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नई दिल्ली: भारत ने बुधवार को कहा कि करतारपुर गलियारे के आधारशिला कार्यक्रम में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान द्वारा कश्मीर का उल्लेख करना बेहद खेदजनक है और उन्होंने इस पवित्र अवसर को राजनीतिक रंग देने के लिए चुना.
विदेश मंत्रालय ने कहा कि जम्मू कश्मीर भारत का ‘अभिन्न और अटूट’ हिस्सा है. मंत्रालय ने कहा, ‘यह बेहद खेदजनक है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने इस पवित्र अवसर को राजनीतिक रंग देने के लिए चुना जो सिख समुदाय की करतारपुर गलियारा विकसित करने की लंबे समय से की जा रही मांग को साकार करने से जुड़ा अवसर था.’
विदेश मंत्रालय ने कहा कि ऐसे अवसर पर अवांछित तौर पर कश्मीर का उल्लेख किया गया जो भारत का अभिन्न और अटूट हिस्सा है. मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान अपने क़ब्ज़े वाले क्षेत्र में सीमापार आतंकवाद को सभी तरह का समर्थन और आश्रय देना बंद करने के लिए प्रभावी और विश्वसनीय कार्रवाई करे और अपनी अंतरराष्ट्रीय जवाबदेही को पूरा करे.
इससे पहले दिन में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने हैदराबाद में कहा कि पाकिस्तान जब तक भारत के ख़िलाफ़ आतंकी गतिविधियां बंद नहीं करता, तब तक उसके साथ कोई बातचीत नहीं होगी. स्वराज का यह दो टूक बयान ऐसे वक़्त आया है जब पाकिस्तान ने कहा है कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) शिखर सम्मेलन में आमंत्रित करेगा.
विदेश मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि करतारपुर गलियारे पर हुई पहल का पाकिस्तान के साथ वार्ता प्रक्रिया से कोई लेना-देना नहीं है. स्वराज ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘वह आमंत्रण पहले ही दिया जा चुका है लेकिन हम उसका सकारात्मक जवाब नहीं दे रहे हैं. क्योंकि जैसा कि मैंने कहा, जब तक पाकिस्तान भारत में आतंकवादी गतिविधियां बंद नहीं करेगा तब तक उससे कोई बातचीत नहीं होगी और हम दक्षेस में शामिल नहीं होंगे.’
एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने कहा था उनका पूरा देश भारत के साथ सभ्यतापूर्ण संबंधों के लिए एक साथ खड़ा है, दोनों देशों के बीच केवल एक मुद्दा बचा है और वह कश्मीर है. मालूम हो कि बुधवार को प्रधानमंत्री इमरान खान ने पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के नारोवाल ज़िले स्थित करतारपुर में गुरुद्वारा दरबार साहिब को भारत के गुरदासपुर ज़िले में स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब से जोड़ने वाले बहुप्रतीक्षित गलियारे की आधारशिला रखी.
इस गलियारे को करतारपुर गलियारा नाम दिया गया है. पाकिस्तान के भारत की ओर से केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, हरसिमरत कौर और नवजोत सिंह सिद्धू मौजूद थे. भारत की ओर के गलियारे के लिए बीते सोमवार को उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने आधारशिला रखी थी. कहा जाता है कि पाकिस्तान में लाहौर से 120 किलोमीटर दूर नारोवाल ज़िले के करतारपुर में सिख धर्म की शुरुआत करने वाले गुरुनानक देव ने अपना अंतिम समय गुज़ारा था.
करतारपुर पाकिस्तान में रावी नदी के पार स्थित है. उन्होंने यहां सिख समुदाय को एकत्रित किया था और कहा जाता है कि 1539 में अपनी मृत्यु तक वह यहां 18 साल गुज़ार चुके थे. यहीं पर गुरुद्वारा दरबार साहिब बनाया गया है. करतारपुर गलियारे से भारतीय सिख श्रद्धालु करतारपुर में स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब तक वीज़ा रहित यात्रा कर सकेंगे. इस गलियारे के छह महीने के भीतर बनकर तैयार होने की उम्मीद है.
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