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सीबीआई ने बुधवार को उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर कंपनी के खिलाफ मामला दर्ज किया. नई दिल्ली: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने करोल बाग की एक कंपनी पर कथित रूप से निवेशकों से 10,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है.
निवेशकों से 10,000 करोड़ रुपये ठगने वाली करोल बाग की चिटफंड कंपनी टीवीआईएक्सप्रेस.कॉम पर सीबीआई ने अपना फंदा कस दिया है। सीबीआई ने बुधवार को कंपनी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। कंपनी ने निवेशकों को एक साल में जमा राशि को दोगुना करने का वादा किया था, लेकिन जो कभी पूरा नहीं किया गया।
सीबीआई ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर कंपनी के खिलाफ मामला दर्ज किया। कोर्ट ने 2014 में एजेंसी से चिट फंड कंपनियों से संबंधित मामलों की जांच को कहा था। कंपनी का रजिस्टर्ड ऑफिस पश्चिम दिल्ली के करोल बाग में है।
कंपनी और उसके प्रवर्तकों व सहयोगियों तरुण त्रिखा, वरुण त्रिखा, वीना त्रिखा, शिखा त्रिखा, शक्ति शरद, अनूप कुमार और कविता गांगुली के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। एजेंसी ने इन लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी और सेबी दिशानिर्देशों के उल्लंघन का मामला दर्ज किया है।
इस मामले की जांच पहले पश्चिम बंगाल पुलिस कर रही थी। पुलिस ने राज्य के मुर्शिदाबाद जिले में एफआईआर दर्ज की थी। आरोप है कि ये लोग शेयर और कमोडिटी ट्रेडिंग, हॉलीडे पैकेज बुकिंग और एयर टिकटिंग क्षेत्र में बिना किसी कानूनी मंजूरी के काम कर रहे थे।
शिकायतकर्ता का कहना है कि इन लोगों ने पैसिफिक रॉयल एयरलाइंस के नाम पर पैसा जुटाया और निवेशकों के 10,000 करोड़ रुपये से ज्यादा के कोष को इधर उधर किया। आरोप है कि तरुण त्रिखा के दिशानिर्देशों पर निवेशकों की जमा रकम दूसरे बैंक खातों में भेजी जाती थी।
कंपनी और उसके प्रवर्तकों व सहयोगियों तरुण त्रिखा, वरुण त्रिखा, वीना त्रिखा, शिखा त्रिखा, शक्ति शरद, अनूप कुमार और कविता गांगुली के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। एजेंसी ने इन लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी और सेबी दिशानिर्देशों के उल्लंघन का मामला दर्ज किया है।
इस मामले की जांच पहले पश्चिम बंगाल पुलिस कर रही थी। पुलिस ने राज्य के मुर्शिदाबाद जिले में एफआईआर दर्ज की थी। आरोप है कि ये लोग शेयर और कमोडिटी ट्रेडिंग, हॉलीडे पैकेज बुकिंग और एयर टिकटिंग क्षेत्र में बिना किसी कानूनी मंजूरी के काम कर रहे थे।
शिकायतकर्ता का कहना है कि इन लोगों ने पैसिफिक रॉयल एयरलाइंस के नाम पर पैसा जुटाया और निवेशकों के 10,000 करोड़ रुपये से ज्यादा के कोष को इधर उधर किया। आरोप है कि तरुण त्रिखा के दिशानिर्देशों पर निवेशकों की जमा रकम दूसरे बैंक खातों में भेजी जाती थी।
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