क्राइम रिपोर्टर// सरला पाण्डेय (अम्बिकापुर // टाइम्स ऑफ क्राइम)
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छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के 10 वर्ष पश्चात भी शासकीय कार्यालयों की कार्यप्रणाली में कोई सुधार नहीं आया है, उम्मीद थी की नये राज्य के गठन के पश्चात अधिकारी एवं कर्मचारी स्वमेव अपने व्यवहार में सुधार लायेंगे। लेकिन कोई परिवर्तन न आने से नागरिकों को निराशा ही मिली है। अम्बिकापुर स्थित क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी के कार्यालय का सारा कार्य एजेंटों के माध्यम से होना दुर्भाग्यपूर्ण है। दु:ख तो इस बात की है कि अधिकारी स्वयं एजेंटों को शासकीय अभिलेख, फाइल, रिकार्ड उठाने के लिये कहते हैं। कार्यालय के सभी कर्मचारी एजेंटों के माध्यम से अवैध कमाई करते हैं, इसलिए कोई विरोध नहीं करता। उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ शासन के परिवहन विभाग ने आरटीओ विभाग के कार्य कराने के लिए एजेंटों को मान्यता नहीं दी है तथा शासकीय कार्यालय में बड़े-बड़े बोर्ड में हर कार्य की दर सूची निर्धारित समयावधि का उल्लेख करते हुए लगा रखी है, लेकिन एक भी कार्य बगैर एजेंट के सहयोग से अम्बिकापुर स्थित क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी के कार्यालय में संपादित नहीं हो रहा है, जो चिंता का विषय है। सबसे ज्यादा परेशानी नागरिकों को नवीन कंम्प्युटर लायसेंस बनाने में होती है। निर्धारित शुल्क एक वर्ष का लायसेंस बनाने के लिए 160 रूपये तथा दो वर्ष के लिए लगभग 200 रूपये है जबकि एजेंटों द्वारा लायसेंस बनाने के नाम पर एक हजार रूपये तक वसूला जाता है। एजेंट लायसेंस बनवाने का पूरा ठेका ले लेते है। लायसेंस निर्माण करने वाले समिति के सदस्यों, आरटीओ अधिकारी, कर्मचारी को निर्धारित दर जो कि अवैध रूप से कमाई की होती है। बंदर बाट कर दी जाती है, यदि कोई नागरिक सीधे बैंक से चालान पटाकर लायसेंस बनाना चाहें तो आटीओ कार्यालय के भ्रष्ट अधिकारी व कर्मचारी उसको इतनी बार घुमा देंगे कि वह परेशान होकर एजेंट की शरण लेने के लिए मजबूर हो जाएगा। क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय अम्बिकापुर द्वारा किसी भी दलाल को मान्यता प्रदान नहीं की गई है, फिर भी अम्बिकापुर में कई व्यक्ति अपने आपको स्वयं एजेंट घोषित कर नागरिकों से आटीओ विभाग से कोई भी कार्य करने का दावा कर अवैध रूप से भारी कमाई करने में लगे है। छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के पश्चात यदि शासकीय विभागों में भ्रष्ट कार्यालयों का आंकलन किया जावे तो खाद्यविभाग, लोक निर्माण विभाग, से पहले परिवहन विभाग का नाम आयेगा। अम्बिकापुर के क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय में तो वाहनों की लगातार बढ़ती संख्या के कारण पंजीयन कराने, फिटनेस प्रमाण-पत्र देने में बाबू से लेकर साहब तक का अवैध कमाई रेट फिक्स रहता है। अधिकांश बाबू अम्बिकापुर अम्बिकापुर के स्थानीय निवासी हैं, यदि शासन को आरटीओ ऑफिस अम्बिकापुर की कार्यप्रणाली में सुधार लाना हो तो सबसे पहले कार्यालय से एजेंटों को हटाया जाये तथा सभी अधिकारियों, कर्मचारियों का तत्काल जिले से बाहर स्थांनातरण कर दिया जाये तभी सरगुजा की जनता राहम महसूस कर सकेंगी।
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