जनसंपर्क पिटवा रहा मंत्री की भद्द!
(डेविड विनय)
भोपाल । मध्य प्रदेश के इतिहास में पहली बार मीडिया ने सूबे के जनसंपर्क विभाग के खिलाफ आवाज बुलंद की है। दस दिसंबर को भोपाल में पत्रकारों ने जनसंपर्क मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा के खिलाफ प्रदर्शन का निर्णय मजबूरन लेना पड़ा है। इस दिन जनसंपर्क मंत्री लक्ष्मी कांत शर्मा की प्रतीकात्मक शवयात्रा भी निकाली जाएगी। विधानसभा के चलते मध्य प्रदेश भर से आए पत्रकारों द्वारा किया जाने वाला यह अनूठा प्रदर्शन देश भर में मीडिया के आकर्षण का केंद्र बन सकता है।
ज्ञातव्य है कि मध्य प्रदेश सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को जन जन तक पहुंचाने के लिए पाबंद मध्य प्रदेश का जनसंपर्क विभाग पिछले एक साल से चर्चाओं में है। इसका कारण यह बताया जा रहा है कि मध्य प्रदेश जनसंपर्क विभाग की कमान विभाग के एक आला अधिकारी के हाथों में परोक्ष तौर पर दे दी गई है। आरोपित है कि उक्त अधिकारी के दरबार में जाकर उनकी चौखट से माथा रगड़ने पर ही विज्ञापन का प्रसाद मिल पा रहा है।
पत्रकारों में जनसंपर्क विभाग की अघोषित रंगदारी और पालिसी को लेकर रोष और असंतोष व्याप्त है। वास्तविक पत्रकारों को दरकिनार कर जनसंपर्क विभाग द्वारा दलाल रूपी पत्रकारों को ज्यादा तवज्जो दिए जाने से प्रदेश में मीडिया का गला घोंटने का कुत्सित प्रयास किया जा रहा है।
बताया जाता है कि जनसंपर्क संचालनालय में बैठे कथित मठाधीशों की कारस्तानियों के कारण पत्रकारों को सड़क पर उतरने मजबूर होना पड़ रहा है। कहा जा रहा है कि जनसंपर्क कार्यालय में बैठे कथित मठाधीश जनसंपर्क विभाग के नियम कायदों को ताक पर रखकर मनमर्जी चला दलालों को लाभ पहुंचाने का काम कर रहे हैं।
जनसंपर्क विभाग की कारस्तानी के चलते जनसंपर्क मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा की पकड़ विभाग पर कमजोर पड़ती जा रही है। जनसंपर्क संचालनालय के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि मंत्री के द्वारा विज्ञापन के लिए अनुसंशित कागजों को ये मठाधीश कागज की टोकरी में डाल देते हैं। वहीं अपने प्रभाव का उपयोग कर किसी को पंद्रह लाख का विज्ञापन एक ही दिन में जारी कर देते हैं।
सूत्रों ने कहा कि जनसंपर्क विभाग में लक्ष्मी कांत शर्मा से अधिक सहकारिता मंत्री गौरी शंकर बिसेन की तूती बोलती है। इतना ही नहीं संघ के वरद हस्त प्राप्त चुनिंदा वेब साईट्स को विज्ञापन देने की बात भी एक विस्फोट डॉट काम द्वारा पूर्व में प्रकाशित की गई थी। कुल मिलाकर जनसंपर्क संचालनालय द्वारा अपनी कारस्तानी के चलते अपने ही मंत्री की भद्द पिटवाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है।
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