जन जागरूकता की मिसाल बना इस वर्ष ताप्ती जन्मोत्सव, प्रशासन की अपील का असर दिखा, नहीं पहुंचे लोग मुलताई |
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ब्यूरो चीफ मुलताई, जिला बैतूल
मुलताई। मां ताप्ती जन्मोत्सव हमेशा जन जागरूकता से भी जुड़ा रहा है जिसमें स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण, प्रदूषण मुक्ति के आयोजन होते रहे हैं, लेकिन इस वर्ष सहीं मायनों में लोगों ने मां ताप्ती जन्मोत्सव पर जन जागरूकता का परिचय देकर मिसाल कायम की है।
प्रशासन की अपील पर अमल करते हुए लोगों ने स्वयं ही भीड़ से दूरी बनाने के लिए पहल की और मुलताई की ओर रूख नहीं किया जिससे एक तरफ जहां प्रशासन की अपील सार्थक हुई वहीं लोगों ने घरों में रहकर ही मां ताप्ती का जन्मोत्सव मनाया।
शनिवार ताप्ती जन्मोत्सव पर सुबह ब्रम्हमुहुर्त में मां ताप्ती के मंदिर में पुजारियों द्वारा मां ताप्ती का अभिषेक किया गया जिसके बाद विधि-विधान से आरती की गई। इसके बाद दोपहर मातारानी को भोग लगाया गया जिसमें 101 प्रकार के पकवान शामिल थे। दोपहर 12 बजे मां का जन्मोत्सव मंदिर में धूमधाम से मनाया गया इस दौरान घंटे घडिय़ाल के साथ मां ताप्ती की आरती संपन्न हुई। इस दौरान गिने-चुने श्रद्धालु परिक्रमा मार्ग पर पहुंचे जहां मां ताप्ती के मंदिर के सामने ही पूजा की गई एवं ओटी भरी गई।
श्रद्धालुओं द्वारा प्रतिवर्ष चढ़ाई जाने वाली 151 मीटर की चुनरी भी मां ताप्ती को चढ़ाई गई। इस दौरान प्रदक्षिणा मार्ग पर पुलिसकर्मी जगह-जगह तैनात नजर आए वहीं एसडीएम सीएल चनाप, एसडीओपी नम्रता सोंधिया, तहसीलदार सुधीर जैन, सीएमओ राहुल शर्मा सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी प्रदक्षिणा मार्ग पर ही मौजूद रहे।
सूना रहा प्रदक्षिणा मार्ग सहित मुख्य मार्ग
मां ताप्ती जन्मोत्सव पर प्रतिवर्ष जहां भीड़ के कारण जहां तिल रखने की जगह नही होती थी वही प्रदक्षिणा मार्ग इस वर्ष मां ताप्ती के जन्मोत्सव पर सूना नजर आया। इसके अलावा शनिवार बाजार बंद होने से स्टेशन मार्ग सहित मुख्य मार्ग भी सूना रहा तथा मात्र नगर के ही लोग मार्ग पर आवागमन करते दिखे। इस वर्ष भीड़ वाले आयोजनों पर प्रतिबंध लगने के कारण सभी आयोजन मां ताप्ती के मंदिर में ही संपन्न हुए। हालांकि इस दौरान कुछ श्रद्धालु मंदिर दर्शन करने पहुंचे जिन्हे बाहर से ही दर्शन कराए गए तथा प्रशासन का रूख श्रद्धालुओं के प्रति नरम रहा।
नगर सहित क्षेत्रवासियों ने घर के सामने दीपक रखकर मनाया जन्मोत्सव
प्रशासन की अपील के चलते लोगों ने भी जागरूकता का परिचय देते हुए गिने-चुने ही श्रद्धालु दोपहर तक प्रदक्षिणा मार्ग पहुंचे वहीं शाम को नगर सहित क्षेत्रवासियों ने घरों के सामने दीपक जलाकर मां ताप्ती का जन्मोत्सव मनाया। शाम से लेकर रात तक प्रदक्षिणा मार्ग पर दोपहर की अपेक्षा अधिक श्रद्धालु नजर आए वहीं ग्रामीण अंचलो से लोगों ने मुलताई की ओर रूख नही किया जिससे सुबह से लेकर रात तक कहीं भीड़ नजर नही आई।
भगवान ढीमर ने प्रारंभ किया था जन्मोत्सव का आयोजन
मां ताप्ती के जन्मोत्सव मनाने का श्रेय नगर के स्वर्गीय भगवान ढीमर को जाता है जिन्होने ही अषाढ़ सप्तमी पर मां ताप्ती के जन्मोत्सव मनाने की परंपरा प्रारंभ की। भगवान अपने जीवनकाल में प्रतिवर्ष अषाढ़ सप्तमी पर मां का जन्मदिन मनाते थे जिन्हे देखकर अन्य लोग भी जन्मोत्सव मनाने लगे। इसके बाद तत्कालिन एसडीओपी द्वारा जन्मोत्सव में रूचि लेते हुए इसे भव्य स्वरूप दिया गया जिसके बाद नगर के जनप्रतिनिधियों द्वारा अपने कार्यकाल में इसे भव्य बनाने में कोई कसर नही छोड़ी जिससे आज ताप्ती जन्मोत्सव धूमधाम से भव्य रूप में मनाया जाने लगा है।
प्रशासन ने जताया नगर सहित क्षेत्रवासियों का आभार
मां ताप्ती जन्मोत्सव पर जन जागरूकता का आलम यह रहा कि लोग नगर में नही पहुंचे तथा एैसी कोई भी घटना नही हुई जिससे प्रशासन एवं आम नागरिकों आमने-सामने हो। मां ताप्ती का जन्मोत्सव जहां बिना भीड़ के निर्विघ्र संपन्न हुआ वहीं लोगों ने प्रशासन की अपील मानते हुए घरों में ही मां ताप्ती का जन्मोत्सव मनाया। इस जन जागरूकता के लिए एसडीएम सीएल चनाप, एसडीओपी नम्रता सोंधिया एवं तहसीलदार सुधीर जैन, सीएमओ राहुल शर्मा आदि ने लोगों का आभार जताया गया है।
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