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बैतूल, रामकिशोर पंवार । अभी तक कांग्रेस भाजपा की सासंद की जाति को लेकर पुतला दहन और विरोध प्रदर्शन में लगी थी,इस बीच अचानक जिला मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यपालक जिला दण्डाधिकारी (जिला कलैक्टर ) श्री तरूण कुमार पिथोड़े की कोर्ट ने मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ के 28 फरवरी 2019 को बैतूल में प्रस्तावित कार्यक्रम दौरे के ठीक दो पहले कांग्रेस की सारनी नगर पालिका की पार्षद एवं वर्तमान नपा अध्यक्ष श्रीमति आशा महेन्द्र भारती की पुत्री कुमारी पूनम भारती का जाति प्रमाण पत्र एवं निर्वाचन दोनो ही शुन्य घोषित कर दिया।
पूनम भारती से पूर्व उसके पिता महेन्द्र स्वर्गीय शिवधारी भारती उतर प्रदेश के गाजीपुर के मूल निवासी होने के कारण उनके पुत्र महेन्द्र को जारी राष्ट्रीय जाति प्रमाण पत्र निर्वाचन में क्रियाशील नहीं रहता क्योकि निर्वाचन में आरक्षण का लाभ उस प्रदेश की आरक्षित जातियों को ही मिलता है जो वहां की मूल रहवासी है। स्वर्गीय श्री शिवधारी भारती के पुत्र कांग्रेस नेता एवं पूर्व पार्षद महेन्द्र भारती का हाल ही में सम्पन्न हुए विधानसभा चुनाव के दौरान आरक्षित अनुसूचित जाति सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में प्रस्तुत नामाकंन को जिला निर्वाचन अधिकारी / रिर्टानींग अधिकारी ने अस्वीकार करके नामांकन निरस्त कर दिया था।
वर्तमान में सारनी नगर पालिका के वार्ड क्रमांक 21 से कांग्रेस तीन बार पार्षद रहे तथा नपा मे नेता प्रतिपक्ष भी रह चुके महेन्द्र भारती की सीट से पार्षद का चुनाव लड़ी पूनम भारती का जाति प्रमाण पत्र एवं निर्वाचन दोनो ही शुन्य घोषित कर दिया। 11 अक्टूबर 1992 को पाथाखेड़ा में जन्मी कुमारी पूनम महेन्द्र भारती की माँ ने कांग्रेस से टिकट न मिलने पर निर्दलीय चुनाव लड़ा जबकि पूनम महेन्द्र भारती ने अपने पिता की सीट से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा और वह पार्षद चुनी गई।
कांग्रेस की इस पार्षद की जाति एवं निर्वाचन को लेकर जिला कांग्रेस कमेटी बैतूल के जिला उपाध्यक्ष एवं पाथाखेड़ा के कामगार नेता प्रदीप नागले एवं शिवसेना के विनोद जगताप की ओर जिला मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी / कार्यपालक दण्डाधिकारी (कलैक्टर) के समक्ष एक प्रकरण दर्ज करवाया गया था जिसमें फर्जी तरीके से बने जाति प्रमाण पत्र को चुनौती दी गई थी। कुछ माह पूर्व कांग्रेस से बगावत करके चुनाव लड़ कर अध्यक्ष बनी श्रीमति आशा महेन्द्र भारती अपने पति महेन्द्र भारती अपने समर्थको के साथ प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के समक्ष कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण करके पुन: कांगे्रस में शामिल हो चुके है।
कांग्रेस समर्थित सारनी नगर पालिका बैतूल जिले की सबसे बड़ी नगर पालिका कही जाती है। वर्तमान में जिले में सिर्फ सारणी ही एक मात्र ऐसी नगर पालिका है जहां पर कांग्रेस की अध्यक्ष है। कांग्रेस नपा अध्यक्ष की अविवाहित बेटी पूनम महेन्द्र भारती के जाति प्रमाण पत्र के मामले में आए फैसले के बाद भाजपा आक्रमण मूड में आ गई है। जानकार सूत्रो ने बताया कि कांग्रेस की पार्षद कुमारी पूनम महेन्द्र भारती के जाति प्रकरण को उठाने में कांग्रेस के कुछ नेताओं का विशेष योगदान था। बैतूल जिला कांग्रेस कमेटी के जिला उपाध्यक्ष प्रदीप नागले ने दुसरे राज्य से आए लोगो को मध्यप्रदेश में निर्वाचन में आरक्षण का लाभ दिये जाने के मामले को लेकर एक प्रकरण जिला निर्वाचन एवं कार्यपालक दण्डाधिकारी जिला कलैक्टर की कोर्ट में दायर किया था।
अब देखना यह बाकी है कि इस जाति प्रमाण पत्र के फैसले का मुख्यमंत्री के कार्यक्रम पर क्या असर पडऩे वाला है। उल्लेखनीय है कि कुछ दिनो पूर्व जिले की सासंद के जाति प्रमाण पत्र को शुन्य घोषित किए जाने के मध्यप्रदेश छानबीन समिति के फैसले के बाद सदमें में जा पहुंची भाजपा अचानक इस प्रकरण से आक्रमक हो गई है। जानकार सूत्रो ने बताया कि कल मुख्यमंत्री के बैतूल कार्यक्रम के एक दिन पूर्व भाजपा पूरे जिले में एक बड़ा जन आन्दोलन को रूप दे सकती है। इधर पूरे मामले में जिला कलैक्टर तरूण कुमार पिथोड़े ने अपनी प्रतिक्रिया नहीं दी है क्योकि वे मुख्यमंत्री के कार्यक्रम की तैयारी में नर्मदा पूरम (होशंगाबाद) संभागीय कमीश्रर कार्यालय पहुंचे है।
जाति प्रमाण पत्र के मामले में जिस राज्य से चुनाव लडऩे वाली अभ्यार्थी उसी राज्य का 1950 से मूल रहवासी होना जरूरी है तभी उसे उस जाति का लाभ मिलेगा। बीते विधानसभा चुनाव में महेन्द्र भारती का आमला विधानसभा क्षेत्र नामांकन जांच के बाद निरस्त करने के पीछे का कारण भी यही बताया गया कि 5 मार्च 1973 को पाथाखेड़ा में जन्मे महेन्द्र भारती के पिता स्वर्गीय शिवधारी भारती मध्यप्रदेश के 1950 में रहवासी नहीं थे। इसलिए उन्हे निर्वाचन में आरक्षण का लाभ नहीं मिल सकता है।
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