मोदी सरकार द्वारा नोटों पर बैन लगाए जाने के बाद पुराने नोट सिर्फ कागज के टुकड़े बनकर रह गए हैं। इसका दर्द एक बीजेपी नेता को भी झेलना पड़ा। दरअसल बीजेपी नेता ने अपना लीवर ट्रांसप्लांट कराने के लिए 11 लाख रुपए एकत्र किए थे, लेकिन दिल्ली के एक अस्पताल ने इन नोटों को लेने से मना कर दिया है। बीजेपी नोटों ने ये पैसे अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से लिए थे ताकि अपनी जान बचा सके। मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले के लिधोरा के भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष हरि किशन गुप्ता ने कहा कि वह अपनी पार्टी के फैसले के शिकार हो जाएंगे अगर अगले पांच दिन में उनका ट्रांसप्लाट नहीं हुआ तो वह मर जाएंगे। उन्होंने बताया कि नोएडा के जेपी अस्पताल ने लिवर ट्रांसप्लांट के लिए 19 लाख रुपए मांगे थे। 13 नवंबर पर ऑपरेशन होना था, लेकिन उससे पहले ही नोटों को अमान्य करार कर दिया गया था।
टीओआई के मुताबिक उनके परिवार ने बताया कि लिवर फेल होने के बाद से 5 महीनों से वह बिस्तर पर हैं। उनका बेटा समोसे और चाय की एक छोटी से दुकान चलाता है। उनके अमित गुप्ता ने कहा कि नोटबंदी हमारे लिए झटके के समान थी, हमारे पास कैश में पैसे थे, जिसे हमने रिश्तेदारों और दोस्तों से एकत्र किया था। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के टीवी पर भाषण देने के बाद हमने स्थानीय बीजेपी नेताओं टीकमगढ़ के बीजेपी सांसद वीरेंद्र खटिक, बीजेपी एमएलए केके श्रीवास्तव (टीकमगढ़), अनिता नायक (पृथ्वीपुर) से मदद मांगी थी लेकिन किसी ने मदद का भरोसा नहीं दिया। समय बीतता जा रहा थआ।
मरीज के भाई हरि मोहन गुप्ता ने बताया कि किस्मत के मेरी लिवर भाई से मैच कर गया लेकिन नोट की समस्या ने हमें मार दिया है। हमारे पास 11 लाख रुपए हैं लेकिन ऑपरेशन के लिए 19 लाख रुपए की जरुरत है। अब परिवार ने अपना घर बेचने का फैसला किया है। लेकिन किसी ने भी घर खरीदने के लिए अभी तक उनसे संपर्क नहीं किया है। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर को देश को संबोधित करते हुए 500 और 1000 रुपए के नोटों को रात 12 बजे के बाद से बंद करने का ऐलान किया था।
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