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ब्यूरो चीफ खुरई खिमलासा , जिला सागर // भैलेन्द्र कुर्मी : 9993159460
सागर। शुक्रवार की दोपहर शहर के कांग्रेस कार्यकर्ताओं सहित लोगों में अचानक सनसनी का माहौल बन गया। जब लोगों को यह ज्ञात हुआ कि सागर के इंजीनियरिंग कॉलेज जहां ईव्हीएम मशीन व व्हीव्हीपैट मशीनों को सुरक्षित रखा गया है वहा पर एक बस और 3 बोलेरो वाहन में मध्यप्रदेश मे हुये चुनावों के तकरीबन 48 घंटे बाद ईव्हीएम मशीन व व्हीव्हीपैट मशीनें जमा होने पहुंची हैं।
चारों वाहनों में रखी हुई मशीनों की संख्या तकरीबन 200-250 बताई जा रही है। अचानक पहुंची इन मशीनों को देखकर कांग्रेसी भड़क उठे और उन्होंने मशीनों को इंजीनियरिंग कॉलेज में बनाये गये स्ट्रांग रूम में जमा नहीं करने दिया।
सागर के इंजीनियरिंग कॉलेज में जहां चुनाव की काउंटिंग होनी है और ईव्हीएम मशीन व व्हीव्हीपैट मशीनों को पुलिस के पहरे में सुरक्षित रखा गया है। बावजूद इसके कांग्रेस के कार्यकर्ता लगातार टेंट लगाकर निगरानी बनाये हुये हैं। कांग्रेसियों के हंगामें के बाद इंजीनियरिंग कॉलेज में हंगामें और बड़ते हुये दबाव को देखकर पुलिस प्रशासन नें तत्परता दिखाते हुये। वाहनों को कलेक्ट्रेट परिसर लाया गया। वहां वाहनों के साथ कांग्रेसी भी पहुंच गये।
कांग्रेसियों ने लोकतंत्र की हत्या के नारे लगाये और कार्यवाही करने की मांग की। वहीं कुछ कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना है कि इस तरह लोकतंत्र की हत्या करने का प्रयास किया जा रहा है। जिले भर से मशीनें पहुंच गई, किंतु खुरई की मशीने 48 घंटे बाद क्यों पहुंची? कलेक्टे्रट परिसर पर पहुंचे सैकड़ों कार्यकर्ता। कार्यकर्ताओं का कहना है कि इतनी संख्या में अचानक मशीनें कहा से पहुंच गई। क्या, विपक्षी दल के लोगों की सोची-समझी रणनीति तो नहीं?
कार्यकर्ता यह भी आरोप लगाते हुये देखे गये कि खुरई के अधिकारियों द्वारा पहले यह कहा जा रहा था कि पुलिस बल नहीं होने के कारण मशीनों को बाद में सागर भेजा गया, किंतु बाद में भी मशीनों के साथ कोई सुरक्षाबल मौजूद नहीं था। कुछ कार्यकर्ता कह रहे थे कि यदि इतनी संख्या में मशीनों को यदि मिला दिया जाता तो, सवा लाख तो ठीक है दो लाख से भी जीत हो सकती है। यदि एक्सट्रा मशीनें थी तो उन्हें साथ में क्यों जमा नहीं किया गया।
वी ओ--खुरई क्षेत्र की ईव्हीएम मशीनों की जमा होने पर अप्पति जताई गई। आधिकारिक सूत्रों का कहना कि यह अनयूज्ड ईव्हीएम मशीनें थी जो कि इमरजेंसी के लिए रखी जाती हैं और चुनाव प्रक्रिया के बाद इन्हें भी जमा कराया जाता है। इनका एक अलग स्ट्रांग रूम होता है। खुरई विधानसभा के कांग्रेस प्रत्याशी अरूणोदय चौबे ने कलेक्ट्रेट परिसर पहुंच कर कलेक्टर और जिला निर्वाचन अधिकारी आलोक कुमार सिंह से मुलाकात की।
अरूणोदय चौबे ने बताया कि इस मामले की शिकायत की गई है कि आखिर खुरई से 48 घंटे बाद मशीनों को जमा करने क्यों भेजा गया। उन्होंने बताया कि लापरवाही करने वाले अधिकारियों पर कार्यवाही करने का कलेक्टर ने आश्वासन दिया है। जब तक मशीनों की जांच नहीं होती और सच्चाई सामने नहीं आती तब तक कांग्रेस कार्यकर्ता यही मौजूद रहेगें। उन्होंने भाजपा के लोगों पर आरोप लगाये और स्थानीय प्रशासन की मिलीभगत होने की तरफ इशारा किया। श्रीचौबे ने कुछ गड़बड़ी होने की आंशका व्यक्त करते हुये कहा कि दाल में कुछ काला है।
बाकी 7 विधानसभाओं की मशीनें भी आज आनी थीं। कलेक्टर साहब का कहना है कि इसमें गलती हो गई है कार्यवाही कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाते हुये कहा कि खुरई से जब ईव्हीएम मशीनें लाई जा रही थीं दो बसें खराब हुई थीं। जो बीना से बसें आ रही हैं, जो खुरई से बसें आ रही है, जो बंड़ा से बसें आ रही है, जो सुरखी से बसें आ रही है। वह बसे क्यों नहीं खराब हो रही हैं। जब सब जगह की मशीनें आ गई तो इतने समय तक ये मशीनें क्या कर रही थीं।
बाइट-- अरूणोदय चौबे कांग्रेस प्रत्याशी
खुरई विधानसभा से कांग्रेस के प्रत्याशी अरूणोदय चौबे ने जो आरोप लगाए है जो रिजर्व की ईव्हीएम मशीनें थी खुरई विधानसभा में जो सेकेण्ड स्ट्रांग रूम में जमा करा दी गई थीं। रिजर्व से दी हुई सूचियों से उनका मिलान हो रहा है, वो संतुष्ट हैं। उन मशीनों को ट्रेजीरी के स्ट्रांग रूम में रखा जा रहा है। आपत्ति है इसलिये तहसीलदार को नोटिस दिया जा रहा है। मशीनें 3 जगह थानों में रखी थी इसकी जबावदारी सेक्टर मजिस्ट्रेट को दी गई थी। जिससे कही भी मशीनें खराब होती है उन्हें तत्काल बदला जा सके। उन्होंने कहा आयोग को इसकी रिर्पाट भेजी जाएगी।
बाइट--कलेक्टर व जिला निर्वाचन अधिकारी आलोक सिंह सागर।
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