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योगी आदित्यनाथ यूपी के मुख्यमंत्री बन चुके हैं। लेकिन, उनके CM बनने के पीछे कई कहानियां सामने आ रही हैं। हर कोई हर कहानी जानना चाहता था।
New Delhi : भारतीय जनता पार्टी के फायर ब्रांड नेता और गाेरखपुर से बीजेपी के सांसद योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बन चुके हैं। हालांकि उनके नाम की चर्चा उस दिन से ही शुरु हो गई थी जब यूपी में बीजेपी ने चुनावी बिगुल भी नहीं फूंका था। योगी आदित्यनाथ के साथ पहली बार उत्तर प्रदेश में दो-दो उपमुख्यमंत्री भी बनाए गए हैं। केशव प्रसाद मौर्य और दिनेश शर्मा को डिप्टी सीएम बनाया गया है। पार्टी के सूत्रों के मुताबिक शनिवार की सुबह तक इस रेस में केशव प्रसाद मौर्य सबसे आगे चल रहे थे। लेकिन, ऐन वक्त पर ऐसा कुछ हुआ कि सारा का सारा गेम ही बदल गया। सूत्र बताते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास एक फोन आया जिसमें योगी आदित्यनाथ का नाम फाइनल करने को कहा।
ऐसे में हर कोई ये जानना चाहता है कि आखिर किस व्यक्ति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन किया और वो क्या वाकई इतना पावरफुल था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी उनकी बात माननी पड़ी। जानकारी के मुताबिक ये फोन आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का था। उन्होंने ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन कर योगी आदित्यनाथ को उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाने को कहा। इसके बाद योगी को फौरन ही दिल्ली बुलवाया गया और उनके नाम पर मुहर लगा दी गई। सूत्र बताते हैं कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सुबह करीब साढ़े छह बजे के करीब फोन किया था। इससे पहले शुक्रवार को देर रात तक बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और संघ के नेता डॉ कृष्णा गोपाल के बीच मीटिंग हुई थी।
सूत्र बताते हैं कि संघ को मनोज सिन्हा के नाम पर आपत्ति थी। संघ के नेता अमित शाह के सामने योगी आदित्यनाथ का नाम रखना चाहते थे। लेकिन, अमित शाह भी इस बात को टाल देते हैं और संघ के नेताओं से कह देते हैं कि अभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी आराम कर रहे हैं। सुबह जैसे ही वो उठेंगे ये मामला निपटा लिया जाएगा। लेकिन जानकार बताते हैं कि शनिवार को अमित शाह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात कर पाते इससे पहले ही संघ प्रमुख मोहन भागवत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन लगा दिया। मोहन भागवत ने ही योगी आदित्यनाथ को उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाने को कहा। संघ के इस प्रस्ताव के बाद मोदी भी परेशानी में पड़ गए थे। लेकिन, उन्होंने हां बोल दिया।
मोहन भागवत से बात होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमित शाह से फोन पर बात की और कह दिया कि योगी आदित्यनाथ को ही उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाना है। इसके बाद योगी को प्राइवेट प्लेन से दिल्ली बुलवाया गया। उनका नाम फाइनल होने के बाद ही अमित शाह ने प्रधानमंत्री से यूपी में दो उपमुख्यमंत्री बनाने का प्रस्ताव रखा। जिसे मोदी से स्वीकार कर लिया था। ये सारी बात इतनी गोपनीय रखी गई कि पर्यवेक्षकों को भी इस बात की भनक नहीं लग सकी कि यूपी में क्या हो गया। भारतीय जनता पार्टी ने वैंकेया नायडू और भूपेंद्र यादव को पर्यवेक्षक बनाया था। ये दोनों नेता शनिवार की सुबह ही लखनऊ पहुंचे थे। लेकिन, इन्हें पता नहीं था कि वो जिस काम के लिए लखनऊ आए हैं उसका फैसला पहले ही हो चुका है।
योगी आदित्यनाथ यूपी के मुख्यमंत्री बन चुके हैं। लेकिन, उनके CM बनने के पीछे कई कहानियां सामने आ रही हैं। हर कोई हर कहानी जानना चाहता था।
New Delhi : भारतीय जनता पार्टी के फायर ब्रांड नेता और गाेरखपुर से बीजेपी के सांसद योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बन चुके हैं। हालांकि उनके नाम की चर्चा उस दिन से ही शुरु हो गई थी जब यूपी में बीजेपी ने चुनावी बिगुल भी नहीं फूंका था। योगी आदित्यनाथ के साथ पहली बार उत्तर प्रदेश में दो-दो उपमुख्यमंत्री भी बनाए गए हैं। केशव प्रसाद मौर्य और दिनेश शर्मा को डिप्टी सीएम बनाया गया है। पार्टी के सूत्रों के मुताबिक शनिवार की सुबह तक इस रेस में केशव प्रसाद मौर्य सबसे आगे चल रहे थे। लेकिन, ऐन वक्त पर ऐसा कुछ हुआ कि सारा का सारा गेम ही बदल गया। सूत्र बताते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास एक फोन आया जिसमें योगी आदित्यनाथ का नाम फाइनल करने को कहा।
ऐसे में हर कोई ये जानना चाहता है कि आखिर किस व्यक्ति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन किया और वो क्या वाकई इतना पावरफुल था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी उनकी बात माननी पड़ी। जानकारी के मुताबिक ये फोन आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का था। उन्होंने ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन कर योगी आदित्यनाथ को उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाने को कहा। इसके बाद योगी को फौरन ही दिल्ली बुलवाया गया और उनके नाम पर मुहर लगा दी गई। सूत्र बताते हैं कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सुबह करीब साढ़े छह बजे के करीब फोन किया था। इससे पहले शुक्रवार को देर रात तक बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और संघ के नेता डॉ कृष्णा गोपाल के बीच मीटिंग हुई थी।
सूत्र बताते हैं कि संघ को मनोज सिन्हा के नाम पर आपत्ति थी। संघ के नेता अमित शाह के सामने योगी आदित्यनाथ का नाम रखना चाहते थे। लेकिन, अमित शाह भी इस बात को टाल देते हैं और संघ के नेताओं से कह देते हैं कि अभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी आराम कर रहे हैं। सुबह जैसे ही वो उठेंगे ये मामला निपटा लिया जाएगा। लेकिन जानकार बताते हैं कि शनिवार को अमित शाह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात कर पाते इससे पहले ही संघ प्रमुख मोहन भागवत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन लगा दिया। मोहन भागवत ने ही योगी आदित्यनाथ को उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाने को कहा। संघ के इस प्रस्ताव के बाद मोदी भी परेशानी में पड़ गए थे। लेकिन, उन्होंने हां बोल दिया।
मोहन भागवत से बात होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमित शाह से फोन पर बात की और कह दिया कि योगी आदित्यनाथ को ही उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाना है। इसके बाद योगी को प्राइवेट प्लेन से दिल्ली बुलवाया गया। उनका नाम फाइनल होने के बाद ही अमित शाह ने प्रधानमंत्री से यूपी में दो उपमुख्यमंत्री बनाने का प्रस्ताव रखा। जिसे मोदी से स्वीकार कर लिया था। ये सारी बात इतनी गोपनीय रखी गई कि पर्यवेक्षकों को भी इस बात की भनक नहीं लग सकी कि यूपी में क्या हो गया। भारतीय जनता पार्टी ने वैंकेया नायडू और भूपेंद्र यादव को पर्यवेक्षक बनाया था। ये दोनों नेता शनिवार की सुबह ही लखनऊ पहुंचे थे। लेकिन, इन्हें पता नहीं था कि वो जिस काम के लिए लखनऊ आए हैं उसका फैसला पहले ही हो चुका है।
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