TOC NEWS
भोपाल। प्रदेश के श्रम आयुक्त श्री राजेश बहुगुणा द्वारा सभी कारोबार, व्यवसाय, औद्योगिक उपक्रम और अन्य स्थापनाओं के प्रबंधकों तथा नियोजकों को निर्देशित किया गया है कि वे कार्यरत सभी श्रेणी के कामगारों को विधानसभा चुनाव-2018 में मताधिकार का उपयोग सुविधाजनक एवं बगैर किसी बाधा के सुनिश्चित करने की दृष्टि से सवैतनिक अवकाश अनिवार्यत: प्रदान करें।
निर्देशों में स्पष्ट किया गया है कि यदि कोई व्यक्ति ऐसे कार्यों में नियोजित है, जिसकी अनुपस्थिति से कोई खतरा अथवा सारवान हानि (SUBSTANTIAL LOSS) हो सकती हो, तो उस पर यह प्रावधान लागू नहीं होगा, तथापि ऐसे व्यक्तियों को भी मतदान हेतु बारी-बारी से सुविधा प्रदान की जाना चाहिये। प्रबंधन को यह ध्यान रखना होगा कि यह सुविधा इस प्रकार की हो कि वह अपने मताधिकार का प्रयोग कर सके।
यदि किसी नियोजक द्वारा लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधान का उल्लंघन किया जाता है, तो उस पर 500 रुपये तक जुर्माना किया जा सकेगा। साथ ही उसके विरुद्ध भारतीय दण्ड संहिता की धारा-188 के अन्तर्गत दण्डात्मक कार्यवाही भी की जा सकेगी। दण्डात्मक कार्यवाही में एक माह तक के कारावास अथवा जुर्माने अथवा दोनों से ही दण्डित किया जा सकता है।
ज्ञातव्य है कि भारत निर्वाचन आयोग ने कामगारों को मतदान की सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 135-ख का उल्लेख करते हुए निर्देश जारी किये हैं। इन निर्देश में उल्लेखित है कि प्रदेश के समस्त विधानसभा क्षेत्रों में सभी कारोबार, व्यवसाय, औद्योगिक उपक्रम और किसी अन्य स्थापना में नियोजित प्रत्येक व्यक्ति को, चाहे वह दैनिक मजदूर अथवा केजुअल (आकस्मिक) श्रमिक श्रेणी का ही हो, जिसे विधानसभा चुनावों में मतदान करने का हक है, को मतदान के दिन सवैतनिक अवकाश मंजूर किया जाना आवश्यक है। यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वह कामगार किसी ऐसे उद्योग अथवा स्थापना में नियोजित है, जो उस विधानसभा क्षेत्र से बाहर है, जहाँ आम निर्वाचन हो रहे हैं, तब भी उन्हें मतदान हेतु सवैतनिक अवकाश की पात्रता होगी।
No comments:
Post a Comment