श्रीनगर। कश्मीर को जमीन और स्थायी निवास पर विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 35-ए को खत्म किए जाने की अटकलों को लेकर अब जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी चेतावनी दी है।
पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने कहा है, आग से मत खेलो, अनुच्छेद-35 ए से छेड़छाड़ मत करो वरना 1947 से अब तक जो आपने नहीं देखा, वह देखोगे। यदि ऐसा होता है तो मुझे नहीं पता कि जम्मू-कश्मीर के लोग तिरंगा उठाने की बजाए कौन सा झंडा उठाएंगे।
इससे पहले नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा, केंद्र सरकार और गवर्नर की जिम्मेदारी प्रदेश में चुनाव करवाने भर की है। इसलिए चुनाव ही कराएं, लोगों को फैसला लेने दें। नई सरकार खुद ही आर्टिकल 35 ए को सुरक्षित बनाने की दिशा में काम करेगी।
अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू कश्मीर में पांच साल के बाद चुनाव करवा पाना कश्मीर के हालात से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निबटने का परीक्षण होगा। अब्दुल्ला ने ट्विटर पर कहा, ‘क्या मोदी सरकार अलगावावादी ताकतों और आतंकियों के सामने घुटने टेकेगी जो जम्मू कश्मीर में हमेशा से ही चुनावों में बाधा और देरी पहुंचाते हैं या फिर चुनाव निर्धारित समय पर ही होंगे?
यह समय प्रधानमंत्री मोदी के लिए बीते पांच वर्षों में कश्मीर को संभालने की परख का है।’ अब्दुल्ला ने उन मीडिया रिपोर्टों पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे जिनमें कहा गया था कि भारत के निर्वाचन आयुक्त इस बात का फैसला करेंगे कि क्या राज्य में लोकसभा चुनावों के साथ राज्य के चुनावों भी कराया जाए। अब्दुल्ला ने कहा कि एक बार को छोडक़र राज्य में 1995-96 से चुनाव निर्धारित अवधि में होते रहे हैं।
No comments:
Post a Comment