में भी राजनीति करने से बाज नहीं आ रहे हैं।
दरअसल, शुक्रवार को मंदसौर के बीजेपी सांसद सुधीर गुप्ता बच्ची का हालचाल जानने अस्पताल गए थे। वहां उन्होंने डॉक्टरों से बच्ची की तबीयत के बारे में पूछा और बच्ची के परिवार से भी मुलाकात की। इस दौरान सांसद के साथ बीजेपी विधायक सुदर्शन गुप्ता भी थे। उन्होंने शर्मनाक राजनीति का नमूना पेश करते हुए बच्ची के माता-पिता से कहा कि वो मंदसौर के सांसद जी को धन्यवाद बोलें, क्योंकि वह स्पेशल उनसे ही मिलने अस्पताल आए हैं।
इसे भी पढ़ें :- मुख्यमंत्री ने संभागायुक्तों और पुलिस महानिरीक्षकों को दिये निर्देश, अवैध खनन के वाहन राजसात करें
हैवानियत का दूसरा आरोपी भी गिरफ्तार
बता दें कि मासूम के साथ हैवानियत की सारी हदें पार करने वाले दूसरे आरोपी को भी पुलिस ने शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने उसकी पहचान आसिफ के रूप में की है। फिलहाल उससे पूछताछ चल रही है। उसके बाद उसे कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया जाएगा।
इससे पहले पुलिस ने एक आरोपी इरफान खान को बुधवार को ही गिरफ्तार कर लिया था। उसकी गिरफ्तारी सीसीटीवी फुटेज के आधार पर की गई थी। फुटेज में वह बच्ची को अपने साथ ले जाता दिखाई दे रहा था। आरोपी इरफान खान को 2 जुलाई तक रिमांड पर लिया गया है। उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया है।
इसे भी पढ़ें :- सर्जिकल स्ट्राइक पर बहस में संबित पात्रा ने खोया आपा, कहा राहुल गाँधी को जूते से मारो
जिंदगी और मौत से जूझ रही है बच्ची
बच्ची इस समय इंदौर के अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच झूल रही है। घटना से मंदसौर और आसपास के इलाकों के लोगों में भारी आक्रोश है। शुक्रवार को नीमच और रतलाम बंद रहा जबकि बृहस्पतिवार को मंदसौर बंद था। कई संगठनों ने दरिंदे को फांसी देने की मांग को लेकर जुलूस भी निकाले। यह संगीन मामला बुधवार का है। पुलिस के अनुसार, मंदसौर के एक प्राइवेट स्कूल की कक्षा तीसरी की बच्ची मंगलवार शाम से लापता थी। उसकी दादी ने दिन में 12 बजे स्कूल छोड़ा था, शाम को छुट्टी के 15 मिनट बाद पिता लेने पहुंचे तो वह नहीं मिली। तमाम जगह तलाशने के बाद जब पता नहीं चला तो रात को कोतवाली पुलिस को खबर की गई।
इसे भी पढ़ें :- सुशील मोदी की ज़िन्दगी में आया भूचाल, तेजस्वी ने उठाया इस घोटाले से पर्दा, पेश किये सबूत
बुधवार सुबह करीब साढ़े 11 बजे कंदोया गली के रहने वाले नरेंद्र सोनी ने बच्ची को एक नाले के पास झाड़ियों से बाहर निकलते देखा। वह ठीक से चल नहीं पा रही थी। चेहरा लहूलुहान था और शरीर पर कई घाव थे। पुलिस उसे जिला अस्पताल लेकर गई, जहां से बच्ची को इंदौर के सरकारी एमवाई अस्पताल रेफर कर दिया गया। गंभीर हालत देखते हुए बुधवार रात को ही उसके कई ऑपरेशन किए गए।
एमवाई अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि बच्ची की हालत देखकर वे भी अंदर से हिल गए थे। बच्ची का रैक्टम बुरी तरह फट गया था और आंतें बाहर आ गई थीं। चेहरे पर घाव थे, जिन्हें ढकने के लिए ल्यूकोप्लास्टी की गई है। पीड़िता के साथ उसके माता-पिता हैं। पुलिस के गार्ड भी तैनात हैं। एमवाईएच के डॉ. बृजेश लाहोटी के अनुसार, बच्ची की हालत स्थिर है।
एमवाई अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि बच्ची की हालत देखकर वे भी अंदर से हिल गए थे। बच्ची का रैक्टम बुरी तरह फट गया था और आंतें बाहर आ गई थीं। चेहरे पर घाव थे, जिन्हें ढकने के लिए ल्यूकोप्लास्टी की गई है। पीड़िता के साथ उसके माता-पिता हैं। पुलिस के गार्ड भी तैनात हैं। एमवाईएच के डॉ. बृजेश लाहोटी के अनुसार, बच्ची की हालत स्थिर है।
इसे भी पढ़ें :- प्रधानमंत्री जी से पूछिए तो कि वे भारत को विश्व गुरु बना रहे हैं या बेवकूफ बना रहे हैं ?
इस बीच पीड़िता के पिता ने कहा, ‘मैं चाहता हूं कि आरोपी को चौराहे पर सबके सामने फांसी दी जाए। हमारी आत्मा को शांति तभी मिलेगी। मैं अपनी बेटी को खोना नहीं चाहता हूं।’ उन्होंने बच्ची का इलाज इंदौर के बॉम्बे अस्पताल में कराने की गुहार भी लगाई। इस बीच, मामले की जांच के लिए 15 अधिकारियों की टीम बनाई गई है। यह टीम सात दिन में डीएनए टेस्ट कराके 20 दिन के भीतर चालान पेश कर देगी।
बच्ची के जख्मों को देख कांप गए डॉक्टर
एमवाई अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि बच्ची की हालत देखकर वे भी अंदर से हिल गए थे। बच्ची का रैक्टम बुरी तरह फट गया था और आंतें बाहर आ गई थीं। चेहरे पर घाव थे, जिन्हें ढकने के लिए ल्यूकोप्लास्टी की गई है। पीड़िता के साथ उसके माता-पिता हैं। पुलिस के गार्ड भी तैनात हैं। एमवाईएच के डॉ. बृजेश लाहोटी के अनुसार, बच्ची की हालत स्थिर है।
हैवान को चौराहे पर दी जाए फांसी : पिता
इस बीच पीड़िता के पिता ने कहा, ‘मैं चाहता हूं कि आरोपी को चौराहे पर सबके सामने फांसी दी जाए। हमारी आत्मा को शांति तभी मिलेगी। मैं अपनी बेटी को खोना नहीं चाहता हूं।’ उन्होंने बच्ची का इलाज इंदौर के बॉम्बे अस्पताल में कराने की गुहार भी लगाई। इस बीच, मामले की जांच के लिए 15 अधिकारियों की टीम बनाई गई है। यह टीम सात दिन में डीएनए टेस्ट कराके 20 दिन के भीतर चालान पेश कर देगी।