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जयपुर। केंद्र ने सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा, जिसे स्टेच्यू ऑफ यूनिटी के नाम से जाना जाता है, के उद्घाटन के लिए मीडिया में विज्ञापन पर 2.64 करोड़ रुपये खर्च कर दिए है इस बात का खुलास एक आरटीआई का जवाब आज सामने आया.
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने एक स्वतंत्रता सेनानी और स्वतंत्र भारत के पहले गृह मंत्री वल्लभभाई पटेल की 143 वीं जयंती के अवसर पर 31 अक्टूबर, 2018 को दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा का उद्घाटन किया था.
मुंबई सूचना का अधिकार (आरटीआई) कार्यकर्ता जतिन देसाई ने सूचना और प्रसारण मंत्रालय को पत्र लिखकर विभिन्न मीडिया में मूर्ति उद्घाटन के विज्ञापन पर किए गए खर्च के आरटीआई के तहत विवरण मांगा था. मंत्रालय के आउटरीच और संचार ब्यूरो ने 9 जनवरी को एक जवाब में कहा कि सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर 2,62,48,463 रुपये और दूसरा प्रिंट मीडिया विज्ञापनों पर 168,415 रु खर्च किए है.
देसाई ने कहा इस राशि में उद्घाटन पर सरकार द्वारा खर्च की गई कुल राशि शामिल नहीं है, साथ ही आउटडोर विज्ञापन पर जो ब्यूरो के पास उपलब्ध नहीं है. विज्ञापन और भव्य समारोहों में इतनी बड़ी राशि खर्च करना उचित नहीं ठहराया जा सकता है जब लोगों को प्रतिमा के आसपास के क्षेत्र में आदिवासी और गरीब हैं.
सरदार पटेल की विशाल 182 मीटर ऊंची प्रतिमा गुजरात के वडोदरा शहर से लगभग 100 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में केवडिया के पास नर्मदा नदी पर एक द्वीप पर स्थित है. 3,000 करोड़ की, ऐतिहासिक मूर्ति महाराष्ट्र के मूर्तिकार राम वी सुतार द्वारा डिजाइन की गई थी और मुंबई स्थित लार्सन एंड टुब्रो कंपनी द्वारा बनाई गई थी.
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