नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में बदल रही राजनीतिक परिस्थितियों के बीच इंडिया टुडे कार्वी इनसाइट्स के मूड ऑफ द नेशन सर्वे में चौंकाने वाले परिणाम सामने आए हैं। सर्वे के मुताबिक राज्य में त्रिकोणीय मुकाबला होने के आसार हैं। इस मुकाबले में एक तरफ सपा-बसपा और रालोद का गठबंधन है तो दूसरी तरफ भाजपा और अपना दल का गठबंधन (एनडीए) है जबकि तीसरी तरफ कांग्रेस अकेले है।
इस स्थिति में कांग्रेस को अकेले 12 फीसदी वोट मिलने का अनुमान जताया गया है जबकि महागठबंधन को 46 फीसदी वोट मिलने का अनुमान जताया गया है। भाजपा गठबंधन को 7.3 फीसदी के नुकसान के साथ 36 फीसदी वोट मिलने का अनुमान है। ये सर्वे 28 दिसंबर 2018 से 8 जनवरी 2019 के बीच किए गए हैं। इस दौरान कुल 20 लोकसभा क्षेत्रों से 2478 सैंपल कलेक्ट किए गए थे।
सीटों की बात करें तो भाजपा गठबंधन यानी एनडीए को 55 सीटों का नुकसान हो सकता है, उसे मात्र 18 सीटें मिल सकती हैं जबकि गठबंधन को 58 सीटें मिल सकती हैं। यानी सपा-बसपा-रालोद गठजोड़ को 53 सीटों का फायदा हो सकता है। कांग्रेस को अपने दम पर चार सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है जो 2014 के मुकाबले दो सीट ज्यादा है। यानी कांग्रेस को 100 फीसदी का फायदा होता बताया गया है। हालांकि, यह सर्वे प्रियंका गांधी को महासचिव बनाए जाने से पहले का है। अब जब ज्योतिरादित्य सिंधिया और प्रियंका गांधी को क्रमश: पश्चिमी और पूर्वी यूपी का प्रभारी बनाया गया है तो इस बात की भी संभावना है कि कांग्रेस का आंकड़ा आने वाले दिनों में और बढ़ सकता है।
सर्वे में कहा गया है कि अगर टीम मोदी के खिलाफ राज्य में सपा-बसपा-रालोद और कांग्रेस सभी मिलकर चुनाव लड़ते तो भाजपा मात्र पांच सीटों पर सिमट जाती जबकि महागठबंधन को 75 सीटें मिलतीं। इस दृश्य के साथ भी सर्वे किया गया है कि अगर राज्य में किसी भी दल का किसी के साथ कोई गठबंधन न होता तब क्या स्थिति होती? ऐसे हालात में सर्वे में भाजपा को 35 फीसदी वोट मिलने का अनुमान जताया गया है जो 2014 के वोट प्रतिशत से 7.3 फीसदी कम है।
कांग्रेस को 12 फीसदी वोट मिलने के आसार जताए गए हैं जो 2014 से 4.5 फीसदी ज्यादा है। सपा को 1.8 फीसदी के बढ़त के साथ कुल 24 फीसदी वोट मिलने की बात कही गई है, जबकि बसपा को 21 फीसदी वोट मिलने का अनुमान जताया गया है। यह पहले के मुकाबले 1.4 फीसदी ज्यादा है। यानी भाजपा से कटा वोट फीसदी कांग्रेस, सपा और बसपा में बंटता दिख रहा है।
सीटों के नजरिए से देखें तो भाजपा को 14 सीटों का नुकसान हो सकता है और उसका आंकड़ा 57 पर सिमट सकता है। अपना दल पहले की तरह दो सीटों पर जीत सकती है। कांग्रेस दो सीटों की बढ़त के साथ चार सीटें जीत सकती थीं। रालोद पहले की तरह जीरो जबकि सपा को सबसे ज्यादा 11 सीटों का फायदा हो सकता था। उसके कुल 16 सीटें मिलने का अनुमान बताया गया था। बसपा को एक सीट मिलने की बात कही गई है।
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