गौरतलब है की 16 जुलाई 2012 को इस महिला ने चूहे मारने वाली दवा पीकर आत्महत्या करने की कोशिश की। हॉस्पिटल में जब जांच हुई तो पता चला कि महिला के गुप्तांग पर ताला जड़ा है। जांच करने वाली महिला डॉक्टर विभा ने अदालत में बताया था कि , ‘जब इस ताले के बारे में मरीज से जानकारी ली गयी तो उसने बताया कि उसके पति ने चार साल पहले उसे गांजा पिलाकर बेहोश कर दिया था। इसके बाद एक नुकीले औजार से छेद करके उसके गुप्तांग पर ताला लगा दिया था।
अभियोजन पक्ष की वकील ज्योति तोमर ने बताया कि क्रूरता की शिकार महिला अपने पति के खिलाफ लगाये गये संगीन आरोपों से इंकार करते हुए खुद के पुराने बयानों से अदालत में पलट गयी थी। साक्ष्यों और स्वतंत्र गवाहों के बयान से अभियोजन पक्ष कोर्ट के सामने यह साबित करने में सफल रहा कि पेशे से ऑटो मैकेनिक सोहनलाल ने अपनी पत्नी के चरित्र पर शक के चलते कम से कम चार साल तक उसके गुप्तांग पर ताला लगाकर रखा और वह इस ताले को वक्त-वक्त पर खोलता और बंद करता रहा।
अभियोजन की गवाह ने बताया कि उसने पुलिस की मुहैया करायी गयी चाबी से महिला के गुप्तांग पर लगा ताला खोला था। सूत्रों के मुताबिक सोहनलाल रोज सुबह काम पर जाने से पहले अपनी पत्नी के गुप्तांग पर ताला लगा देता था। रात को काम से लौटने के बाद वह यह ताला खोल देता था। सोहनलाल इस ताले की चाबी हमेशा अपने पास रखता था।
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