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बीकानेर से हरिओम गर्ग की रिपोर्ट.
बीकानेर के न्यायिक मजिस्ट्रेट नंबर एक की अदालत ने प्रस्तुत परिवाद में उस लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी रहे रामप्रताप कासनिया और अग्रवाल के खिलाफ 18 सितम्बर 1999 को दायर मामले में भारतीय दंड संहिता की धाराओं 501, 502 एवं धारा 125 जन प्रतिनिधि अधिनियम के तहत सम्बंधित अदालत ने प्रसंज्ञान लेते हुए दोनों को जारी कर अदालत में पेश होने के आदेश दिए थे. कासनिया को अदालती सम्मन तामील हो जाने के बाद अग्रवाल को भोपाल के पते पर भिजवाये गए सम्मन तामील नहीं हो पाये तो अदालत ने जमानती वारंट के ज़रिये कई दफा सम्मन भिजवाये थे.
आखिरकार ज़मानती वारंट भिजवाये गए थे और तब रमेशचंद्र अग्रवाल ने अधीनस्थ न्यायलय में तारीख पेशी पर उपस्थित होने के लिए ज़मानत मुचलके दिए थे. अधीनस्थ न्यायलय द्वारा प्रसंज्ञान लिए जाने को चुनौती देते हुए अग्रवाल ने ऊपरी अदालत में अपील दायर की थी. उक्त अदालत ने राहत की अपील को खारिज़ कर अब रमेशचंद्र अग्रवाल को 3 मार्च 2014 को सम्बंधित निचली अदालत में पेश होने के आदेश दिए हैं. अदालती आदेश में कहा गया है कि यदि अभियुक्त रमेश चन्द्र अग्रवाल निचली अदालत में उस दिन पेश ना हो तो न्ययालय अभियुक्त की उपस्थिति के लिए उसके गिरफ्तारी वारंट ज़ारी करने के लिए स्वतंत्र है.
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