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लखनऊ। सपा सरकार में परिवहन मंत्री और गैंगरेप के आरोपी गायत्री प्रजापति आखिरकार बुधवार को पुलिस के हत्थे चढ़ ही गए। यूपी पुलिस ने गायत्री प्रजापति को लखनऊ से गिरफ्तार किया। गायत्री को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
गैंगरेप के आरोपी गायत्री प्रजापति ने जेल जाते समय दिया बयान
पूर्व परिवहन मंत्री गायत्री प्रजापति 27 फरवरी से फरार चल रहे थे। उत्तर प्रदेश पुलिस ने उनको कोर्ट में पेश किया, जहां से प्रजापति को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। जेल जाते वक्त प्रजापति ने कहा कि उनका और पीड़िता का नार्को टेस्ट कराया जाना चाहिए। उन्होंने न्याय व्यवस्था में विश्वास जताते हुए कहा कि नार्को टेस्ट के जरिए सच सामने आ जाएगा।
पूछताछ के बाद कराया गया मेडिकल
जानकारी के मुताबिक, बुधवार की सुबह लखनऊ पुलिस और यूपी एसटीएफ की संयुक्त कार्रवाई में गायत्री को गिरफ्तार कर लिया गया। मंगलवार को प्रजापति के बेटे अनुराग और भतीजे सुरेंद्र को पुलिस द्वारा हिरासत मे लिए जाने के बाद बुधवार सुबह वह सरेंडर करने के लिए लखनऊ पहुंचे थे, लेकिन इससे पहले ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तारी के बाद उनको आलमबाग कोतवाली ले जाया गया, जहां पूछताछ के बाद उन्हें मेडिकल के लिए ले जाया गया।
सभी सात आरोपी हुए गिरफ्तार
यूपी के एडीजी (कानून-व्यवस्था) दलजीत चौधरी ने गायत्री प्रजापति की गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए बताया कि उनको खुफिया जानकारी मिलने के बाद लखनऊ से गिरफ्तार किया गया है। इससे पहले इस केस में 6 सहआरोपियों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। इनके नाम अशोक तिवारी, पिंटू सिंह, विकास शर्मा, चंद्रपाल, रूपेश और आशीष शुक्ला है। इसके साथ ही प्रजापति के बेटे अनुराग और भतीजे सुरेंद्र को भी हिरासत में लेकर पूछताछ की है।
आदित्यनाथ ने कहा होगी जांच
गायत्री प्रजापति की गिरफ्तारी पर बीजेपी सांसद महंत आदित्यनाथ ने कहा कि यूपी में बीजेपी को जो जनादेश मिला है, उसमें महिलाओं के खिलाफ किसी भी तरह का अत्याचार सहन नहीं किया जाएगा। आदित्यनाथ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट पर आदेश पर प्रजापति को गिरफ्तार किया गया, जबकि ये सपा सरकार को करना चाहिए था। उन्होंने कहा कि इस मामले में पुलिस और प्रशासन की लापहवाही भी सामने आई है। बीजेपी सरकार में इसकी भी जांच की जाएगी।
गायत्री को हो सकती है उम्रकैद
सुप्रीम कोर्ट के सख्त आदेश के बाद यूपी पुलिस ने गायत्री और उनके सहयोगियों अशोक तिवारी, पिंटू सिंह, विकास शर्मा, चंद्रपाल, रूपेश और आशीष शुक्ला के खिलाफ आईपीसी की धारा 376, 376डी, 511, 504, 506 और पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज किया था। आईपीसी की धारा- 376 के तहत रेप का केस दर्ज होता है. इसमें आरोपी को 10 साल की कैद या उम्रकैद होती है। धारा- 376 डी के तहत गैंगरेप का केस दर्ज होता है, जिसमें उम्रकैद की सजा होती है।
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