सेवानिवृत्त अतिरिक्त संचालक का हो रहा प्रतिमाह 51 हजार का टीका!
(राजेश शर्मा)
भोपाल। मध्य प्रदेश में सूबे की जनता को जनकल्याणकारी योजनाओं के प्रचार प्रसार के लिए पाबंद मध्य प्रदेश जनसंपर्क सांचलनालय पिछले लंबे अरसे से चर्चा का केंद्र बिन्दु बना हुआ है। कहा जा रहा है कि जनसंपर्क विभाग में सरकार पर संगठन बुरी तरह हावी हो चुका है। एक तरफ सूचना सहायकों द्वारा पीआरओ का काम किया जा रहा है वहीं जनसंपर्क अधिकारी संघ इस बारे में सरकार से मांग करने के स्थान पर पत्रकारों को असली और फर्जी में उलझाने का कुत्सित प्रयास कर रहा है।
राजधानी में बाणगंगा स्थित जनसंपर्क संचालनालय के आयुक्त के करीबी सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि आयुक्त की रजामंदी के बिना संगठन के दबाव में एक अतिरिक्त संचालक की सेवा निवृत्ति के काफी बाद उनकी सेवाएं एक बार फिर कांट्रेक्ट पर विभाग को सौंप दी गई है।
अपने सेवाकाल में चर्चाओं और विवादों के केंद्र बिन्दू रहे उक्त अधिकारी को सरकार के बजाए संगठन की सेवा के पारितोषक के बतौर उनकी सेवाएं विभाग को सौंपे जाने की तरह तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। कहा जा रहा है कि बिना किसी प्रभार वाले उक्त अधिकारी को मध्य प्रदेश जनसंपर्क विभाग से इक्यावन हजार रूपए प्रतिमाह का मानदेय भी प्रदाया किया जा रहा है।
जनसंपर्क विभाग में व्याप्त चर्चाओं के अनुसार उक्त अधिकारी अपने सेवाकाल के अंतिम दिनों में कांग्रेस की सरकार में मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और मुख्य सचिव के.एस.शर्मा के करीबी रहे तो भाजपा के आते ही उक्त अधिकारी ने अपना पाला बदल लिया और वे संगठन के तारणहार बन गए। उक्त अधिकारी के द्वारा सरकारी काम से ज्यादा दिलचस्पी संगठन के कामों में लिए जाने संबंधी खबरें भी सुर्खियां बनी थीं।
ज्ञातव्य है कि प्रदेश भर में अनेक जिले एसे हैं जहां जिला जनसंपर्क अधिकारियों की पदस्थापना नहीं होने से वहां पीआरओ का काम सूचना सहायक ही प्रभारी के बतौर कर रहे हैं। कहा जा रहा है कि जनसंपर्क अधिकारी संघ ने पिछले दिनों सीएम, जनसंपर्क मंत्री और मुख्य सचिव को जो ज्ञापन सौंपा था उसमें फर्जी पत्रकारों पर चिंता जाहिर की थी। जनसंपर्क संचालनालय में चल रही चर्चाओं के अनुसार जनसंपर्क अधिकारी संघ अगर इसके साथ ही साथ मुख्यालय में अधिकारियों की भरमर के बाद पुनः 51 हजार रूपए में छः माहों के लिए सेवाएं लेेने की बात और प्रदेश में जनसंपर्क अधिकारियों की भर्ती की बात उठाता तो बात हजम होती।
जनसंपर्क विभाग की आधिकारिक वेब साईट में बेतूल, हरदा, विदिशा, शाजापुर, मंदसौर, नीमच, दतिया, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, बालाघाट, मंडला, पन्ना, टीकमगढ़, सतना, अनुपपुर आदि जिलों में ना तो सहायक संचालक पदस्थ हैं ना ही कोई और यहां का प्रभार और जिलों में जनकल्याणकारी योजनाओं के प्रचार प्रसार का काम सूचना सहायक या सहायक सूचना अधिकारी संभाले हुए हैं।
चर्चाओं के अनुसार जनसंपर्क विभाग में खाली दिमाग शैतान का घर के लिए विख्यात कुछ विघ्न संतोषियों द्वारा विभाग के बारे में सोचने के बजाए अपनी दुकान कैसे चले इस बारे में ही तिकड़म लगाईं जाकर जनसंपर्क अधिकारी संघ का दुरूपयोग किया जा रहा है। प्रदेश में जहां अनेक पीआरओ का काम सूचना सहायक चला रहे हों, इसके लिए आवाज उठाने के बजाए रक्षात्मक मुद्रा में आया अधिकारी संघ भी उपहास का ही पात्र बन चुका है।
(साई)
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