प्रतिनिधि// सावित्री लोधी (अशोक नगर//टाइम्स ऑफ क्राइम)
ब्यूरो प्रमुख से सम्पर्क 98262 85581
अशोक नगर। नगर में चारों तरफ ट्यूशन बाजी के मारे दिखाई दे रहे हैं विधालय मे छात्रों को पढाने में रूचि न लेने वाले शिक्षक घर पर छात्रों को पढाकर अच्छी खासी फीस वसूल करने में लगे हुऐ हैं। कुछ शिक्षक तो छात्रों को ट्यूशन के लिए दबाब भी बनाते देखे जा सकते हैं। इन ट्यूशन की दुकानों पर ग्रामीण अंचल में पदस्थ वे शिक्षक भी हैं जो गांव में न पढाकर प्रायवेट तौर पर टयूशन करते नजर आते हैं तथा अन्य प्रायवेट विधालयों में पढाने वाले शिक्षक भी इस धंधे में लिप्त हैं। इतना ही नहीं एक मात्र कन्या विधालय जिसमें करीब दो हजार के लगभग छात्राएं पढती हैं। जिसके प्राचार्य नीरज शुक्ला अंग्रेजी के व्याख्यता भी हैं, इसी के साथ उनकी पत्नि श्रीमति संध्या शुक्ला भी पदस्थ हैं। उनका निवासी पछाडी खेडा रोड पर स्थित हैं। सुबह से शाम तक टयूशन का गोरखधंधा दोनों के द्वारा चलाया जाता हैं। क्योंकि छात्राओं के मन में यह बात रहती हैं कि सर प्राचार्य भी हैं, निश्चित ही परीक्षाओं में भी दो-पंाच नंबर पढा देंगे। इसलिए इनके द्वार पर अन्य शिक्षकों की अपेक्षा ट्यूशन का धंधा जोरों पर चलता हैं। इतना ही नहीं केवल वही छात्रा ट्यूशन से वंचित रह जाती हैं जिनके पालकों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं हैं। ट्यूशन के इस धंधे में वह शिक्षक भी शामिल हैं जिनको शासन इमानदारी से स्कूलों मेें पढ़ाने के लिए 15 से 20 हजार रूपये तक की वेतन प्रतिमहा सरकार देती हैं। ये सरकारी शिक्षकों की वेतन व ट्यूशन से मासिक आय का आंकलन किया जाये तो प्रत्येक शिक्षक की मासिक आय लगभग हजारों रूपये तक पहुंचती हैं। आज कल प्रायवेट स्कूलो में पढाने वाले शिक्षक भी कम वेतन पर भी नौकरी के लिए तैयार हो जाते हैं। क्योंकि उन्हें उस में पढाने के ऐवज में हजारों रूपये की ट्यूशन पर्याप्त मात्रा में मिल जाती है। इस ओर प्रशासन का बिल्कुल भी ध्यान नहीं हैं कि शासकीय शिक्षकों के खिलाफ कोई कार्यवाही की जावे जो इस ट्यूशन रूपी धंधे मे लिप्त हैं सरकारी स्तर पर ट्यूशन प्रथा पर रोक लगाने संबंधी ऐलान तो किये जाते हैं पर हकीकत और ही होती हैं। टयूशन बाजी के खिलाफ छात्र संघ पूर्व में भी एन।एस.यू.आई., विधार्थी परिषद अपनी आवाज बुलंद करते रहें हैं फिर भी नतीजा ढांक के तीन पात हैं।
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