अन्टोनी डिसा |
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भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) द्वारा रियल स्टेट के क्षेत्र में रेरा में अपंजीकृत अपूर्ण या प्रगतिरत् परियोजनाओं के बारे में जानकारी हासिल करने के उद्देश्य से एक पुरस्कार योजना प्रारम्भ की गयी है।
रेरा एक्ट के प्रचार-प्रसार के संबंध में छिंदवाड़ा प्रवास पर आये रेरा आथिरिटी के चेयरमेन श्री अंटोनी डिसा ने यह जानकारी देते हुये बताया कि पुरस्कार योजना के अंतर्गत यदि कोई भी व्यक्ति रेरा में अपंजीकृत किसी अपूर्ण परियोजना की जानकारी प्राधिकरण को उपलब्ध कराता है तो उसे एक हजार रूपये का पुरस्कार प्रदान किया जावेगा।
उन्होंने बताया कि रेरा एक्ट के 01 मई 2017 को लागू होने के पश्चात् रियल स्टेट के क्षेत्र में सभी तरह की अपूर्ण प्रगतिरत् व नई परियोजनाओं जिनमें रहवासी कालोनी, शापिंग काम्पलेक्स शामिल है का रेरा में पंजीयन कराया जाना अनिवार्य हो चुका है। योजना की वैधता 31 मार्च 2019 तक रहेगी।
उल्लेखनीय है कि अभी तक रेरा प्राधिकरण में छिदंवाड़ा जिले में 65 परियोजनाओं का पंजीयन कराया गया है। रेरा प्राधिकरण द्वारा छिंदवाड़ा में आयोजित सेमिनार में इस अशय की जानकारी प्राप्त हुयी कि जिले मे अभी भी कुछ प्रगतिरत् परियोजनाऐं ऐसी हो सकती है जो रेरा में पंजीकृत न हो जिन की पहचान के लिये ही यह योजना प्रारम्भ की गयी है।
किसी परियोजनाओं के रेरा प्राधिकरण में अपूर्ण होने की जानकारी को प्राधिकरण के साथ वाटसएप नम्बर 8989880123 पर प्रेषित किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त इसे RERA-REWARD@gmail.com पर मेल के माध्यम से भेजा जा सकता है तथा इसे प्राधिकरण के कार्यालय में सचिव रेरा भवन मेन रोड नम्बर 01 भोपाल 462016 को संबोधित करते हुए पंजीकृत डाक के माध्यम से भी भेजा जा सकता है।
योजना के अंतर्गत किसी परियोजना के रेरा में अपंजीकृत होने से संबंधित जानकारी को तभी वैध और विचार योग्य माना जायेगा जब इसमें बिल्डर/संप्रवर्तक का नाम उसका पता और संपर्क विवरण भूमि का विवरण जहां ऐसी परियोजना स्थित हैं के साथ-साथ परियोजना स्थल के कुछ फोटोग्राफ भी शामिल हो।
जहां किसी अपूर्ण परियोजना के संबंध में प्रेषित जानकारी के परिक्षण उपरांत उस परियोजना के रेरा प्राधिकरण में पंजीयन नहीं होने की पुष्टि होती है वहां ऐसे प्रतिभागी को एक हजार रूपये के पुरूस्कार की पात्रता होगी। इसके अतिरिक्त प्रति 3 माह में एक प्रतिभागी का चयन लकी ड्रा के माध्यम से भी किया जायेगा। जिसके विजेता को राशि रूपये 10,000 प्रथक से प्रदान की जावेगी।
भू-संपदा परियोजनाओं को प्रोत्साहन देने व आवंटीयों के अधिकारों की प्रतिरक्षा करने हेतु रेरा एक्ट लागू किया गया है जिसके अंतर्गत ऐसी परियोजनाओं का रेरा में पंजीयन कराया जाना आवश्यक है। प्रदेश की सभी परियोजनाओं को रेरा में पंजीकृत करने के लिये भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण दृढ़ संकल्पित है।
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