संतोष डोंगरे वनरक्षक की धोखाधड़ी सिद्ध
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सिवनी से नवीन जायसवाल की रिपोर्ट
(टाइम्स ऑफ क्राइम)
सिवनी। वन विभाग सिवनी वनरक्षक भर्ती में फर्जी दस्तावेज के आधार पर प्राप्त की गई नियुक्ति की प्रकाशित खबरों पर की गई जांच पर संतोष डोंगरे की नियुक्ति में हुई धांधली सामने आ गई। अपनी प्रकाशित खबर में ''टाइम्स ऑफ क्राइम'' ने खुलासा किया था। एक लिखित शिकायत भी वन विभाग को दी थी। जांच करने पर मामले को सही पाया गया। जिसकी रिपोर्ट वन मंडल अधिकारी दक्षिण सिवनी सामान्य वन मंडल ने जिला कलेक्टर सिवनी को भेज दी है।
मामला वन विभाग सें जुड़ा हुआ है। जिसमें संतोष डोंगरे वनरक्षक द्वारा सन् 2008 में वन विभाग सिवनी में दैनिक वेतन भोगी श्रमिक से वनरक्षक भर्ती का है। जिसमें इनकी भर्ती वनरक्षक के पद में हुई। जब''टाइम्स ऑफ क्राइम'' के संवाददाता द्वारा सूचना के अधिकार के तहत इनकी जानकारी निकालकर मुख्य वनसंरक्षक सिवनी को शिकायत की गई व इसकी विभागीय जांच रेवाशंकर कोरी वनमंडलाधिकारी दक्षिण सिवनी सामान्य वनमंडल के द्वारा निष्पक्षता के साथ जांच करते हुए संतोष डोंगरे वनरक्षक को विभागीय जांच में म.प्र. तृतीय श्रेणी (अलिपिकीय वर्गीय) वन सेवा भर्ती नियम 2000 व वनरक्षक पद की नियुक्ति पत्र की शर्त के अनुसार 26 जनवरी 2001 के बाद तीसरा बच्चा पाया गया है। जिसमें यह दोषी पाये गये है।
संतोष डोंगरे का जांच प्रतिवेदन क्रमांक 4770 सिवनी दिनांक 30.12.2013) को अनुशासनात्मक कार्यवाहीं हेतु वनमंडलाधिकारी दक्षिण सिवनी सामान्य मंडल के द्वारा मुख्य वनसंरक्षक वन वृत सिवनी को प्रेषित कर दिया है। जिसके अनुसार इनकी सेवा समाप्त कर इनके ऊपर आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध करने को कहा गया हैं। अब देखना यह हैं कि ईमानदार व्यक्तित्व वाले ख्याति प्राप्त मुख्य वनसंरक्षक अनिल कुमार श्रीवास्तव वनवृत सिवनी के द्वारा आगामी कार्यवाहीं कब तक होती है। वन विभाग सिवनी के भ्रष्टाचारियों को कब तक सजा दिलवा सकते है।
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