दिग्विजय सिंह गोवा में कांग्रेस के प्रभारी हैं
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पणजी: गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने विधानसभा में विश्वास मत जीत लिया है. 40 विधायकों की विधानसभा में उन्हें 21 वोट चाहिए थे, उन्हें 22 वोट मिले. कांग्रेस के 17 विधायकों में से 16 ने विरोध में मतदान दिया, वहीं पार्टी के वरिष्ठ नेता विश्वजीत राणे शक्ति परीक्षण के दौरान सदन में मौजूद ही नहीं थे. शक्ति परीक्षण जीतने के बाद मनोहर पर्रिकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि उन्हें स्वेच्छा से वोट दिए गए हैं और कांग्रेस के पास कभी भी नंबर थे ही नहीं.
पर्रिकर ने कहा कि आज के इस शक्ति परीक्षण को लेकर पूरे देश में चर्चा थी. इसलिए हम बताना चाहते हैं कि हमने शक्ति परीक्षण जीत लिया है और इससे दिग्विजय सिंह का वह दावा झूठा साबित होता है जिसमें उन्होंने कहा था कि उनके पास नंबर हैं. पर्रिकर ने आगे कहा कि सच तो यह है कि शुरू से ही कांग्रेस के पास नंबर नहीं थे और नंबर होने की बात को सिर्फ एक हाइप की तरफ उछाला जा रहा था क्योंकि यह मांग उठ रही थी कि दिग्विजय सिंह को कांग्रेस के महासचिव के पद से इस्तीफा दे देना चाहिए. आगे बढ़ने से पहले बता दें कि दिग्विजय सिंह गोवा में कांग्रेस के प्रभारी हैं. पर्रिकर ने गोवा में कांग्रेस के मौजूदा हाल के लिए दिग्विजय को कसूरवार बताते हुए तंज कसा कि यही होता है जब आप गोवा काम करने नहीं, छुट्टी मनाने आते हैं.
उधर दिग्विजय सिंह ने ट्विटर पर गुरुवार को हुए शक्ति परीक्षण पर सवाल उठाए हैं. अपने हालिया ट्वीट में उन्होंने लिखा कि आखिरकार पैसों की ताकत, जनता की ताकत से ज्यादा मजबूत साबित हुई.
Finally Money Power proves to be stronger than People's Power.
— digvijaya singh (@digvijaya_28) March 16, 2017
उन्होंने यह भी लिखा है कि यह दुखद है कि गोवा की जनता ने बीजेपी को हराया लेकिन जो एंटी बीजेपी वोट के जरिए चुने गए, उन्होंने ही बीजेपी के हाथों को गोवा को बेच दिया.
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