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गाडरवारा -गत दिवस वंदे मातरम एकता संगठन के संस्थापक एंव स्वतंत्र समय संवाददाता सतीष लमानिया ने अपना जन्म दिन मां नर्मदा के तट थरेरी घाट पर मां नर्मदा की पूजन अर्चन एंव आरती कर घाट पर स्थित मां राज राजेष्वरी से आर्षीवाद प्राप्त कर मंदिर प्रांगण में नारायण चैतन्य जी महाराज के सानिघ्य में पौधारोपण कर अपना जन्म दिवस मनाया । इस अवसर पर पीपल वृक्ष लगाया गया ,पीपल की अनेको विषेषताएं है जिसमें मुख्य वायु यह है कि सबसे ज्यादा आक्सीजन की मात्रा पीपल से मिलती है इसमें ब्रम्हदेव का वास होने के कारण इसकी पूजन भी होती है अतः अनेकों प्रकार की औषधियों में काम आने वाला यह बड़ा ही पवित्र है इसकी प्रजाति आज के समय में विलुप्त होती जा रही है इस कारण समाज को यह संदेष है कि ज्यादा से ज्यादा वट,पीपल,नीम,आवंला,कदम,अषोक के वृक्ष लगाकर वातावरण को प्रदूषित होने से बचायें । इस अवसर पर नारायण चैतन्यजी महाराज ,कपिल दुबे, ष्याम वैष्णव,विकास चौररिया, विनयसिंह राजपूत,जगदीष आचार्य, अष्विनी जैन,मेजर राकेष षर्मा,प्रहलाद कौरव, आषीष राय, कमलेष पटैल,पप्पू गुप्ता,लोचन स्वामी,षिल्पी जैन,राजेष शर्मा, आदि मित्रो एंव वरिष्ठ जनो ने बधाईयां दी ।
गाडरवारा -गत दिवस वंदे मातरम एकता संगठन के संस्थापक एंव स्वतंत्र समय संवाददाता सतीष लमानिया ने अपना जन्म दिन मां नर्मदा के तट थरेरी घाट पर मां नर्मदा की पूजन अर्चन एंव आरती कर घाट पर स्थित मां राज राजेष्वरी से आर्षीवाद प्राप्त कर मंदिर प्रांगण में नारायण चैतन्य जी महाराज के सानिघ्य में पौधारोपण कर अपना जन्म दिवस मनाया । इस अवसर पर पीपल वृक्ष लगाया गया ,पीपल की अनेको विषेषताएं है जिसमें मुख्य वायु यह है कि सबसे ज्यादा आक्सीजन की मात्रा पीपल से मिलती है इसमें ब्रम्हदेव का वास होने के कारण इसकी पूजन भी होती है अतः अनेकों प्रकार की औषधियों में काम आने वाला यह बड़ा ही पवित्र है इसकी प्रजाति आज के समय में विलुप्त होती जा रही है इस कारण समाज को यह संदेष है कि ज्यादा से ज्यादा वट,पीपल,नीम,आवंला,कदम,अषोक के वृक्ष लगाकर वातावरण को प्रदूषित होने से बचायें । इस अवसर पर नारायण चैतन्यजी महाराज ,कपिल दुबे, ष्याम वैष्णव,विकास चौररिया, विनयसिंह राजपूत,जगदीष आचार्य, अष्विनी जैन,मेजर राकेष षर्मा,प्रहलाद कौरव, आषीष राय, कमलेष पटैल,पप्पू गुप्ता,लोचन स्वामी,षिल्पी जैन,राजेष शर्मा, आदि मित्रो एंव वरिष्ठ जनो ने बधाईयां दी ।
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