दोपहर बाद के साढ़े तीन बजे का समय था......परिवर्तन रैली के बाद कांग्रेसी नेताओं का काफिला चला जा रहा था... जीमरघाटी के बीच अचानक तीन नक्सली पहाड़ पर हवाई फायर करते दिखे... नक्सलियों ने आगे नहीं बढ़ने की चेतावनी दी.....काफिला आगे बढ़ता रहा.....काफिले के आगे बढ़ते ही अचानक चारों ओर बम फटने लगे और दनादन गोलियां चलने लगीं...देखते ही देखते आसपास मौत का मंजर नजर आने लगा...
परिवर्तन यात्रा में शामिल बिलासपुर के युवा नेता प्रदेश कांग्रेस के सचिव डा. विवेक बाजपेयी ने यह आपबीती सुनाई। हादसे के बाद अपने घायलों को लेकर जगदलपुर के जिला अस्पताल पहुंचे डा. बाजपेयी ने फोन पर बात करते हुए बताया कि नेताओं का काफिला शेड्यूल टाइम से कुछ विलंब से चल रहा था। काफिला थाने से पांच किमी दूर जीरम घाटी में बंजारी मंदिर के पास पहुंचा था। उनकी गाड़ी काफिले में कुछ पीछे चल रही थी, शाम लगभग 4 बजकर 25 मिनट पर उनके वाहन के पास पहाड़ी पर तीन नक्सली हवाई फायर करते नजर आए। ये नक्सली काफिले को आगे नहीं बढ़ने की चेतावनी दे रहे थे, फायरिंग होते देख वे हड़बड़ाए, लेकिन उनकी चेतावनी को दरकिनार करते हुए कांग्रेसी नेताओं का काफिला आगे बढ़ गया।
नक्सली हमले की आशंका के मद्देनजर काफिले में शामिल सभी वाहन तेज चलने लगे। आगे एक ट्रक खड़ा था, जिसके टायर गोली मारकर बर्स्ट कर दिए गए थे, इससे जाम लग रहा था। डा. बाजपेयी ने बताया कि जाम लगने के बावजूद उनकी गाड़ी तेजी से आगे निकलते हुए कांग्रेस नेता महेंद्र कर्मा के वाहन के पास पहुंच गई। इसी समय अचानक दस फीट दूर बम विस्फोट हुआ और दनादन गोलियां चलनी शुरू हो गईं। अचानक हमला होने से सभी हड़बड़ा गए, किसी को कुछ समझ में नहीं आया। चारों ओर से बम फटने, गोलियां चलने की आवाजें आने लगीं। घायलों की चीख पुकार भी सुनाई देने लगी।
डा. बाजपेयी के अनुसार उनके आसपास की सभी गाड़ियों पर सवार लोगों को गोलियां लगीं, उनकी गाड़ी पर भी हमला हुआ और ड्राइवर सहित पीछे बैठे तीन लोग घायल हो गए, उनके सिर के ऊपर से कई गोलियां निकलीं, दूसरों के साथ ही साथ उन्हें भी मौत काफी करीब नजर आने लगी, लेकिन भाग्य से वे बच गए। उन्होंने बताया कि नक्सली लगभग एक घंटे तक अंधाधुंध फायरिंग करते रहे। फायरिंग से बचने के लिए लोगों को जहां जगह मिली, वे वहां छिप गए। कुछ देर बाद नक्सली वाहनों के आसपास आकर सभी का नाम पता पूछने लगे और गोलियां मारने लगे। इसी बीच पता चला कि कुछ नक्सलियों ने कांग्रेस नेता महेंद्र कर्मा को गोली मार दी है और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नंदकुमार पटेल को बाइक पर बैठाकर ले गए हैं। जानकारी मिलने के बाद सभी के होश उड़ गए।
लगभग एक घंटे तक गोलीबारी करने के बाद नक्सली कुछ शांत होकर लौटने लगे, उसके बाद सभी घायल कांग्रेसी नेता गाड़ियों से बाहर निकले, चारों ओर कराह की आवाजें आने लगीं। वे भी अपनी गाड़ी पर सवार घायलों को बाहर निकालकर उनके साथ दूसरे घायलों की मरहम पट्टी करने की कोशिश करने लगे। इस बीच नक्सलियों ने सभी वाहनों को खंगाल डाला और सभी के सेल फोन सहित अन्य सामग्रियों को अपने कब्जे में ले लिया। डॉ वाजपेयी सौभाग्यशाली थे कि उनका मोबाइल गाड़ी के नीचे गिरने से बच गया। वाहनों की सर्चिंग के बाद धमकियां देते हुए वे लौट गए।
नक्सलियों के जाने के बाद घायल कांग्रेसी किसी तरह जान बचाने के लिए भागदौड़ करने लगे। लगभग एक घंटे बाद सरकारी मदद मिलने का दौर शुरू हुआ। सीआरपीएफ के जवान भी पहुंच गए, इन जवानों को देखकर सभी की जान में जान आई। एंबुलेंस और सही सलामत निजी वाहनों से अन्य लोगों के साथ खुद डॉ वाजपेयी को जगदलपुर के जिला अस्पताल पहुंचाये गये।
परिवर्तन यात्रा में शामिल बिलासपुर के युवा नेता प्रदेश कांग्रेस के सचिव डा. विवेक बाजपेयी ने यह आपबीती सुनाई। हादसे के बाद अपने घायलों को लेकर जगदलपुर के जिला अस्पताल पहुंचे डा. बाजपेयी ने फोन पर बात करते हुए बताया कि नेताओं का काफिला शेड्यूल टाइम से कुछ विलंब से चल रहा था। काफिला थाने से पांच किमी दूर जीरम घाटी में बंजारी मंदिर के पास पहुंचा था। उनकी गाड़ी काफिले में कुछ पीछे चल रही थी, शाम लगभग 4 बजकर 25 मिनट पर उनके वाहन के पास पहाड़ी पर तीन नक्सली हवाई फायर करते नजर आए। ये नक्सली काफिले को आगे नहीं बढ़ने की चेतावनी दे रहे थे, फायरिंग होते देख वे हड़बड़ाए, लेकिन उनकी चेतावनी को दरकिनार करते हुए कांग्रेसी नेताओं का काफिला आगे बढ़ गया।
नक्सली हमले की आशंका के मद्देनजर काफिले में शामिल सभी वाहन तेज चलने लगे। आगे एक ट्रक खड़ा था, जिसके टायर गोली मारकर बर्स्ट कर दिए गए थे, इससे जाम लग रहा था। डा. बाजपेयी ने बताया कि जाम लगने के बावजूद उनकी गाड़ी तेजी से आगे निकलते हुए कांग्रेस नेता महेंद्र कर्मा के वाहन के पास पहुंच गई। इसी समय अचानक दस फीट दूर बम विस्फोट हुआ और दनादन गोलियां चलनी शुरू हो गईं। अचानक हमला होने से सभी हड़बड़ा गए, किसी को कुछ समझ में नहीं आया। चारों ओर से बम फटने, गोलियां चलने की आवाजें आने लगीं। घायलों की चीख पुकार भी सुनाई देने लगी।
डा. बाजपेयी के अनुसार उनके आसपास की सभी गाड़ियों पर सवार लोगों को गोलियां लगीं, उनकी गाड़ी पर भी हमला हुआ और ड्राइवर सहित पीछे बैठे तीन लोग घायल हो गए, उनके सिर के ऊपर से कई गोलियां निकलीं, दूसरों के साथ ही साथ उन्हें भी मौत काफी करीब नजर आने लगी, लेकिन भाग्य से वे बच गए। उन्होंने बताया कि नक्सली लगभग एक घंटे तक अंधाधुंध फायरिंग करते रहे। फायरिंग से बचने के लिए लोगों को जहां जगह मिली, वे वहां छिप गए। कुछ देर बाद नक्सली वाहनों के आसपास आकर सभी का नाम पता पूछने लगे और गोलियां मारने लगे। इसी बीच पता चला कि कुछ नक्सलियों ने कांग्रेस नेता महेंद्र कर्मा को गोली मार दी है और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नंदकुमार पटेल को बाइक पर बैठाकर ले गए हैं। जानकारी मिलने के बाद सभी के होश उड़ गए।
लगभग एक घंटे तक गोलीबारी करने के बाद नक्सली कुछ शांत होकर लौटने लगे, उसके बाद सभी घायल कांग्रेसी नेता गाड़ियों से बाहर निकले, चारों ओर कराह की आवाजें आने लगीं। वे भी अपनी गाड़ी पर सवार घायलों को बाहर निकालकर उनके साथ दूसरे घायलों की मरहम पट्टी करने की कोशिश करने लगे। इस बीच नक्सलियों ने सभी वाहनों को खंगाल डाला और सभी के सेल फोन सहित अन्य सामग्रियों को अपने कब्जे में ले लिया। डॉ वाजपेयी सौभाग्यशाली थे कि उनका मोबाइल गाड़ी के नीचे गिरने से बच गया। वाहनों की सर्चिंग के बाद धमकियां देते हुए वे लौट गए।
नक्सलियों के जाने के बाद घायल कांग्रेसी किसी तरह जान बचाने के लिए भागदौड़ करने लगे। लगभग एक घंटे बाद सरकारी मदद मिलने का दौर शुरू हुआ। सीआरपीएफ के जवान भी पहुंच गए, इन जवानों को देखकर सभी की जान में जान आई। एंबुलेंस और सही सलामत निजी वाहनों से अन्य लोगों के साथ खुद डॉ वाजपेयी को जगदलपुर के जिला अस्पताल पहुंचाये गये।
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