नयी दिल्ली। बैंक ऋण घोटाले के भगोड़े आरोपी मेहुल चोकसी ने गुयाना में उच्चायोग के पास अपना भारतीय पासपोर्ट जमा करा दिया है। आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी। दो अरब डॉलर के पंजाब नेशनल बैंक घोटाले के कथित मुख्य षड़यंत्रकारियों में से एक एवं भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी के मामा चोकसी ने पिछले साल एंटीगुआ की नागरिकता ले ली थी। विदेशी नागरिकता लेने के बाद भारतीय नागरिकों को अपना पासपोर्ट जमा कराना होता है।
करीब 13 हजार करोड़ रुपये के पीएनबी घोटाले (PNB Scam) के मुख्य आरोपियों में से एक मेहुल चोकसी (mehul choksi) ने भारतीय नागरिकता छोड़ दी है। चोकसी ने अपने भारतीय पासपोर्ट को सरेंडर कर दिया है। खबर है कि उसने अपना भारतीय पासपोर्ट एंटीगुआ हाईकमीशन में जमा कर दिया है। कहा जा रहा है कि अब भारत सरकार के लिए चोकसी को भारत वापस लाना मुश्किल हो जाएगा। वांछित भगोड़ा हीरा कारोबारी चोकसी गीतांजलि ग्रुप का चेयमैन है और उसने एंटीगुआ में शरण ले रखी है।
सूत्रों के मुताबिक, चोकसी ने अपने पासपोर्ट नंबर जेड 3396732 को कैंसिल्ड बुक्स के साथ जमा करा दिया है। नागरिकता छोड़ने के लिए चोकसी को 177 अमेरिकी डॉलर का ड्राफ्ट भी जमा करना पड़ा है। इस बारे में विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव अमित नारंग ने गृह मंत्रालय को सूचना दे दी है। नागरिकता छोड़ने वाले फार्म में चोकसी ने अपना नया पता जौली हार्बर सेंट मार्कस एंटीगुआ बताया है।
चोकसी ने हाई कमीशन को कहा कि उसने नियमों के तहत एंटीगुआ की नागरिकता ली और भारत की नागरिकता छोड़ी है।
दरअसल, चोकसी भारतीय नागरिकता छोड़कर प्रत्यर्पण की कार्रवाई से बचना चाहता है। चोकसी की इस बाबत एंटीगुआ की कोर्ट में 22 फरवरी को सुनवाई है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने विदेश मंत्रालय और जांच एजेंसियों से मामले की प्रगति रिपोर्ट मांगी है।
चोकसी ने साल 2017 में ही एंटीगुआ की नागरिकता ली थी। मुंबई पुलिस की हरी झंडी के बाद चोकसी को नागरिकता मिली थी।
पिछले साल जनवरी में भारत छोड़कर भागा था
पिछले साल जनवरी माह में पीएनबी घोटाला खुलने की भनक के बाद मेहुल चोकसी और उसका भांजा नीरव मोदी फरार हो गए थे। उन दोनों के फरार होने के बाद घोटाला देश के सामने आया था। चोकसी ने मुंबई की एक कोर्ट से दिसंबर 2018 में लिखित में कहा था कि वह एंटीगुआ से 41 घंटे की यात्रा कर भारत नहीं आ सकता। इसके लिए उसने अपनी खराब सेहत का हवाला दिया था। घोटाला सामने आने के बाद कई बार जांच एजेंसियां और कोर्ट द्वारा उन्हें समन भेजा जा चुका है लेकिन दोनों में से कोई भी वापस नहीं लौटा है।
पिछले साल जनवरी माह में पीएनबी घोटाला खुलने की भनक के बाद मेहुल चोकसी और उसका भांजा नीरव मोदी फरार हो गए थे। उन दोनों के फरार होने के बाद घोटाला देश के सामने आया था। चोकसी ने मुंबई की एक कोर्ट से दिसंबर 2018 में लिखित में कहा था कि वह एंटीगुआ से 41 घंटे की यात्रा कर भारत नहीं आ सकता। इसके लिए उसने अपनी खराब सेहत का हवाला दिया था। घोटाला सामने आने के बाद कई बार जांच एजेंसियां और कोर्ट द्वारा उन्हें समन भेजा जा चुका है लेकिन दोनों में से कोई भी वापस नहीं लौटा है।
4,765 करोड़ रुपये तक जब्ती हो चुकी है
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इस माह के पहले सप्ताह में भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी की कंपनी गीतांजलि समूह की थाईलैंड में स्थित 1314 करोड़ रुपये कीमत की एक फैक्टरी को कुर्क कर लिया था। ईडी ने कहा था कि इस कुर्की के साथ पीएनबी घोटाले में की गई कुर्की व जब्ती करीब 4,765 करोड़ रुपये तक की हो गई है। आगे की जांच जारी है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इस माह के पहले सप्ताह में भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी की कंपनी गीतांजलि समूह की थाईलैंड में स्थित 1314 करोड़ रुपये कीमत की एक फैक्टरी को कुर्क कर लिया था। ईडी ने कहा था कि इस कुर्की के साथ पीएनबी घोटाले में की गई कुर्की व जब्ती करीब 4,765 करोड़ रुपये तक की हो गई है। आगे की जांच जारी है।
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