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नई दिल्ली - सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया रेप केस में चारों अारोपियों को मिली फांसी की सजा को बरकार रखा है। जिससे देशभर का कहना है कि निर्भया को इंसाफ मिल गया है। वहीं जब मुकेश और उसके 3 साथियों को फांसी की सजा सुनाई गई थी कि बताते है इस पर मुकेश का क्या कहना था। मुकेश ने इंटरव्यू में कहा था कि 'किसी रेप के लिए एक लड़के से ज्यादा लड़की जिम्मेदार होती है।
ताली कभी एक हाथ से नहीं बजती। इसके लिए 2 हाथ चाहिए होते हैं। कोई शरीफ लड़की रात के 9 बजे घर से बाहर नहीं घूमती है। लड़का और लड़की बराबर नहीं होते हैं।' इन्हीं बातों को लेकर हम अंदाजा लगा सकते है कि दोषी की सोच कितनी गंदी है। अाराम से रेप करने देती तो उसे मारते नहींः मुकेश_ दोषी मुकेश का मानना है कि 'लड़कियां घरों का काम करने के लिए बनी होती हैं न कि गलत कपड़े पहनकर डिस्को और बार में घूमने के लिए। सिर्फ 20 प्रतिशत लड़कियां ही अच्छी होती हैं।
जब हम उसका रेप कर रहे थे, तब उसे हमें रोकने की कोशिश नहीं करनी चाहिए थी। उसे चुपचाप जो हो रहा था, होने देना था। तब हम उसके साथ रेप करने के बाद उसे घर छोड़ देते। सिर्फ लड़के को मारते। किसी रेपिस्ट को मौत की सजा देना लड़कियों के लिए और खतरनाक हो जाएगा। मुकेश यही नहीं रूका। वह बोला 'पहले रेप करके कहते थे, ‘इसे छोड़ दो, ये किसी से नहीं कहेगी।’ लेकिन अब जो रेप करेंगे, वो लड़की को सीधे मार देंगे, छोड़ेंगे नहीं।'
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