कृषि उपज मंडी में मूंग खरीदी की स्थिति पर मंडी प्रांगण तहसीलदार गाडरवारा पहुंचकर किसानों से मुलाकात की |
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ब्यूरो चीफ गाडरवारा, जिला नरसिंहपुर // दीपक अग्रवाल : 9039 5134 65
गाडरवारा . किसानों ने बताया कि आज की बोली ₹3500 से प्रारंभ हुई जो प्रथम दृष्टा प्रत्यक्ष किसान थे जिनका माल था उन्होंने बहुत ही न्युनतम कीमत होने के कारण एवं आसपास के किसानों ने बोली पर आपत्ति जताई जिस पर किसानों और व्यापारियों के बीच गतिरोध उत्पन्न हुआ.
जिसको लेकर एसडीएम गाडरवारा से फोन पर बातचीत की एवं व्यापारी श्री महेश मालपानी जी से फोन पर बातचीत कर वस्तु स्थिति की जानकारी प्राप्त की श्री एसडीएम महोदय ने कोरोनावायरस होने के कारण तहसीलदार गाडरवारा को मौके पर भेजा और किसान व्यापारी एवं प्रशासन ने बैठकर बातचीत के माध्यम से उत्पन्न गतिरोध को आपसी सामंजस कर समाप्त किया और पुनः व्यापारियों ने किसानों की मूंग खरीदी प्रारंभ की और किसानों की मून 4000 से खरीदना प्रारंभ किया जो लगभग 6000 के बीच मैं आज खरीदी की गई परंतु प्रत्यक्ष मौके पर जाकर जब किसानों से बातचीत की और देखा गया तो किसानों में एक ही महत्वपूर्ण बात सामने चर्चा के दौरान निकल कर आई कि 7000 का रेट होने के बाद भी किसान को बहुत कम रेट प्राप्त हो रहे हैं.
जिसके कारण उन्होंने अधिकतर किसानों ने अपने सोदा कैंसिल कराएं कुछ जरूरतमंद किसानों ने अपनी मजबूरी और कम रेट को नियति मानकर व्यापारियों को सौदा स्वीकार किया तत्पश्चात भारतीय किसान संघ के प्रतिनिधि मंडल ने मंडी सचिव से मुलाकात की और निवेदन किया कि सौदा के दौरान मात्र चार व्यापारी ही बोली लगाने मूंग के प्लेटफार्म पर पहुंचे जिसके कारण से किसानों को कम रेट की कीमत पर मूंग को बेचने मजबूर होना पड़ा जबकि लगभग मंडी के अंतर्गत 100 व्यापारी रजिस्टर्ड बताए गए यह अपने आप में एक बात ध्यान में आती है
कि किसान के माल खरीदने के प्रति व्यापारियों की उदासीनता भी किसान को परेशानी का सबब बनी हुई श्री महेश मालपानी जी से बात करने पर उन्होंने बताया कि 500 से ₹600 की मंदी है और बारिश के कारण से भी किसान के माल की गुणवत्ता में कमी आई है इसलिए कम रेट पर खरीदना हमारी मजबूरी इन सारी परिस्थितियों के बीच में भारतीय किसान संघ माननीय प्रशासन से यह मांग करता है की किसान का माल समर्थन मूल्य पर खरीदा जाए जिससे कि किसान अपने माल को औने पौने दाम में बेचने के लिए मजबूर ना हो एवं किसानों के द्वारा बताया गया कि हमारा माल जिस सेड पर डाल कर बेचा जा रहा है
उस पर का छत टूटा हुआ है और जिसके कारण बीते दिनों हुई बारिश में किसान को बहुत अधिक परेशानी का सामना करना पड़ा इन्हीं सब परेशानियों के कारण किसान के बीच में मंडी प्रशासन की अव्यवस्थाओं के प्रति भी आक्रोश दिखाई दिया और अनेक किसानों ने मंडी प्रांगण में मोबाइल चार्जिंग की सुविधा ना होने की घटनाएं से भी अवगत कराया सुलभ कंपलेक्स में ताला होने की भी बात बताएं और किसान भवन में भी गंदगी और साफ-सफाई के अभाव और हमेशा के लिए बंद रहने की शिकायत की ओर बताया कि एक नं सेट जो पूर्णतः सुरक्षित है
उस पर व्यापारी अपना खरीदा माल रखने की सुविधा मंडी प्रशासन ने दे रखी है जबकि किसानों का माल टूटे सेड में रखा पाया गया है किसानों ने भारतीय किसान संघ के प्रतिनिधिमंडल से की मंडी प्रांगण में भोजनालय की कमी चारों तरफ आसुविधाएं असुविधाएं किसान को नजर आती है ऐसे में यह सवाल खड़ा होता है क्या मंडी प्रशासन केवल और केवल टैक्स लेकर संबंधित अधिकारी अपने ऑफिस में कुर्सी पर बैठकर ही अपने कर्तव्यों की इतिश्री करते हैं यही बात प्रमुख रूप से भारतीय किसान संघ के प्रतिनिधिमंडल को किसानों ने चर्चा के दौरान बताएं भारतीय किसान संघ के जिला मंत्री राकेश खेमरिया ने किसानों को आश्वासन दिया गया
कि 25 जून को माननीय जिला कलेक्टर के समक्ष प्रदेश व्यापी ज्ञापन कार्यक्रम के दौरान माननीय जिला प्रशासन के समक्ष गाडरवारा कृषि उपज मंडी में किसानों को जो असुविधा हो रही है उस पर और उचित रेट पर मूग खरीदने की विषय को प्रभावी रूप से रखा जाएगा किसान संघ के प्रतिनिधि मंडल में जिला संयोजक नितिन तिवारी युवा वाहिनी साले चौका क्षेत्र के प्रमुख कार्यकर्ता नरेंद्र पटेल कृष्णकांत पटेल श्री विश्वनाथ पटेल जमाडा श्याम जी पुरी भूत खेड़ा आदि सैकड़ों किसानों के बीच मैं मंडी प्रांगण में पहुंचकर समस्या को समाधान करने का प्रयास किया
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