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कोई भी उपभोक्ता एक आईडी पर 9 जियो सिम खरीद सकता है।
रिलायंस जियो इंफोकॉम को सरकार ने क्लिन चिट देते हुए कहा कि मुकेश अंबानी के मालिकाना हक वाली कंपनी ने मुफ्त में सर्विस उपलब्ध कराकर किन्हीं नियमों का उल्लंघन नहीं किया है। बुधवार को पार्लियामेंट में टेलिकॉम मिनिस्टर मनोज सिन्हा ने कहा, ‘जब स्पेक्ट्रम आवंटन में ऐसे कोई दिशा-निर्देश नहीं हैं कि ग्राहकों को किस दर पर सर्विस उपलब्ध करवाई जाए तो स्पेक्ट्रम आवंटन के दिशा-निर्देशों के उल्लंघन का सवाल ही पैदा नहीं होता।’
इसके लिए सवाल संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन ओडिशा के सांसद तथागत सत्पाथी ने पूछा था। कई दूरसंचार कंपनियों ने इसकी शिकायत की थी कि जियो ने कम से कम इंटरकनेक्ट की रेट 14 पैसे प्रति मिनट से भी कम में सर्विस उपलब्ध करवाकर जियो ने टेलिकॉम टैरिफ ऑर्डर का उल्लंघन किया है। पिछले महीने की शुरुआत में भारती एयरटेल, वोडोफोन इंडिया, आइडिया और टेलिनॉर ने ट्राई से शिकायत की थी। शिकायत में कहा था कि रिलायंस जिओ की मुफ्त वॉयस और डाटा पैक मार्केट रेट से भी नीचे है, यह टेलिकॉम टैरिफ ऑर्डर 2004 का उल्लंघन है।
हालांकि, ट्राई ने कहा था कि रिलायंस ने मुफ्त में सेवाएं देकर किसी रूल का उल्लंघन नहीं किया। इसके साथ ही सितंबर महीने में रिलायंस जियो ने एयरटेल, वोडाफोन व आइडिया सेल्यूलर जैसी कंपनियों के खिलाफ इंटरकनेक्शन उपलब्ध नहीं कराने को लेकर शिकायत की थी। रिलायंस जियो की शिकायत के मुताबिक एयरटेल, वोडाफोन व आइडिया आदि मौजूदा कंपनियां इंटरकनेक्शन के मामले में उसका सहयोग नहीं कर रहीं। कंपनी का कहना था कि पिछले कुछ दिनों में इस मामले में हालात अधिक खराब हुए हैं।
बीते 10 दिन में ही उसके यहां से एयरटेल नेटवर्क पर की गईं 22 करोड़ से अधिक काल विफल रहीं। इसी तरह एयरटेल, वोडाफोन व आइडिया तीनों कंपनियों के नेटवर्क पर उसकी कुल मिलाकर 52 करोड़ काल पूरी नहीं हो सकीं। हालांकि इसके बाद आईडिया और एयरटेल टेलिकॉम ने रिलायंस जियो को और अधिक इंटरकनेक्शन प्वाइंट उपलब्ध कराने का फैसला किया है। बता दें, रिलायंस जियो ने मुफ्त कॉलिंग, मैसेज और इंटरनेट की सुविधा अपने ग्राहकों को दी थी। इसके बाद काफी संख्या में लोगों ने रिलायंस की जियो सिम को खरीदा। यह सर्विस दिसंबर 2016 तक बिल्कुल मुफ्त है।
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