भोपाल में बैडमिंटन, टेनिस, हॉकी और ट्रायथलॉन खेलों की आज से शुरुआत, यह होंगी शर्ते एवं सावधानियाँ |
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भोपाल // विनय जी. डेविड : 9893221036
इन खेलों में 15 से 30 वर्ष तक के खिलाड़ी हो सकेंगे शामिल
भोपाल में मंगलवार 9 जून, 2020 से बैडमिंटन, टेनिस, ट्रायथलॉन और हॉकी खेलों की शुरुआत की जा रही है। दूसरे चरण में प्रारंभ होने वाले इन खेलों में 15 से 30 वर्ष तक आयु समूह के खिलाड़ी ही भागीदारी कर सकेंगे। टीटी नगर स्टेडियम में टेनिस, बैडमिंटन और ट्रायथलॉन खेलों में खिलाड़ी अभ्यास करेंगे, जबकि हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद हॉकी स्टेडियम पर हॉकी खेल का अभ्यास करेंगे। कोविड-19 संक्रमण के दृष्टिगत खेल एवं युवा विभाग द्वारा गाइड लाइन तैयार की गई हैं जिसमें खिलाड़ियों और खेल प्रशिक्षकों द्वारा बरती जाने वाली सावधानियों को शामिल किया गया है।
खेल गतिविधियों की मानक संचालन प्रक्रिया
बैडमिंटन एवं टेनिस (अभ्यास के दौरान ट्रेनिंग पार्टनर में बदलाव नही किया जावेगा)। ट्रायथॉन (स्वीमिंग पूर्णतः प्रतिबंधित रहेंगी, रनिंग,सायक्लिंग तथा आउटडोर कंडिशनिंग की जा सकेगी)। हॉकी अभ्यास के दौरान “अभ्यास मैच” की अनुमति नही होगी। व्यक्तिगत स्किल अभ्यास किया जा सकेगा। मैदान को चार भागों में विभाजित कर अभ्यास किया जा सकेगा। खिलाड़ियों के समूह में खिलाड़ियों की अदला-बदली नहीं की जा सकेगी। खिलाड़ियों को टेक्लिंग एवं बॉडी ब्लोकिंग अभ्यास नही कराया जायेगा।
बैडमिंटन, टेनिस, ट्रायथलान एवं हॉकी खिलाड़ियों के लिये सामान्य शर्ते एवं सावधानियाँ
स्टेडियम में 15 से 30 वर्ष तक के खिलाड़ियों को प्रवेष दिया जायेगा। डे-बोर्डिंग के वर्तमान खिलाड़ी तथा राज्य स्तर पर प्रतिभागिता करने वाले वर्तमान खिलाड़ियों को ही द्वितीय चरण में प्रवेश दिया जायेगा। खेल गतिविधि प्रारंभ करने से पूर्व 09 जून को सायंकाल 04:00 बजे मेजर ध्यानचंद हॉल में प्रषिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जायेगा। इसमें माइक्रो बायोलाजिस्ट एवं सैनिटाइजेशन एक्सपर्ट डॉ. दीपेश अवस्थी खिलाड़ियों को कोविड-19 संक्रमण के संबंध में विस्तार से प्रशिक्षण देंगे।
प्रत्येक खिलाड़ी की प्रत्येक सत्र से पूर्व थर्मल स्क्रीनिंग अनिवार्य रहेगी। प्रत्येक खिलाड़ी को कोविड-19 टेस्ट कराना अनिवार्य होगा। एक समय में अधिकतम 10 खिलाड़ी ही अभ्यास हेतु प्रवेश ले सकेंगे। खेल परिसर में कन्टेनमेंट क्षेत्र (हॉट स्पाट)/बफर जोन के खिलाड़ी का प्रवेश निषेध रहेगा। खेल परिसर में कोविड-19 के खतरे के दृष्टिगत ए तथा एक स्थान वायरल लोड को ध्यान में रखते हुए वॉकिंग, जॉगिंग, योगा एवं अन्य व्यायाम करने हेतु नागरिकों को प्रवेश की अनुमति नहीं रहेगी। आरोग्य सेतु ऐप इंस्टाल करना अनिवार्य होगा। सोशल डिस्टेन्सिंग का पालन करना अनिवार्य होगा अर्थात प्रशिक्षण के दौरान दो मीटर का डिस्टेन्स रखना होगा तथा किसी भी स्थिति में एक स्थान पर भीड़ अथवा अधिक संख्या में एकत्र होना वर्जित होगा। प्रशिक्षण के दौरान उपयोग होने वाले खेल उपकरण को आपस में अदला बदली करके उपयोग नही किया जावेगा।
कोविड-19 संक्रमण से बचाव संबंधी गाइड लाइन का कड़ाई से पालन सुनिश्चित
खेल परिसर में प्रवेश के समय खिलाड़ी के हाथ, पैर को सेनेटाईज करना आवश्यक होगा तथा यह भी अनिवार्य होगा कि खिलाड़ी अपने खेल संबंधी शूज पृथक से लेकर आयेगा तथा वह खेल प्रारंभ करने के पूर्व उसका उपयोग करेगा। खिलाड़ी को अपनी व्यक्तिगत किट (प्लेइंग किट एवं चेंजिंग किट, वाटर बाटल, अतिरिक्त टी-शर्ट, टॉवल, ट्रेनिंग शूज, सेनेटाईजर,) लाना एवं अभ्यास सत्र के पूर्व एवं पश्चात चैंज करना अनिवार्य होगा। प्रशिक्षण के दौरान खेल मैदान/उपकरण को प्रशिक्षण से पूर्व एवं बाद में सेनेटाईज किया जावे। प्रत्येक खिलाड़ी ने एक घण्टा वास्तविक अभ्यास हेतु समय प्रशिक्षक द्वारा आवंटित किया जा सकेगा।
प्रशिक्षण समाप्त होने के तत्काल बाद खिलाडियों को खेल मैदान छोडकर जाना अनिवार्य होगा। मास्क के बिना प्रवेश नहीं दिया जावेगा। खेल परिसर में प्रवेश से पूर्व खिलाडियों की इन्फ्रारेड थर्मल स्क्रीनिंग अनिवार्य होगा।इन्फ्रारेड थर्मल स्क्रीनिंग से तात्पर्य ऐसी टेम्प्रेचर डिवाईस जो गैर सम्पर्क तरीके से खिलाड़ी का ट्रेम्प्रेचर माप सके। समस्त खिलाडी जो खेल परिसर में अभ्यास करना चाहते है। उन्हे आवश्यक रूप से सहमति पत्र प्रस्तुत करना होगा जिसमें स्पष्ट रूप से यह लेख होगा कि यदि वह अभ्यास के दौरान संक्रमण से ग्रसित होते है तो उसकी संपूर्ण जिम्मेदारी खिलाडी की होगी। साथ ही खिलाड़ी को कोविड संक्रमण से बचाव के निर्धारित प्रोटोकाल का पालन करना अनिवार्य होगा।
खेल परिसर मे अभ्यास के दौरान थूंकने, नाक छिनकना, पसीना, छिड़कना अनावश्यक रूप से स्वयं के चेहरे को छूना प्रतिबंधित रहेगा। यदि खिलाड़ी को ऐसी चोट लगी हो जिसमें उसका शरीर कटा अथवा छिला हो ऐसे खिलाड़ी का परिसर में प्रवेश वर्जित रहेगा। खिलाड़ी को अभ्यास के पश्चात् घर पहुचने पर नहाना अनिवार्य होगा। कोविड-19 के लक्षण दिखायी देने पर खिलाड़ियो को तत्काल इसकी सूचना स्टेडियम प्रशासन को देना अनिवार्य होगा। सार्वजनिक शौचालय एवं पीने के पानी के स्थान को यथा संभव स्वच्छ रखने का प्रयास किया जावे वहां पर भी सोशल डिस्टेन्सिंग का पूर्ण ध्यान रखा जाएगा। खेल परिसर में ए.सी. का उपयोग प्रतिबंधित रहेगा। खिलाड़ी को अपने निर्धारित समय से 30 मिनिट पूर्व प्रशिक्षण स्थल पर उपस्थिति देना आवश्यक होगा। जिम पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा। उक्त नियमों का पालन न करने वाले खिलाड़ी तत्काल परिसर में प्रवेश से प्रतिबंधित कर दिया जावेगा।
प्रशिक्षकों एवं सहायक स्टॉफ हेतु सामान्य शर्ते एवं सावधानियाँ
कोविड-19 का टेस्ट कराने के उपरान्त ही खेल परिसर/स्टेडियम में प्रवेश की अनुमति रहेगी। खेल परिसर में कन्टेन्मेंट क्षेत्र (हॉट स्पाट) बफर जोन के प्रशिक्षक एवं सहायक स्टाफ का प्रवेश निषेध रहेगा। खेल परिसर में विभाग द्वारा संचालित खेल अकादमियों में कार्यरत प्रशिक्षकों, स्टेडियम में कार्यरत प्रशिक्षकों एवं सहायक स्टाफ को ही प्रवेश की अनुमति होगी। प्रशिक्षक एवं सहायक स्टाफ को कोविड संक्रमण से बचाव हेतु आयोजित किये जा रहे प्रशिक्षण सत्र में भाग लेना अनिवार्य होगा। आरोग्य सेतु ऐप इंस्टाल करना अनिवार्य होगा। मास्क के बिना प्रवेश नहीं दिया जावेगा।
प्रत्येक अभ्यास सत्र के पूर्व प्रत्येक खिलाड़ी/प्रशिक्षकों/सहायक स्टाफ की इन्फ्रारेड थर्मल स्क्रीनिंग एवं हाथ-पैर को सेनेटाईज करना अनिवार्य होगा। प्रशिक्षण स्थल, उपकरण, प्रशिक्षण सामग्री आदि अभ्यास के पूर्व एवं पश्चात् संक्रमण मुक्त करवाना प्रशिक्षक की जिम्मेदारी होगी।
प्रशिक्षक को खिलाड़ियों के प्रवेश एवं निर्गम का रिकार्ड उपस्थिति पंजी में पृथक से रखना अनिवार्य होगा।
प्रशिक्षक को ट्रेनिंग प्रोग्राम, समय-सारणी तैयार करना होगा, जिसमें यह सुनिश्चित किया जावेगा कि एक समय में अधिकतम 10 से अधिक खिलाड़ी अभ्यास न करें। परिसर में आने वाले खिलाड़ी, प्रशिक्षक एवं सहायक स्टाफ में कोविड-19 के लक्षण दिखायी देने पर संबंधित प्रशिक्षक तत्काल इसकी सूचना स्टेडियम प्रशासक एवं कोविड टास्क फोर्स को अनिवार्य रूप से देगा। संबंधित प्रशिक्षक एवं सहायक स्टाफ को अपने निर्धारित समय से 45 मिनिट पूर्व प्रशिक्षण स्थल पर उपस्थिति देना आवश्यक होगा। जिम पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा। खिलाड़ियों के लिये बनाये गये दिशा-निर्देशों का अक्षरशः पालन कराने का दायित्व संबंधित प्रशिक्षक का होगा।
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