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नई दिल्ली: देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्यारों की रिहाई पर फिलहाल रोक लगा दी गई है। इस फैसले से तमिलनाडु की जयललिता सरकार को बड़ा झटका लगा है। जयललिता सरकार ने बुधवार को राजीव गांधी की हत्या के सभी सात दोषियों को रिहा करने का फैसला किया था जिसके खिलाफ केंद्र ने याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को हत्यारों की रिहाई पर रोक लगाते हुए तमिलनाडु सरकार को नोटिस जारी कर दो हफ्ते के भीतर जवाब मांगा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि तमिलनाडु सरकार को कानूनी प्रक्रिया का पूरा पालन कर लेना चाहिए था।
गौर हो कि गृह मंत्रालय ने कहा था कि तमिलनाडु की जयललिता सरकार को राजीव गांधी के हत्यारों को जेल से रिहा करने का अधिकार नहीं है। गृह मंत्रालय ने तमिलनाडु सरकार के फैसले पर आपत्ति जताई थी। राज्य सरकार को अपने इस फैसले को अमल में लाने के लिए पहले केंद्र सरकार से अनुमति लेनी होगी।
गौर हो कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या की साजिश के सात दोषियों पेरारिवलन, मुरुगन, संथन, रॉबर्ट, राजकुमार, नलिनि और रविचंद्रन को जयाललिता सरकार ने रिहा करने का फैसला कियाथा। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार 18 फरवरी को पेरारिवलन, मुरुगन, संथन की फांसी की सजा उम्रकैद में बदली थी। मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने फांसी में देरी के आधार पर संथन, मुरुगन और पेरारिवलन की फांसी को उम्रकैद में बदल दिया था।
नई दिल्ली: देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्यारों की रिहाई पर फिलहाल रोक लगा दी गई है। इस फैसले से तमिलनाडु की जयललिता सरकार को बड़ा झटका लगा है। जयललिता सरकार ने बुधवार को राजीव गांधी की हत्या के सभी सात दोषियों को रिहा करने का फैसला किया था जिसके खिलाफ केंद्र ने याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को हत्यारों की रिहाई पर रोक लगाते हुए तमिलनाडु सरकार को नोटिस जारी कर दो हफ्ते के भीतर जवाब मांगा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि तमिलनाडु सरकार को कानूनी प्रक्रिया का पूरा पालन कर लेना चाहिए था।
गौर हो कि गृह मंत्रालय ने कहा था कि तमिलनाडु की जयललिता सरकार को राजीव गांधी के हत्यारों को जेल से रिहा करने का अधिकार नहीं है। गृह मंत्रालय ने तमिलनाडु सरकार के फैसले पर आपत्ति जताई थी। राज्य सरकार को अपने इस फैसले को अमल में लाने के लिए पहले केंद्र सरकार से अनुमति लेनी होगी।
गौर हो कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या की साजिश के सात दोषियों पेरारिवलन, मुरुगन, संथन, रॉबर्ट, राजकुमार, नलिनि और रविचंद्रन को जयाललिता सरकार ने रिहा करने का फैसला कियाथा। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार 18 फरवरी को पेरारिवलन, मुरुगन, संथन की फांसी की सजा उम्रकैद में बदली थी। मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने फांसी में देरी के आधार पर संथन, मुरुगन और पेरारिवलन की फांसी को उम्रकैद में बदल दिया था।
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