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भोपाल. लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट ने कहा है कि स्वाईन फ्लू की बीमारी से निपटने की रणनीति तैयार की गई है। श्री सिलावट ने प्रदेश में स्वाईन फ्लू के इलाज के लिये सरकारी और चिन्हित निजी अस्पतालों में व्यवस्थाओं की प्रमुख सचिव स्वास्थ्य श्रीमती पल्लवी जैन गोविल, स्वास्थ्य आयुक्त श्री नीतेश व्यास, संचालक डॉ. बी.एन. चौहान सहित वरिष्ठ अधिकारियों से वर्तमान स्थिति की समीक्षा करते हुए यह जानकारी दी।
राज्य, संभाग और जिला स्तरीय मानिटरिंग दल गठित होंगे
श्री सिलावट ने निर्देश दिये कि राज्य, संभाग और जिला स्तरीय मॉनीटरिंग दल गठित कर स्वाईन फ्लू के मरीजों के उपचार की व्यवस्थाओं को सुनिश्चित किया जाये। राज्य स्तर पर स्वास्थ्य आयुक्त, संचालक स्वास्थ्य, संयुक्त संचालक और उप संचालक को मॉनिटरिंग दल में शामिल किया गया है। राज्य स्तरीय मॉनिटरिंग दल रोजाना दो बार पूरे प्रदेश से रिपोर्ट प्राप्त करेगा।
संभाग स्तर पर गठित मॉनिटरिंग टीम में संभागीय, क्षेत्रीय संचालक, उप संचालक को शामिल किया गया है। यह दल अस्पतालों का निरीक्षण करेगा और वरिष्ठ कार्यालय को रिपोर्ट भेजेगा। जिला स्तर पर गठित मॉनिटरिंग टीम में कलेक्टर, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, डी.एच.ओ. और नोडल ऑफीसर (एपिडेमियोलॉजिस्ट) को शामिल किया गया है। जिला स्तरीय दल उपचार की व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करने के साथ ही सुबह-शाम रोजाना राज्य स्तर पर रिपोर्ट भेजेगा।
बैठक में बताया गया कि प्रदेश में स्वाईन फ्लू के उपचार की औषधि टेमीफ्लू पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। इसे सभी शासकीय और चिन्हित निजी चिकित्सालयों में पहुँचा दिया गया है। एम्स भोपाल, जी.एम.सी. भोपाल, एन.आई.आर.टी.एच. जबलपुर और डी.आर.डी.ओ. ग्वालियर में स्वाईन फ्लू सेम्पल की जाँच की सुविधा उपलब्ध है। बैठक में मंत्री श्री सिलावट ने कहा कि उन्हें रोजाना पूरे प्रदेश में स्वाईन फ्लू की स्थिति जिसमें किस जिले में और किस हॉस्पिटल में कितने स्वाईन फ्लू के मरीज उपचाररत है, उपचार की व्यवस्थाओं सहित पूरी जानकारी दी जाए। वह खुद इसकी समीक्षा करेंगें। मंत्री श्री सिलावट ने कहा कि उपचार में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी। चिन्हित निजी चिकित्सालय वह कोई भी हो, स्वाईन फ्लू के उपचार से मना करता है, तो उसकी मान्यता रद्द कर दी जाये।
स्वाईन फ्लू के मरीजों से मिले स्वास्थ्य मंत्री
मंत्री श्री सिलावट आज दोपहर में विधानसभा से सीधे भोपाल के निजी हॉस्पिटल में पहुँचे, जहाँ पर स्वाईन फ्लू के मरीज भर्ती थे। नेशनल और बंसल हॉस्पिटल में खुद पहुँचकर उन्होंने उपचाररत मरीजों और चिकित्सकों से भेंट कर इलाज के संबंध में चर्चा की। मंत्री श्री सिलावट ने शहर की अन्य हॉस्पिटल्स में स्वास्थ्य अधिकारियों को मरीजों से मिलने और व्यवस्थाओं का जायजा लेने भेजा। मंत्री श्री सिलावट ने इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, जबलपुर आदि संभाग के संयुक्त संचालक, खण्डवा, बुरहानपुर सहित अन्य जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को सीधे फोन पर स्वाईन फ्लू के मरीजों को इलाज और हॉस्पिटल की व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्वाईन फ्लू से बचाव के उपायों के बारे में व्यापक जानकारी प्रसारित करने के भी निर्देश दिये। प्रदेश में वर्तमान में स्वाईन फ्लू के 167 प्रकरण प्रकाश में आये है।
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