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नरसिंहपुर से सलामत खान की रिपोर्ट....
नरसिंहपुर से सलामत खान की रिपोर्ट....
नरसिंहपुर। जिले के ग्रामीण क्षेत्र में लोगों के लिए पानी का भटकाव शुरू हो गया है। जिससे कई स्थानों पर तो पानी के लिए वाद-विवाद भी हो रहे है। ग्राम बिलहरा के वाशिंदों की शिकायत है कि गांव में 10 वर्षोसे नल जल योजना बंद होने के बाद भी गांव में लगे हेंडपंप नहीं सुधारे गए है। हरिजन बस्ती में लगे हेंडपंप से केरोसिन की गंधयुक्त पानी निकलने के बाद लोक स्वास्थ्य यात्रिंकी विभाग के अधिकारी हैंडिल निकालकर ले गए और अब तक नल में सुधार करने नहीं लौटे है। जिससे बस्ती के लगभग 200-250 लोगों को पानी के लिए दूसरे वार्ड में लगे हैंडपंप पर जाकर पानी के लिए परेशान होना पड़ रहा है। हरिजन बस्ती में रहने वाले मुन्नालाल चौधरी, पन्नालाल, कामती आदि की शिकायत है कि पानी की कमी से घर व हेंडपंप पर भी रोज कहा सुनी हो रही है। ग्रामीणों ने मांग की है कि बस्ती में लगे हेंडपंप में सुधार किया जाए जिससे उन्हें पानी की कमी से न जूझना पड़े।
हेंडपंप उगल रहा गंधयुक्त पानी
जिले के सूदूर गांव-कस्बों में पानी की किल्लत शुरू हो गई है। लोगों को गर्मी में पानी का इंतजाम करने छोटे-छोटे बच्चों सहित हेंडपंपों पर भीड़ लगाने की नौबत बनी है। राजमार्ग के समीपी ग्राम बिलहरा में तो स्थिति यह है कि गांव की हरिजन बस्ती में लगे हेंडपंप से गंधयुक्त पानी निकलने की शिकायत के बाद पीएचई ने डेढ़ माह पहले हेंडपंप का हैंडिल निकालकर नल बंद कर दिया और अब तक अधिकारी हेंडपंप को सुधारने नहीं पहुंचे है। गांव में पहले से ही नल जल योजना 10 वर्षो से बंद है और गांव में लगे अधिकांश हेंडपंप हवा उगल रहे है।
5 बंद 5 नल दे रहे कम पानी
ग्रामीणों के अनुसार 4 साढ़े 4 हजार की आबादी वाले गांव में कहने को तो 20-22 हेंडपंप लगे है लेकिन पानी कुछ हेंडपंप से ही निकल रहा है। ग्राम में 5 हेंडपंप 1 वर्ष से पूर्णत: बंद हैं और 5 नलों से कम पानी आ रहा है। पीएचईसे पाइप लाइन बढ़ाने व सुधार करने की कई बार मांग की जा चुकी है लेकिन कार्य नहीं हो रहा है।
फाइलों में दबी जांच
हेंडपंप से गंधयुक्त पानी निकलने की शिकायतें बढऩे के बाद पीएचई ने पहले जांच के लिए सैंपिल लापरवाही पूर्वक जबलपुरभेजे और जब सैंपिल बैरंग लौटे तो उन्हें सागर भेजा गया। जिसके बाद से ही जांच कार्य और रपट विभाग की फाइलों में बंद है। अधिकारी इस मामले में स्थिति स्पष्ट नहीं कर पाए हैं।
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