पडख़ुरी नं. 2 गांव के गरीब निराश्रित जन भूंखे और लाचार,
इन्हें भी नहीं छोड़ रहा भ्रष्टाचार
जिला चीफ ब्यूरो // दीप नारायण (सीधी // टाइम्स ऑफ क्राइम)
ब्यूरों से सम्पर्क : 98932 11126
सीधी. क्षेत्र के आश्रितों से प्राप्त जानकारी अनुसार, पडख़ुरी ग्राम नं.2 के लोगों के अनुसार यहां के निराश्रित जन जिन्हें राज्य सरकार द्वारा प्रतिमाह निराश्रित पेंशन राशि योजना का लाभ दिलाया जा रहा है लेकिन सीधी के पंचायतीराज द्वारा इसका पालन सुचारू रूप से नहीं हो पा रहा, पडख़ुरी ग्राम नं.2 के हितग्राही को पिछले आठ महीनों से किसी प्रकार की राशि उपलब्ध नहीं हो सकी है। निराश्रितों से मिलने पर उन्होनें बताया कि साहब पिछले आठ महीनों से खाने को मोहताज है न ही कलेक्टर साहब हमें खाना देने तो नहीं आयेंगे और न ही सी.ओ. साहब। अब सरपंच महोदय जी तो राशि देना चाहतें हैं, लेकिन यहां के पूर्व सचिव योगेन्द्र शर्मा जो छ: महीने पूर्व ही पद से हटाये जा चुके हैं वो हम लोगेां का नाम और सारी जानकारी जो उनके पास रहती है सरकारी कागजात जिसमें हमसे हस्ताक्षर करवाते थे वो सब सरपंच को लौटाने के लिए तैयार नहीं है। इसमें हम गरीबों का क्या दोष? हमें हमारा अधिकार पाने के लिए एक मात्र गांव के मुखिया ही सहारा है। उनके द्वारा कलेक्टर को जानकारी दी गई, सी.ओ. (जनपद पंचायत) को भी अवगत कराया। सी.ओ. द्वारा सारे रिकार्ड पूर्व सचिव योगेन्द्र शर्मा को भारमुक्त करने तथा रिकार्ड सौंपने का आदेश दिया गया। लेकिन आज छ: महीने के बाद भी सरपंच और सचिव के झगड़े को सुलझाने और सारी योजनाओं को सुचारू रूप से चलाने में न तो कलेक्टर महोदय द्वारा कुछ कार्यवाही हुई और न ही सी.ओ.(जनपद पंचायत सीधी) द्वारा कोई कार्यवाही की गई। कागज में कई बार आदेश कर चुके हैं मगर इसका पालन अगर पूर्व सचिव योगेन्द्र शर्मा नही कर रहा। अब तक अधिकारियों द्वारा कोई कड़ी कार्यवाही नही की जा रही। अब लोगों का कहना है कि पूर्व सचिव जो कि पिछले पंच वर्षीय में भी कार्यरत थे तो उनसे सी.ओ.साहब से पहचान है वो ले-देकर चुप-चाप कार्यवाही को वहीं पर रोक देते हैं। हम गरीब पिछले कई महीनो से निराश्रित राशि नहीं पायें हैं, अनाज लेने के दाम भी नहीं हैं अब तो इन दिनों ठण्ड भी पड़ रही है कम्बल कहां पायें? किसी तरह गुजर कर रहे हैं पर ये समझ में नहीं आ रहा कि इस गांव का काम कब खुलेगा? पिछले 18 महीने से कोई भी रोजगार का काम भी नही खुला। पानी पीने के लिए सरपंच द्वारा कुंआ भी खुदवाये गये थे पर उसका काम भी पूरा न होने से वो भी सूखने के कगार पर है। हम कहां जायेें? इन सब का कारण तो हमें नहीं पता, बस इतना ही जानते हैं कि पहले जो सचिव थे वो अब निकाल दिये गयें हैं, अब उनसे कहने पर कहते हैं सरपंच जाने और सरपंच जी से कहने पर उनका कहना है रिकार्ड ही नही है हम किस आधार पर आप लोगों को दिलवायें, हम प्रयास कर रहे हैं लेकिन और क्या करें? हम लोग कलेक्टर महोदय से अनुरोध करते हैं कि इस ओर विचार करें और न्याय दिलायें।
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