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विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने से पहले हड़बड़ी में छपवाए गए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की फोटो वाले राशन कार्ड अब अलमारियों में बंद हो गए हैं। हालांकि तब यही सोचा गया था कि जिन्हें कार्ड नहीं बंट पाए हैं, उन्हें आचार संहिता खत्म होने के बाद कार्ड दे दिए जाएंगे लेकिन, अधिकारी अब पुराने सीएम की फोटो वाले राशन कार्ड बांटने में हिचक रहे हैं। ख़बरों के मुताबिक़ अब यह कार्ड नहीं बंटेंगे, अब भाजपा सरकार में नए हाईटेक कार्ड छपवाए जाएंगे।
हालांकि यह राशन कार्ड आचार संहिता के दौरान भी सहज कामकाज के तौर पर बंट सकते थे लेकिन, राशन कार्डो पर छपी अखिलेश यादव की फोटो, उनके संदेश और समाजवादी पार्टी की पहचान बन चुकीं लाल-हरी पट्टियों को देख चुनाव आयोग ने इसे प्रचार की श्रेणी में माना और वितरण पर रोक लगा दी। अब सपा की सरकार जाने के बाद अखिलेश की फोटो वाले इन राशन कार्डो को निकालने की हिम्मत अधिकारी नहीं कर पा रहे हैं।
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आपूर्ति विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अब शायद फिर से ऐसे राशन कार्ड छपवाए जाएंगे, जिनसे सपा के निशान गायब होंगे और जिन पर नई सरकार की पहचान होगी। फिलहाल अघोषित तौर पर अखिलेश के फोटो वाले राशन कार्डो को बांटने पर रोक लगा दी गई है।\
केंद्र सरकार ने तो सितंबर 2013 में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना (एनएफएसए) को जमीन पर उतार दिया था लेकिन, दिल्ली से चली योजना को बगल के उत्तर प्रदेश तक पहुंचने में ढाई साल लग गए। 2016 में जनवरी और मार्च से दो चरणों में योजना प्रदेश में लागू भी हुई तो लोगों के पास इसके लिए राशन कार्ड नहीं थे।
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