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भोपाल. अपनी बाइक-कार पर तमगे की तरह पुलिस लिखकर घूमने वाले पुलिसकर्मियों और उनके परिजनों के लिए खुद पुलिस के अफसरों ने फरमान जारी किया है। इसके मुताबिक उन्हें अपनी गाडिय़ों से पुलिस हटाना होगा। उच्च स्तर पर हाल ही में जारी हुए आदेश में लिखा गया है कि थाना प्रभारी यह सुनिश्चित करें कि अधीनस्थ स्टाफ व उनके परिजनों की गाडिय़ों पर पुलिस नहीं लिखा हो। इसके लिए उनसे एक घोषणा-पत्र भी लें। इसके बावजूद अगर गाडिय़ों पर पुलिस लिखा हुआ मिलता है तो फिर एसपी के निर्देशानुसार संबंधित पुलिसकर्मी या अधिकारी पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
सूचना के अधिकार में भी मांगी गई है जानकारी
वाहनों से पुलिस हटवाने का एक अन्य कारण भी बताया जा रहा है। चर्चाओं के अनुसार इंदौर निवासी एक व्यक्ति ने आरटीआई में पुलिस मुख्यालय से पूछा है कि मप्र पुलिस में कार्यरत कितने व्यक्तियों के निजी वाहनों पर पुलिस लिखा है। इसके जवाब को लेकर पुलिस सकते में है, इसलिए पूरे प्रदेश में निजी गाडिय़ों से पुलिस शब्द हटाए जाने का आदेश जारी हुआ है। यातायात डीएसपी मानवेन्द्र सिंह का कहना है कि इसके बाद आम नागरिकों के वाहन पर लिखे शब्द व स्टीकर हटवाने का अभियान शुरू करेंगे।
इसलिए हटाएंगे शब्द
पुलिस के अधिकारियों के अनुसार इस आदेश को जारी करने के पीछे कई कारण हैं। कुछ मामलों में खुद पुलिसकर्मियों ने या वाहनचालकों द्वारा उनके परिजन के पुलिसकर्मी होने के नाम पर धौंस दिखाई जाती थी। वाहन चेकिंग के मामलों में ये स्थिति ज्यादा बनती थी। वे चालान की राशि नहीं देना चाहते हैं। इसका सीधा असर आम वाहनचालकों पर पड़ता है। उनके सामने पुलिस की छवि बिगड़ती है। इसके अलावा पुलिस लिखवाकर असामाजिक तत्वों के वारदात करने का भी संदेह बना रहता है।
अंगोला शर्ट की बंिदश भी खत्म
पुलिस महकमे ने ठंड में पहनी जाने वाली अंगोला शर्ट की बंदिश अब खत्म कर दी है। पुलिस कंट्रोल रूम भोपाल के एक ताजा आदेश के अनुसार बताया गया है कि मौसम में अप्रत्याशित तब्दीली आई है। जिसके चलते पुलिसकर्मियों को अब अंगोला शर्ट पहनने की जरूरत नहीं है। वे टेरीकॉट के कपड़े से बनी खाकी वर्दी बांह मोडक़र पहनें। इस आदेश को लेकर पुलिस विभाग में गफलत है।
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