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सहारनपुर दंगों से परेशान होकर कुछ लोग हिंदू धर्म छोड़ कर दूसरा धर्म अपनाने की राह पर चल रहे हैं। मुरादाबाद में कई वाल्मीकि परिवारों द्वारा हिंदू धर्म छोड़ने के बाद, अब कई और दलित परिवारों ने भी हिंदू धर्म को त्याग दिया है।
आ रही खबरों के मुताबिक उन्होंने हिंदू देवी-देवताओं की तस्वीरों को रामगंगा नदी में बहा दिया। हालांकि उन्होंने अभी यह तय नहीं किया है कि वे किस धर्म को अपनाएंगे।
यह आयोजन भारतीय वाल्मीकि समाज की क्षेत्रीय प्रभारी कमलेश देवी के नेतृत्व में हुआ। यह वही संगठन है जिसके बैनर तले 14 मई को कई दर्जन दलित परिवारों ने हिंदू धर्म छोड़ा था।
कमलेश ने कहा कि जब से योगी सरकार सत्ता में आई है, दलितों को पूरे प्रदेश में निशाना बनाया जा रहा है। हम समाजवादी पार्टी में भी इतने डरे हुए नहीं थे जितना कि इस सरकार में हैं।
दलितों ने फेंकी देवी-देवताओं
जब प्रदेश में बीएसपी की सरकार थी, तब कानून-व्यवस्था बिल्कुल दुरुस्त रहती थी। लेकिन आज बढ़ते अपराधों और दलितों पर हो रहे जुल्मों पर कोई लगाम नहीं है।'
यह पूछे जाने पर कि अब वे किस धर्म को अपनाएंगे, कमलेश ने कहा, 'अभी हमने यह तय नहीं किया है कि कौन सा धर्म अपनाएंगे। हम अपने अध्यक्ष लल्ला बाबू के फैसले का इंतजार कर रहे हैं। हम उनके फैसले को मानेंगे।'
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