वैंकट वार्ड खिरहनी फाटक में स्मैक एवं गांजे की विकवाली जोरों पर।
नशीले पदार्थों को बेचने वाले चुस्त, विभाग हुआ सुस्त।
क्या फलता फूलता रहेगा यह अवैध व्यापार।
कटनी// लखन लाल
1.वैकंट वार्ड खिरहनी फाटक में इन दिनों स्मैक एवं गांजे की विकवाली जोरो पर देखी जा रही है। इस तरह के मादक पदार्थ बेचने वालों के हौसले कितने बुलन्द है कि वेखौफ पुलिस की नजर में घुल झोंक कर ये नरकीय काम किये जा रहे हैं। किसी तरह से यदि चंद ईमानदार पुलिस को इसकी सूचना मिलती भी तो इस काले काम को करने वालों के पास पुलिस से भी अधिक जल्दी सूचना मिल जाती है कि पुलिस आ रही हैं ऐसा मालूम होता है कि पुलिस से ज्यादा इन अवैध कारोबार को करने वालों के खुपिया तंत्र मजबूत हैं। जब ये चंद ईमानदार पुलिस वहां पहुंचती है तो सिवाये निरासा के कुछ हासिल नहीं होता हैं। इस अवैध नशीले पदार्थ की बिकवाली में 13 से लेकर उर्म दराज लोगों को लगाया जाता है। तथा इन्हें मजदूरी के तौर पर वही स्मैक 1 पुड़िया थमा दी जाती है जिससे ये लोग इस नशे के आदी हो चूके हैं। यही नबालिक किशोर रात को इस स्मैक जैसी नशीले पदार्थ का सेवन करके नशे में इतने लीन हो जाते है कि दूसरों के घर में चोरी भी करने पहूॅच जाते और-तो-और ऐ ऐसा नशा है कि ये नबालिक नशा करने के बाद ये भी नही समझ पाते की ये क्या कर रहे हैं। इन्हें तो बस अपराध करने से मतलब रहता हैं।
2. नशे की लत में इतने मशगुल हो गये हैं कि जब ये घर जाते है तो खाना तो दूर अपने माता-पिता को भी भूल जाते है उन्हें गंदी-गंदी गालियां भी देने से नहीं चूकते।
3.हमारी आने वाली पीढ़ी वेवजह बरबाद हो रही है इन मादक पदार्थ से आमदनी तो बेहिसब होती है किन्तु इस अवैघ नशे का काम करने वाले ये नहीं समझ पाते की इस तरह के काम में कोई अपना भी बरबाद हो रहा है।
4. इस तरह के मादक पदार्थों का काम कोई बिना किसी संरक्षण के कभी नहीं कर सकता हैं। वार्ड की जनता तो यह भी कहती है इस की इस तरह के काम जब तक किसी रसूकदार का हांथ या फिर किसी ऐसे किसी भी आदमी का हांथ होना तय है जो विभाग से ताल्लुक रखता है।
5. इस अवैध काले नशीले धंधे में जुडे़ हुऐ लोगों बस की गलती नहीं हैं इस धंधे में कहीं न कहीं पुलिस विभाग की भी गलती है। जो विभाग में कुछ ऐसे भी पुलिस वाले है जो कहीं कुछ इस तरह से संरक्षण दे कर रखे हैं तभी इस अवैध धंधे में जुडे हुऐ लोगों के हौसलें बुलंद रहतें है। और तो और इस धंधे जुड़े हुऐ लोगों से अपना हपता लेकर चले जाते है।
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