नई दिल्ली: गैंगरेप पीडि़त पैरामेडिकल की एक छात्रा अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रही है। अस्पताल में भर्ती होने के बाद से पीडि़ता पांच बार कोमा में जा चुकी है। पीडि़त के सिर में गहरी चोट लगने के कारण उसे 23 टांके लगाए गए हैं। उसे रह-रह कर होश आ रहा है। सफदरजंग अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि यहां आने के बाद से उसकी तीन बार लाइफ सेविंग सर्जरी की जा चुकी है, लेकिन हालत अभी नाजुक बनी हुई है। लड़की के शरीर के अंदरूनी हिस्सों पर तो चोटों के साथ-साथ शरीर के ऊपर गले और बाहों पर भी चोट के निशान हैं।


मेडिकल टीम ने जांच के बाद बताया कि लड़की को गहरी चोट लगने के कारण शरीर से करीब 1 लीटर खून निकल चुका था। उसके आंतों को भी गहरी चोट पहुंची है और वहां तक खून की सप्लाई ठीक से नहीं हो पा रही है। अस्पताल सूत्रों ने बताया कि पीडि़त लड़की का सीटी स्कैन भी किया गया, जिसमें पता चला कि उसकी रीढ़ की हड्डी में भी चोट लगी है। पीडि़ता को आईसीयू में एक्सपर्ट डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया है। पीडि़ता के साथ-साथ उसके दोस्त का भी इलाज आईसीयू में चल रहा है।

गौरतलब है कि देश की राजधानी दिल्ली में रविवार रात एक बस में अपने पुरुष मित्र के साथ सफर करने वाली 23 वर्षीय पैरा मेडिकल छात्रा के साथ बस में बैठते ही लगभग पांच से सात यात्रियों ने उसके साथ छेड़छाड़ शुरू कर दी। उस बस में और यात्री नहीं थे। छात्रा के साथ कथित रूप से चार लोगों ने सामूहिक बलात्कार किया तथा उसकी पिटाई करने के बाद उसे वाहन से बाहर फेंक दिया। पीडि़ता उत्तराखंड से कोर्स कर रही है तथा अपनी इंटर्नशिप के लिए दिल्ली आई हुई थी।

पुलिस ने बताया कि घटना देर रात उस समय हुई जब लड़की और उसका पुरुष मित्र रात पौने दस बजे पालम जाने के लिए दक्षिण दिल्ली के मुनीरका से रंगीन शीशे वाली चार्टर्ड बस में सवार हुए। जब दोनों ने विरोध किया तो बस के लोगों ने दोनों पर लोहे की राड से हमला किया। बाद में दोनों को महिपालपुर फ्लाईओवर के पास सड़क पर फेंक दिया गया।