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उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के जीत की बड़ी जीत के बाद पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में गड़बड़ी की आशंका जताई तथा चुनाव परिणाम को तत्काल प्रभाव से निरस्त करने की मांग की। मायावती के इस दावें को पुरे विपक्ष ने समर्थन किया हैं। हालाँकि उस समय चुनाव आयोग ने मायावती की मांग को ठुकरा दिया था।
वही मायावती के अलावा, इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में गड़बड़ी की आशंका के बाद दिल्ली में होने वाले MCD चुनाव को कांग्रेस और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने बैलेट पेपर से कराने की मांग की हैं। विपक्षी दलों के लगातार सवाल उठाने पर चुनाव आयोग ने आज एक और स्पष्टीकरण जारी किया है. इसके अलावा चुनाव आयोग का यह भी कहना है की वो ईवीएम् मशीनो की जांच कराने के लिए भी तैयार है।
चुनाव आयोग की तरफ से कहा गया की बसपा की ओर से लगाये गए आरोप बिना सबूत के लगाये गए थे। इसलिए मायावती की मांग को ठुकरा दिया गया था। इसके अलावा आज तक कोई भी यह साबित नही कर पाया है की हमारी तरफ से इस्तेमाल की जाने वाली ईवीएम् मशीनो में गड़बड़ी संभव है। उधर आनंद शर्मा की अध्यक्षता में गठित एक संसदीय समिति ने खुद ही ईवीएम् मशीनो की जांच कराने का आदेश दिया है।
उधर, चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया की ईवीएम् मशीन में ऐसे कई तकनीक और प्रशासनिक इंतजाम है जिससे ईवीएम् में छेड़छाड़ करना संभव नहीं है लेकिन फिर भी अगर कोई पार्टी या उम्मीदवार कहता है की उसको शक है की मशीन में छेड़छाड़ हुई है तो वो हमें सबूत दे, हम मशीनो की जांच कराने के लिए तैयार है। लेकिन बिना सबूत हम अपने मानक पर कायम है।
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