प्रशांत श्रीवास्तव // भोपाल
कालेधन को भारत वापिस लाने के लिए समय-समय पर नेताओ ने अपने-अपने तर्· दिए। सरकारों ने ही पहल कर जनता के सामने यह संदेश दिया कि हम स्वच्छ साफ छवि के हैं कई नेताओं ने तो कालेधन पर अपना चुनावी एजेंडा तक बना डाला। परंतु क्या मालूम था जिसे वे चुनावी एजेंडा बना रहे हैं वही आगे चलकर उनकी गले की फांस बन जाएगा। सरकार तो आज तक कालेधन को वापस लाने की बात कही करती रही। लेकिन एक संस्था ने भारत के राजनेताओं ने स्विस बैंक में लगभग 70 हजार करोड़ रुपये जमा कराए गए हैं उनकी सूची उजागर की है जिसमें कांगे्रेस भाजपा के अलावा तमाम राजनीति· दलों से जुड़े नेताओं के नामों और उनके धन की जानकारी दी गई है। इस सूची के आते ही तमाम पार्टियों में हड़कंप मच गया है और उन्हें यह समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर स्विस बैंक की गोपनीय जानकारी आखिर कार बाहर कैसे आ गई। वेबसाइट टीओसी न्यूज एवं साप्ताहिक टाइम्स ऑफ क्राइम समाचार पत्र के हवाले से यह पता चली है। चलिए हम आपको बात देते हैं कि यह कारनामा गुजरात के अंकलेश्वर के रहने वाले एके बकानी के माध्यम के जारी सूची में तमाम नेताओं के धन का विवरण उपलब्ध कराया गया है इस सूची को जारी करने वाली संस्था हिंदुस्तान समाजवादी प्रजातंत्र सेना (इंडिया) का दावा है कि ये जानकारी पूरी तरह तत्यात्मक है और स्विस बैंक के सूत्रों के हवाले से दी गई है। संस्था का कार्यालय उत्तर प्रदेश के गोड़ा जिले के बकासिया गांव में स्थित हैं सूची में 152 लोगों के नाम एवं कोड सहित संपत्ति का पूर्ण विवरण दिया गया है। इस सूची में कांग्रेस-भाजपा के दिग्गज नेताओं के नाम उजागर हुए हैं। सूची में सबसे पहला नाम देश की विख्यात नेत्री श्रीमती इंदिरा गांधी का है, जिसमें कहा गया है कि उन्होंने स्विटजर लैंड में करीबन दस क्वटल सोना, सौ किलों चांदी, और भारत में भुगतान किए जाने वाले दो करोड़ रुपए जमा कराए थे, उनके खाते का कोड क्रमांक नहीं दिया गया है। जबकि उनके पुत्र संजय गांधी के खाते को एसजीएलएफ ओ स्विटजर लैंड नाम से दर्शाया गया है, इस खाते में एक हजार ए· ग्यारह किलो सोना और छह सौ बावन किलो हीरे और भारत में भुगतान किए जाने वाले पचास लाख रुपए जमा कराए गए थे, इसी तरह राजीव गांधी का खाता क्रमांक एलसीटीएस सात सौ किलो सोना, 125 किलो चांदी, 352 किलो हीरे और भारत में भुगतान किए जाने वाले 352 लाख रुपए रखकर संचालित किया जाता है। संस्था के सूत्र बताते हैं कि इन खातों के संचालन के लिए स्विस बैंकों की ओर से विशेष घडिय़ां और अंगूठियां जारी की जाती है। इन्हें लेकर जाने वाला व्यक्ति इन खातों को संचालित कर सकता है। यदि किसी खाता धारक का निधन भी हो जाता है तो उसके परिजन इस विशेष प्रतीक के माध्यम से उस खाते को संचालित कर सकते हैं। यदि कोई व्यक्ति इस प्रतीक को चुरा भी लेता है तो वह भी इस खाते का संचालन कर सकता है। स्विस बैंकों में गुप्त धन रखने के लालची ऐसा नहीं कि सिर्फ कांग्रेसी हैं इन नामों की सूची में भाजपा के दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी का नाम भी है। पिछले लोकसभा चुनावों के दौरान श्री आडवाणी ने इस धन की वापिसी के लिए बकायदा प्रचार अभियान छेडा था, लेकिन सूची के मुताबिक श्री आडवाणी का भी खाता स्विस बैंक से मौजूद हैं। एनएसओएल नाम से खोले गए इस खाते में 552 किलो सोना, 152 किलो हीरे, और भारत में भुगतान किए जाने वाले साठ लाख रुपए शामिल हैं। भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा ने स्विस कोड क्रमांक एपीपीपीएन के माध्यम से कथित तौर पर दो सौ दस किलो सोना, सत्तर किलो चांदी, सत्तर किलो हीरे और भारत में घर पर दिए जाने वाले छिहत्तर लाख दस हजार रुपए जमा कराए हैं। इसी तरह मप्र नगरीय प्रशासन मंत्री बाबूलाल गौर ने स्विस बैंक कोड क्रमांक एसएनकेवी के माध्यम से 79 किलो 900 ग्राम सोना, और 119 करोड़ दस लाख रुपए भारत में भुगतान की जाने वाली मुद्रा जमा कराई है। कांग्रेस के दिग्विजय सिंह, कोड क्र. वायजीकेएस माध्यम से 112 किलो सोना, 18 किलो हीरे, चार करोड़ रुपए, कमला नाथ कोड क्र. जेओवायएएन के माध्यम से 310 किलो सोना, 117 किलो चांदी, 120 किलो हीरे, एक करोड़ अड़सठ लाख की राशि जमा कराई गई है।
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