दीवान हाउसिंग फाइनेंस (DHFL) में 31,000 करोड़ रुपये का घोटाला का दावा किए जाने की मीडिया रिपोर्ट्स के सामने आने के बाद कंपनी का शेयर 8 फीसदी तक टूट गया. इसे भारत का सबसे बड़ा वित्तीय घोटाला करार देते हुए 'कोबरापोस्ट' ने रिपोर्ट प्रकाशित की है. इस आरोप लगाया गया है कि DHFL ने शेल कंपनियों के एक नेटवर्क के जरिए निजी संपत्ति बनाने के लिए प्रमोटर कंपनियों में 31,000 करोड़ रुपये डाले
'कोबरापोस्ट' ने दावा किया कि डीएचएफएल के लगभग 21,477 करोड़ रुपये के फंड को विभिन्न शेल कंपनियों में लोन और निवेश के रूप में हस्तांतरित किया गया है.
विश्लेषकों का मानना है कि इस मामले के बाद स्टॉक और मूल्यांकन पर अधिक सावधानी लाएगा. 'कोबरापोस्ट' ने शेल कंपनियों के माध्यम से धन उपलब्ध कराने और ट्रांसफर करने के लिए कंपनी को दोषी ठहराया है. इससे आगे कंपनी का वैल्युएशन कम होगा और फर्म के खिलाफ जांच शुरू हो सकती है. कंपनी पहले से ही फंडिंग की समस्या से जूझ रही है. यदि DHFL के खिलाफ जांच होती है या DHFL डिफॉल्ट करती है तो NBFC सेक्टर को और अधिक तरलता का सामाना करना पड़ सकता है.
टारगेट इन्वेस्टिंग के इक्विटी रिसर्च एनालिस्ट एंड फाउंडर समीर कालरा का कहना है कि DHFL पर हमारी सेल रेटिंग है और कल कारोबार के दौरान शेयर की शुरुआत गिरावट के साथ हो सकती है.
DHFL का शेयर मंगलवार को बीएसई पर 14.80 रुपये यानी 8.01 फीसदी गिरकर 170.05 रुपये पर बंद हुआ. कारोबार के दौरान शेयर ने 52 हफ्ते का निचला स्तर 164.50 रुपये को छुआ.
कोबरापोस्ट की रिपोर्ट नुकसान पहुंचाने वाला
कंपनी ने मीडिया स्टेटमेंट में कहा है कि DHFL एक सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध हाउसिंग फाइनेंस कंपनी है और इसे नेशनल हाउसिंग बैंक और भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड द्वारा रेग्युलेट किया जाता है. कोबरापोस्ट द्वारा किया गया खुला कंपनी की गुडविल और प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने वाला है. इसकी वजह से शेयरहोल्डर्स की वैल्यू घट गई.
DHFL ने कहा कि आज कंपनी को कोबरापोस्ट की तरफ से सुबह 8.44 बजे एक ई-मेल मिला. इसके साथ एक-एक घंटे के अंतराल पर फॉलो-अप रिमाइंडर आए जिसमें 64 सवालों के जवाब मांगे गए जिनमें से कई राजनीतिक से प्रेरित थे. हम आज सुबह मिले इस इनक्वायरी से अचंभित और हैरान हैं. हालांकि शुक्रवार यानी 25 जनवरी, 2019 को कोबरापोस्ट ने एक वित्तीय घोटाले का खुलासा करने के लिए अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस की घोषणा की थी.
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