सीएम को भी ठेंगा दिखाता है जनसंपर्क
(विस्फोट डॉट काम)
भोपाल (साई)। मध्यप्रदेश में जनसंपर्क संचालनालय में जमकर घमासान मचा हुआ है। जबसे सारी शक्तियां अतिरिक्त संचालक लाजपत आहूजा के इर्दगिर्द आकर समटी हैं, तबसे जनसंपर्क संचालनालय में मनहूसियत छाने लगी है। वरिष्ठ अधिकारियों के बीच अब वर्चस्व की अघोषित जंग तेज हो गई है। इसका सीधा असर भारतीय जनता पार्टी की शिवराज सिंह सरकार पर पड़ता दिख रहा है।
पिछले दिनों न्यूयार्क में संयुक्त राष्ट्र लोक सेवा दिवस पर मध्य प्रदेश को सम्मानित किया गया। इसकी खबर जनसंपर्क संचालनालय द्वारा जारी ही नहीं की गई जबकि यह मध्य प्रदेश विशेषकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के लिए बहुत गौरव की बात थी। चर्चाओं को सही मानें तो सरकार की छवि चमकाने के लिए पाबंद एमपी पब्लिसिटी डिपार्टमेंट की कमान सत्ता के बजाए संगठन के हाथों में चली गई है जिसके चलते अब विभाग का ध्यान सत्ता के बजाए संगठन की छवि चमकाने में लग गया है। आरोपित है कि इसके पहले दिल्ली स्थित विभाग के कार्यालय द्वारा भी इसी तरह की कवायद की गई थी।
उधर न्यूयार्क में शिवराज सिंह चौहान प्रदेश का डंका पीट रहे थे तो इधर जनसंपर्क गाफिल हो अपने में ही मस्त दिखाई दे रहा है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष प्रभात झा के प्रभाव से प्रदेश के जनसंपर्क की कमान थामने आये लाजपत आहूजा सीएम से ज्यादा प्रभात झा से अपना रिश्ता ठीक रखना चाहते हैं क्योंकि वे यह जानते हैं कि अगर प्रभात झा का हाथ उनके सिर पर रहेगा तो सीएम भी उनका कुछ बिगाड़ नहीं सकते। वैसे भी भोपाल के राजनीतिक गलियारों में अक्सर अफवाहें तो उड़ती ही रहती हैं कि अगले चुनाव में सीएम पद पर दावेदारी करने के लिए प्रभात झा अभी से गोटियां बिछा रहे हैं और पहला कब्जा उन्होंने मध्य प्रदेश जनसंपर्क पर किया है ताकि अपनो को उपकृत करने के साथ ही अपनी छवि को चमका सकें। ऐसे में जनसंपर्क अगर सीएम को भी ठेंगा दिखा देता है तो इसमें हर्ज क्या है?
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