- *पत्रकारों के संरक्षण के लिए मीडिया काउंसिल की आवश्यकता-*
- *मलेशिया जाएगा आईएफडब्लूजे का प्रतिनिधिमंडल*
- *आईएफडब्लूजे का 30 वां राष्ट्रीय सम्मेलन चेन्नई में संपन्न*
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भोपाल। चेन्नई यूनियन आफ जर्नलिस्ट (सीयूजे) द्वारा आयोजित इंडियन फेडरेशन आफ वर्किंग जर्नलिस्ट (आईएफडब्लूजे) के 30 वां राष्ट्रीय सम्मेलन कालीपुरम मंडपम (चेन्नई) में हुआ। इस सम्मेलन में देश भर के 20 राज्यों से आए 350 से ज्यादा पत्रकार शामिल हुए। 25 मार्च से शुरू हुए इस दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ मलेशिया के डिप्टी शिक्षा मंत्री डी कमलनाथन ने चेन्नई के कलंयिवना आरंगम सभागार में किया।
विशिष्ट अतिथि के रूप में तमिलनाडु के नामचीन शिक्षाविद एम नटराजन उपस्थित थे। इस अवसर पर आईएफडब्ल्यूजे की उत्तराखंड, आसाम, तमिलनाडु, उत्तरप्रदेश, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, मध्यप्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, छत्तीसगढ़, जम्मू कश्मीर, उडीसा, बिहार आदि लगभग 24 प्रांतों के प्रतिनिधि शामिल रहे। सम्मेलन के उदघाटन सत्र की अध्यक्षता आईएफडब्ल्यूजे के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीबी मल्लिकार्जुनैया ने की। सम्मेलन में कई वक्ताओं ने मीडिया व राजनीति सहित कई अहम मुद्दों पर अपने-अपने विचार रखे।
इस दौरान मध्य प्रदेश से प्रतिनिधित्व करने पंहुचे, देश के वरिष्ठ पत्रकार श्री अवधेश भार्गव ने कहा कि मीडिया की हर क्षेत्र में जिम्मेदारी महत्वपूर्ण होती है। इसलिए इस जिम्मेदारी को निभाने के लिये पत्रकारों को अपनी कलम की ताकत दिखाना चाहिए, ताकि समाज के सामने हर पहलू स्पष्ट हो जाए। उन्होंने पत्रकारों की समस्याओं की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि पत्रकारों के लिए सुरक्षा कानून बनना चाहिए साथ ही उन्होंने देशभर से आए प्रतिनिधियों से मजिठिया आयोग की सिफारिशों को जल्द लागू किए जाने पर जोर दिया।
श्री भार्गव ने मध्यप्रदेश सरकार की सराहना करते हुए कहा कि प्रदेश के पत्रकारों के लिए सरकार ने महत्वपूर्ण कदम उठाए है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार ने पत्रकारों की श्रद्धा निधि 6 हजार से बढ़ाकर 7 हजार रुपए कर दी है वहीं पत्रकारों की कल्याण निधि 50 हजार से बढ़ाकर एक लाख रुपए की गई। अभी तक पत्रकारों को उपचार हेतु आर्थिक सहायता मिलती थी, अब उनके माता-पिता को भी आश्रित मानते हुये, इस सुविधा में सरकार ने शामिल कर लिया है। इसके अलावा गैर अधिमान्यता पत्रकारों के लिए भी बीमा योजना उपचार हेतु, 2 लाख का उपचार नाम मात्र के(20%) पर सरकार द्वारा शुरू की गई है।
उन्होंने कहा कि मीडिया आयोग का गठन होना चाहिए,जिस प्रकार एडवोकेसी एक्ट के अन्तर्गत कोई भी वकील बिना रजिस्ट्रेशन कराये, वकालत नहीं कर सकता,सी.ए. एक्ट के अन्तर्गत बिना चार्टर्ड एकाउन्टेन्ट एसोसियेशन में पंजीयन कराये बिना सी. ए. की प्रेक्टिस नहीं कर सकता,मेडिकल काउन्सिल आफ इंडिया में पंजीयन कराये बिना कोई डाक्टर प्रैक्टिस नहीं कर सकता,उसी प्रकार बिना मीडिया आयोग में पंजीयन कराये बिना पत्रकारिता न कर पाये,और यह वर्किंग जर्नलिस्ट एक्ट के अन्तर्गत किया जावे।
ताकि बेब मीडिया, इलेक्ट्रनिक मीडिया,और प्रिंट मीडिया पर नियंत्रण हो सके। राष्ट्रीय अध्यक्ष बीबी मलिकार्जुन ने कहा कि संगठन को अपनी श्रेष्ठता बनाए रखने के लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है।
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